मित्रों मुझे आपकी ओर से शुभकामनाओं के अनेक मेल्स व नोटिफिकेशन मिले है। इसके लिये मै आपका हृदय से आभारी हूँ। आप मे से कुछ मित्र निरन्तर मुझे पीडीफ के फार्म मे सारी कहानियों की प्रति मेल द्वारा भेजने की पेशकश करते है। इसका कारण मेरी समझ से बाहर है क्योंकि मैने आपकी सुविधा हेतु अपनी सारी कहानियाँ तो इस ब्लाग पर पहले से ही डाल दी है। यह सारी कहानियाँ आप अपने स्मार्टफोन पर अथवा लैप्टाप पर आसानी से पढ़ सकते है। 'अफ़गान' व 'तालिबान' के समय मेरी कहानियों को पढ़ने वाले पाठक कम थे जिसके कारण मै उन कहानियों की पीईडीएफ फाइल बना कर उनको मेल पर भेज देता था। अब संख्या बढ़ने के कारण मेरे लिये ऐसा करना मुश्किल होगा। मेरा आप लोगो से निवेदन है कि आप अपने विचार व संदेश खुल कर रखिये परन्तु कृपया करके मुझे ऐसे किसी धर्म संकट मे न डालिये। आपका शुभेच्छु वीर राठौर
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