सोमवार, 28 अक्टूबर 2024

 

 

शह और मात-22

 

छोटे टर्बो पैसेंजर प्लेन मे चौदह लोग मेरे साथ इस्लामाबाद जा रहे थे। एयरपोर्ट मे प्रवेश करते ही एक व्यक्ति पर नजर पड़ते ही मै चौंक गया था। इस्लामाबाद स्तिथ चीनी दूतावास की अतिरिक्त सचिव फाँग लियु वांग कुछ अमरीकन आला अफसरों के साथ बातचीत मे उलझी हुई थी। वालकाट धीरे से बोला… यह डेलीगेशन उस चीनी छिनाल के दबाव मे पाकिस्तान जा रहा है। राहदारी रुकने के कारण सी-पैक का काम भी रुक गया है। इतना बोल कर वह मुझे एक किनारे मे छोड़ कर उनकी दिशा मे चला गया था। थोड़ी देर मे ही कुछ नाटो के अफसर भी पहुँच गये थे। वालकाट ने सभी का परिचय डेलीगेशन के मुखिया सिनेटर राबिन्सन से कराया जिसमे मै भी शामिल था। फाँग लियु वांग ने मुझसे हाथ मिलाते हुए पूछा… मिस्टर सैम, मुझे लगता है कि मै आपसे पहले भी मिल चुकी हूँ। …सौरी, मुझे नहीं लगता। मै तो आफिस की डेस्क संभालता हूँ इसलिये कम ही लोगों के सामने आता हूँ। बस हमारे बीच मे इतनी बात हुई थी लेकिन मैने महसूस किया कि उसकी नजरे काफी देर तक मेरा पीछा करती रही थी। बोर्डिंग का इशारा मिलते ही हम सब प्लेन की दिशा मे चल दिये थे। फाँग लियु वांग सबसे आगे सीनेटर राबिन्सन के साथ बैठी थी। मै वालकाट के साथ सबसे पीछे जाकर बैठ गया।

मुश्किल से फ्लाईट उड़ने के दस मिनट के बाद अचानक फाँग लियु वांग उठ कर पीछे की ओर बढ़ती हुई दिखी तो मै सावधान होकर बैठ गया। वालकाट धीरे से फुसफुसा कर बोला… सैम, यह जहरीली नागिन है। इस से संभल कर रहना। तब तक वह हमारे पास पहुँच गयी थी। …मिस्टर एंथनी, सिनेटर राबिन्सन आपसे कुछ बात करना चाहते है। वालकाट ने एक बार मेरी ओर देख कर पूछा… अभी। …यस। वालकाट उठ कर आगे चला गया और उसकी जगह पर वह मेरे साथ बैठ गयी थी। उसकी भीनी-भीनी सेन्ट ने आस-पास का वातावरण एकाएक महका दिया था। उसको अनदेखा करने की मंशा से मै खिड़की के बाहर देखने लगा। …सैम। अब उसे अनदेखा करना मुमकिन नहीं था। मैने उसकी ओर देखा तो वह मुस्कुरा कर बोली… मुझे याद आ गया कि मै तुमसे पहले नहीं मिली थी। यह सुन कर दिमाग मे बज रही खतरे की घंटी बजनी बन्द हो गयी थी। …लेकिन हमारा दो बार आमना सामाना हो चुका है। पल भर की राहत के बाद एक बार फिर से मै सावधान हो गया था। …मैने तुम्हें इस्लामाबाद मे रिजवी की पार्टी मे देखा था। यह बोलते हुए वह मेरी ओर गौर से देख रही थी। मुझे ऐसा लगा कि जैसे वह मेरे दिमाग मे उमड़ते हुए सवालों  को पढ़ने की कोशिश कर रही थी। तभी वह बोली… उसके बाद मैने तुम्हें उस दिन शापिंग माल की लिफ्ट मे देखा था। मैने जल्दी से कहा… ओह, मै इतनी खूबसूरत लड़की के चेहरे को भला कैसे भूल गया। आई एम सौरी। वह मुस्कुरा कर बोली… सिर्फ इसलिये कि दोनो बार तुम्हारे साथ मुझसे ज्यादा खूबसूरत पार्टनर थी। इतना बोल कर वह खिलखिला कर हँस पड़ी और मैं एकाएक उसकी इस हरकत पर झेंप मिटाने की कोशिश मे लग गया। हवाई जहाज मे बैठे हुए हमारे सहयात्रियों की नजरें हमारी ओर घूम गयी थी। अचानक वह धीमे स्वर मे बोली… सौरी, आप उस दिन आप बेवजह क्रास फायर मे फँस गये थे। यह सुन कर एकाएक एसी की ठंडक मे मेरा जिस्म पसीने-पसीने हो गया था। काबुल से इस्लामाबाद की आधे घंटे की फ्लाईट थी। इतनी बात करके वह पूरे रास्ते आराम से आँखे मूंद कर बैठी रही लेकिन मै अपनी उधेड़बुन मे उलझ कर रह गया था।

इस्लामबाद एयरपोर्ट पर उतर कर मै और वालकाट आये हुए अमरीकन डेलीगेशन के साथ चले गये थे। बाकी सभी अपनी-अपनी गाड़ियों मे निकल गये थे। फाँग लियु वांग को लेने उसके दूतावास की कार आयी थी। इस्लामाबाद शहर की ओर जाते हुए वालकाट ने पूछा… वह क्या बात कर रही थी? …कोई खास बात नही कर रही थी। …जब तक यहाँ हो तब तक इस नागिन से दूर रहने की जरुरत है। इसकी पहुँच पाकिस्तानी एस्टेबलिश्मेन्ट मे काफी गहरी है। …एंथनी, मुझे लगता है कि मुझे यहाँ पर डिपार्टमेन्ट के साथ दूरी बना कर रखनी चाहिये। सभी चरमपंथी तंजीमों को एक करने मे यह नागिन बहुत बड़ा रोड़ा है। अगर मुझे उनके करीब रह कर काम करना है तो मुझे तुमसे दूरी बना कर रखनी पड़ेगी। …सैम, अब इस मामले मे देर हो गयी है। तुम अब हमारे डेलीगेशन के सदस्य हो तो मीटिंग के बाद ही तुम्हें कोई नयी रणनीति बनानी पड़ेगी। वालकाट की बात ने मेरे मुख पर ताला लगा दिया था। कुछ ही देर मे हम अमरीकन दूतावास पहुँच गये थे। …सैम, कल सुबह दस बजे से मीटिंग शुरु हो जाएगी। इसलिये नौ बजे तक यहाँ पहुँच जाना। यह कार तुम्हारे चार्ज मे है। इतना बोल कर वह मुझे वहाँ छोड़ कर चला गया था। मैने ड्राईवर से मेरिएट होटल चलने के लिये बोल कर आराम से पीठ टिका कर अपनी आगे की कार्यवाही के बारे मे सोचने बैठ गया।

मेरीएट होटल पहुँच कर अपने ड्राईवर से सुबह आठ बजे आने के लिये बोल कर मै अन्दर चला गया था। होटल मे एक रुम लेकर मैने नीलोफर को फोन लगाया तो पहली घंटी पर उसकी जानी पहचानी आवाज कान मे पड़ी… समीर, तुम वापिस कब आ रहे हो। …जानेमन मै मेरिएट मे ठहरा हूँ। तुम कहाँ रह रही हो? वह जल्दी से बोली… पता लिखो। मैने जल्दी से पता लिख कर कहा… नीलोफर, मै कुछ देर मे इसी पते पर पहुँच रहा हूँ। सभी साथियों को खबर कर दो कि वह कल शाम तक यहाँ पहुँच जाये। बस इतनी बात करके मै होटल की टैक्सी लेकर नीलोफर के ठिकाने की ओर चल दिया था। उसका पता एक बहुमंजिली इमारत की दसवीं मंजिल का था। उस पते पर पहुँच कर मैने टैक्सी को वापिस भेज दिया था। कुछ ही देर मे एक विशाल व भव्य आफिस के सामने चकराया हुआ खड़ा था। पीतल के बड़े-बड़े अक्षरों मे गोल्डन इम्पेक्स फाईनेन्स & इन्वेस्टमेन्ट के बोर्ड को देख रहा था। …समीर। नीलोफर की आवाज गूंजी तो मैने चौंक कर मुड़ कर देखा तो वह दौड़ती हुई मेरे करीब आ चुकी थी। जब तक संभल पाता तब तक वह मेरे गले मे बाँहें डाल कर झूल गयी। इतने दिनो की जुदाई के बाद मिलने का उत्साह शांत होने के पश्चात मैने पूछा… तुम क्या आफिस मे रह रही हो? …आफिस का एक हिस्से मे काफी बड़ा आधुनिक रिहायश का इतंजाम है। सुरक्षा की दृष्टि मे यह जगह मुझे उपयुक्त लगी तो इसी को बेस बना लिया। इतना बोल कर हम आफिस के गेट की दिशा मे बढ़ गये थे।

काफी आधुनिक व भव्य आफिस था। सीईओ के आफिस मे प्रवेश करते हुए नीलोफर बोली… यह हमारा आफिस है। इतना बोल कर वह कुर्सी के पीछे बने दरवाजे पर ईलेक्ट्रानिक लाक पर कुछ नम्बर पंच करके बोली… फ्लैट की एँट्री के लिये एक रास्ता यहाँ से भी है। एक खटके के साथ वह दरवाजा खुल गया और हम फ्लैट मे दाखिल हो गये थे। काफी आलीशान फ्लैट था। मैने एक नजर चारों ओर डाल कर कहा… इसका मुख्य दरवाजा कहाँ है? नीलोफर मुझे लेकर एक दिशा मे चल दी थी। दरवाजे के सामने पहुँच कर सारा नक्शा मुझे समझ मे आ गया था। …इसका मुख्य गेट दूसरे विंग मे खुलता है। नीलोफर मुस्कुरा कर बोली… तुम समझ गये कि मै क्या कहना चाहती हूँ। मैने झपट कर उसकी कमर मे हाथ डाल कर हवा मे उठा कर कहा… एक्सीलैन्ट। वह हवा मे झूलते हुए खिलखिला कर हँसते हुए बोली… तुम्हारे आने की राह मै ही नहीं अपितु बहुत से लोग देख रहे है। …वह सब मांगने वाले लोग है। अब हमारा असली काम शुरु करने का समय आ गया है। खाना खाते हुए नीलोफर ने सारे कामकाज की विस्तृत जानकारी देकर कहा… यह जमाल कुरैशी का चक्कर क्या है? मैने गजल और आमेना की कहानी सुना कर कहा… वह ड्रग्स के गोल्डन क्रेसेन्ट की मुख्य पाईपलाइन का मालिक है जिसकी डोर जनरल फैज के हाथ मे है। जनरल फैज को कमजोर करने के लिये हमे इस पाईपलाइन को धव्स्त करना जरुरी है। …जमाल कुरैशी पर हाथ डालना इतना आसान नहीं होगा। …मै जानता हूँ। बस उस रात हमारे बीच इतनी बात हो सकी थी।

अगली सुबह नीलोफर ने मुझे होटल पर समय से पहले छोड़ दिया था। समीर से सैम बन कर ठीक नौ बजे मै अमरीका के दूतावास मे प्रवेश कर चुका था। वालकाट के पास पहुँच कर मैने पूछा… एंथनी अब आगे मेरे लिये क्या निर्देश है? …हम लोग सिर्फ आब्सर्वर है। मैने राबिन्सन को ब्रीफ कर दिया है। अब देखते है कि वह मेरी बात से कितना प्रभावित हुआ है। हम दोनो बात करते हुए एक विशाल से कमरे मे प्रवेश कर गये थे। कुछ जाने-पहचाने चेहरे काफी टेबल के पास एकत्रित होकर किसी मसले पर चर्चा कर कर रहे थे। …सैम, इस्लामाबाद मे हमारे दूतावास का अधिकांश स्टाफ पाकिस्तानी एस्टेबलिश्मेन्ट की हिमायत मे उतरा हुआ है। इसलिये यहाँ पर हमे सावधान रहने की जरुरत है। कुछ ही देर मे हाल मे अमरीकी राजदूत के साथ पाकिस्तानी जनरल महमूद ने प्रवेश किया और उनके पीछे जनरल फैज के साथ पाकिस्तान के गृह मंत्री रशीद व पाँच अन्य सेना के आफीसर आते हुए दिखाई दिये तो हाल मे चुप्पी छा गयी थी। मुख्य मेज पर डेलीगेशन के लोग बैठ गये थे। राबिन्सन के पीछे लगी हुई कुर्सियों पर हम दोनो बैठ गये थे। अमरीकी राजदूत के पीछे दूतावास के अन्य अधिकारी बैठ गये थे। एकाएक माईक पर अमरीकी राजदूत की आवाज गूंजी… हम हमारे मित्र पाकिस्तान के डेलीगेशन का स्वागत करते हुए इस मीटिंग को शुरु करते है। एकाएक सभी असिस्टेंट हाथ मे नोट पैड लिये लिखने के लिये तैयार हो गये थे।

जनरल महमूद ने आतंकवाद के खिलाफ छिड़ी जंग पर लंबी भुमिका बना कर असल मुद्दे को छेड़ते हुए कहा… हाल ही मे मित्र राष्ट्र अपने हिस्से मे आतंकवादी तंजीमों पर अंकुश लगाने मे असफल है। उनकी तंजीमे सीमा पार करके अब हमारी फौजी पोस्ट पर हमला करने लगी है। कुछ दिन पहले ही सीमा पर हमारी पोस्ट पर तालिबान ने हमला करके बीस सैनिकों को शहीद कर दिया था। इस हमले के प्रतिकार मे अभी तक हमने कोई कदम नहीं उठाया है। हम पर जनता की ओर से दबाव है कि हम दोषियों को सजा दें परन्तु अमरीका मित्र राष्ट्र होने के कारण हम सीमा का उल्लंघन नहीं कर रहे है। इस लिये इन तंजीमो पर अंकुश लगाने के लिये जंग के लिये हम मित्र देशों का साथ मांग रहे है। इतना बोल कर जनरल महमूद ने जनरल फैज को इशारा किया और फिर जनरल फैज ने एक लंबी प्रेसेन्टेशन देते हुए उस हमले की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा… मुल्ला के गुट के खिलाफ हमे सख्त एक्शन लेने की जरुरत है। गृह मंत्री रशीद एक मूर्ति कि भाँति चुपचाप सारी बातचीत सुन रहा था। पाकिस्तानी डेलीगेशन की ओर से जनरल महमूद और जनरल फैज की तकरीर समाप्त होने के पश्चात गृह मंत्री रशीद बोला… अमरीका की राहदारी मे तालिबान का मुद्दा एक रोड़ा बना हुआ है। अमरीका जब तक कोई सख्त एक्शन उनके खिलाफ नहीं लेता तब तक सरकार का मानना है कि राहदारी नहीं खोल सकते। पाकिस्तानी डेलीगेशन ने अपना पक्ष सबके सामने रख कर चुप हो गया था।

सीनेटर राबिन्सन ने अपना माईक आन किया और धीरे से सभी को धन्यवाद देकर कहा… अभी तक जितनी भी जानकारी पाकिस्तानी डेलीगेशन ने दी है उसको हम जाँच करने के बाद ही कोई जवाब दे सकते है। अभी तक हमारे पास जो पुख्ता जानकारी है उससे तो यही माना जा सकता है कि वह पाकिस्तानी फौज और आईएसआई का फाल्स फ्लैग आप्रेशन था। आपकी दो घंटे की तखरीर मे अभी तक आपने एक भी ऐसा पुख्ता सुबूत नहीं दिया गया है कि जिससे पता चले कि सीमा पार करके आपकी सैन्य पोस्ट पर हमला हुआ है। बिना तथ्यों के अगर पाकिस्तान सरकार हम पर दबाव डालने की कोशिश कर रही है तो हमे अपने रिश्तों के बारे मे गहराई से सोचने की जरुरत पड़ेगी। एकाएक जनरल फैज बीच मे बोला… आप हम पर बेवजह आरोप लगा रहे है। आपने करार किया है कि आप इन्टेलीजेन्स रिपोर्ट साझा करेंगें परन्तु आप किस सुबूत के आधार पर यह तोहमत लगा रहे है। एकाएक पाकिस्तानी डेलीगेशन के सदस्यों ने उग्र स्वर मे सीनेटर राबिन्सन की बात का खंडन करना आरंभ कर दिया था। एकाएक अमरीकी राजदूत ने खड़े होकर सबको शान्त होने का निर्देश देकर कहा… जनरल महमूद, आपने सीनेटर राबिन्सन की बात को बीच मे काट कर बोलना आरंभ कर दिया। यह तहजीब के विरुद्ध है। पहले उनको अपनी बात रखने दिजिये उसके बाद आपको भी मौका दिया जाएगा। इस तरीके से हम इस मसले का कोई हल नहीं निकाल सकेंगें। राजदूत की बात ने एकाएक पाकिस्तानी डेलीगेशन के मुख पर ताला लगा दिया था।

सीनेटर राबिन्सन ने राजदूत को धन्यवाद दे कर कहा… हम आपके सामने कुछ तथ्य रख रहे है। इन तथ्यों के आधार पर हमने फाल्स फ्लैग आप्रेशन की बात कही है। मै अपने साथी एंथनी वालकाट से सभी तथ्य सामने रखने का निवेदन कर रहा हूँ। एंथनी प्लीज आप अपना प्रेजेन्टेशन दिजिये। एंथनी वालकाट खड़ा हो कर बोला… शुक्रिया सीनेटर राबिन्सन। पहला पोइन्ट आपके सामने है। जिस पोस्ट का जिक्र किया गया है उस स्थान की दो महीने पहले की सेटेलाईट इमेज आपके सामने है। कुअर्डिनेट्स देख लिजिये कि दो महीने पहले वहाँ पर कोई सैन्य पोस्ट नहीं थी। एकाएक पूरे हाल मे चुप्पी छा गयी थी। वालकाट ने दूसरा चित्र दिखाते हुए कहा… एक महीने पुराना चित्र अब आपके सामने है। अब आपको सैन्य पोस्ट दिख रही है। इसका मतलब तो यही है कि यह पोस्ट अभी हाल मे ही बनायी गयी थी। दूसरी बात है कि हमारे बीच मे यह करार हुआ था कि सुरक्षा कारणों से हम सभी सीमा से लगी पुरानी और नयी सैन्य पोस्टों की जानकारी एक दूसरे के साथ साझा करेंगें। इस नयी पोस्ट बनाने की कोई जानकारी आपने हमारे साथ आज तक साझा नहीं की है। तीसरा चित्र आपके सामने रखा जा रहा है। उस हमले के बाद आपने उस पोस्ट पर कोई नयी नियुक्ति अभी तक नहीं की है तो इसका अर्थ यही निकाला जा सकता है कि वह स्थायी सैन्य पोस्ट नहीं थी। सेटेलाईट इमेज झूठ नहीं बोल सकती। सीनेटर राबिन्सन ने इन्हीं सब बातों को देख कर फाल्स फ्लैग आप्रेशन की बात कही है। अब अगर आपके पास इसके संबन्ध मे कोई नयी जानकारी है तो हमारे साथ साझा किजिये। इतना बोल कर एंथनी वालकाट चुप होकर वापिस अपनी सीट पर बैठ गया था।

पाकिस्तानी डेलीगेशन की ओर से जनरल महमूद ने सबसे पहले मोर्चा संभाला और फिर उनके डेलीगेशन की ओर से तथ्यहीन तकरीर का दौर शुरु हो गया था। एकाएक सीनेटर राबिन्सन ने जनरल फैज को बीच मे टोकते हुए कहा… पहले कुछ ठोस तथ्य सामने रखिये उसके बाद ही हम किसी नतीजे पर पहुँच सकते है। बेवजह हम समय जाया कर रहे है। आपने यह मीटिंग हमे यह बताने के लिये रखी थी कि सीमा पार से तालिबान के लड़ाके पाकिस्तान मे घुस कर सैनिकों को मार रहे है। इस बात का अभी तक आपने एक भी सुबूत नहीं दिया है। अब मै आरोप लगा रहा हूँ कि आपकी आईएसआई ने हमारी नियंत्रित सीमा मे घुस कर एक विदेशी लड़की का बलपूर्वक अपहरण किया और फिर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करके उस विदेशी लड़की को पाकिस्तान मे बलपूर्वक पहुँचा दिया। सीनेटर राबिन्सन एक पल रुक कर  बोले… उस लड़की का नाम आमेना असगरी, 28 साल, ऐजरबैजान की नागरिक। वह कुछ बोलते कि तभी आमेना की तस्वीर स्क्रीन पर रौशन हो गयी थी। सीनेटर राबिन्सन ने कहा… अगर आपको सुबूत चाहिये तो ऐजरबैजान के दूतावास के अधिकारी का स्टेटमेन्ट है। हम अपहरण की सीसीटीवी की फुटेज दे सकते है। हम उस स्थान के कुअर्डिनेट्स भी दे सकते है जहाँ उसे आपने फिलहाल नजरबन्द कर रखा है। अब क्या आप मेरी इस बात का खंडन कर सकते है? एक बार फिर से सीनेटर राबिन्सन रुक कर बोला… अगर आप मित्र देश है तो हमे बताये कि आप हमारी सीमा मे बिना बताये घुस कर गैर कानूनी काम कैसे कर सकते है। अबकी बार तथ्यों के आधार पर मै आपको दोषी करार देता हूँ। अगर आप रिश्ते सुधारना चाहते है तो सबसे पहले उस लड़की को सही सलामत हालत मे हमारे हवाले करना पड़ेगा। इस केस को एंथनी वालकाट देख रहे है। अगर आप एक फाल्स फ्लैग आप्रेशन का सहारा लेकर राहदारी रोकने की सोच रहे है तो इतना जान लिजिये कि फिलहाल आप हमारे लिये मित्र देश है परन्तु उसके बाद हमे इस रिश्ते के बारे मे गहराई से सोचना पड़ेगा। इतना बोल कर सीनेटर राबिन्सन चुप हो गया। पाकिस्तान डेलीगेशन कुछ देर दोनो देशों के बीच विश्वास वृद्धि की बात करके वापिस चले गये थे।

राबिन्सन ने वालकाट को रुकने का इशारा किया और फिर सबके जाने की राह देखने बैठ गया। सबके हाल से निकलने के बाद राबिन्सन ने पूछा… एंथनी तुम्हे क्या लगता है? वालकाट मुस्कुरा कर बोला… एक्सीलेन्ट जाब डन सर। लड़की के केस ने उनका मुँह बन्द कर दिया है। …यस। हम बात करते हुए हाल से बाहर निकल आये थे। राबिन्सन के जाने के बाद वालकट अपने आफिस मे पहुँच कर बोला… सैम, हम तो कल शाम को यहाँ से वापिस काबुल चले जाएँगें। तुम यहाँ पर मेरी जगह आईएसआई के साथ सारे मसलों पर कुअर्डिनेट करोगे। मैने चौंक कर कहा…एंथनी, मेरे पास मेरा काम है। उसके लिये मुझे इनकी नजरों से बच कर काम करना है। …सैम, तुम इनको अपने काम मे इस्तेमाल करोगे तो सुरक्षित रहोगे। कंपनी के आदमी पर यह लोग आसानी से हाथ नहीं डालेंगें। तुम्हारे आने-जाने पर कोई प्रतिबन्ध भी नहीं होगा। मेरी सलाह मानो क्योंकि यह जगह इनके नियंत्रण मे है। कुछ सोच कर मैने कहा… ठीक है। इस बारे मे मुझे सोचने दो। अब मै चलता हूँ। इतनी बात करके मै गोल्डन इम्पेक्स के आफिस की ओर निकल गया था।

नीलोफर ने मेरी अनुपस्थिति मे कुछ ही दिनो मे पूरा आफिस स्थापित कर दिया था। रिसेप्शन पर एक सुन्दर सी लड़की ने मेरा स्वागत करते हुए पूछा… किससे मिलना है? …आपकी सीओओ मिस नीलोफर से मिलना है। …आपका नाम? …समीर बट्ट। उसने चौंक कर मेरी ओर देखा और फिर जल्दी से फोन उठा कर किसी से बात करके बोली… प्लीज बैठिये। वह आ रही है। मै वहीं खड़े-खड़े आफिस का जायजा ले रहा था। चार सुन्दर हसीना अपने कम्प्युटर मे उलझी हुई थी। तीन नवयुवक मेज पर पड़ी हुई फाईलो मे डूबे हुए थे। तभी नीलोफर अपने केबिन से निकली और उसके पीछे दो हसीनायें हाथ मे फाईल पकड़े मेरी ओर आती हुई दिखी तो मै सावधान हो गया। मुझे देखते ही नीलोफर अपने साथ चलती हुई एक हसीना से बोली… शमा दस मिनट मे सबको मीटिंग रुम मे इकठ्ठा करो। मै वहीं आ रही हूँ। इतना बोल कर वह मेरे पास आकर बोली… समीर, आफिस मे चल कर बात करते है। मै उसके साथ उसके केबिन की ओर चल दिया।

…समीर, मैने जमीर को सूचना दे दी है। वह सब आज शाम तक यहाँ पहुँच जाएँगें। अब बताओ कि आगे कैसे करना है? …यहाँ कितने का स्टाफ है? …दस लोगों का स्टाफ है। सभी कर्मचारी अच्छे व प्रभावशाली घरानों से ताल्लुक रखते है। …इतना काम फैलाने की क्या जरुरत थी? …तुम नहीं समझोगे। होटल के कमरे से हर काम जालसाजी का लगता है। अब हम बड़े प्रभावशाली लोगों के साथ संबन्ध बना रहे है। अब वह पैसा लेकर सरकार की मशीनरी का दुरुपयोग करके हमारे पैसों को हजम करने की हिम्मत नहीं करेंगें। हम बात करते हुए उसके केबिन मे आ गये थे। …इनसे किस प्रकार का काम ले रही हो? …जिस लड़की को मीटिंग के लिये कहा था वह गृह सचिव की बेटी शमा है। उसके साथ जो लड़की आ रही थी वह वित्त मंत्री की बहू परवीन है। यह दोनो क्लाईन्ट संभालती है। अब तुम ही बताओ कि भला इनके जरिये तुम कितने लोगों से मिल सकते हो। …चलो यह तुम्हारा आफिस है तो तुम बेहतर जानती हो कि इनका कैसे इस्तेमाल करना है। अनवर रियाज का क्या हाल है? …उसको तुम्हारे आने की खबर कर दी है। वह चार बजे आयेगा। अब तुम्हें सोचना है कि उसका क्या करना है। इतना बोल कर नीलोफर ने एक फाईल मेरी ओर बढ़ाते हुए कहा… यह सभी लोग पैसे मांग रहे है। मैने फाईल के पन्ने पलटते हुए एक सरसरी नजर डाल कर उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा… शाम को इस मामले मे बात करेंगें।

कुछ देर इधर-उधर की बात करने के पश्चात नीलोफर उठते हुए बोली… चलो। वह सब बैठ गये होंगें। मै उठ कर उसके साथ चल दिया था। छोटा सा आधुनिक मीटिंग रुम उसके केबिन से कुछ दूरी पर बना हुआ था। दस लोग अपनी-अपनी जगह पर पहले से बैठे हुए थे। नीलोफर मेज के एक सिरे पर पहुँच कर बोली… आप लोगो को यहाँ पर इस कंपनी के चेयरमेन मिस्टर समीर बट्ट से मिलवाने के लिये बुलाया है। मेरी ओर इशारा करके वह बोली… यह मिस्टर समीर बट्ट है। इस प्रकार की मुलाकात के लिये मै तैयार नहीं था। अपनी झेंप मिटाने के लिये मैने जल्दी से कहा… हैलो। आप सभी से मिल कर बहुत खुशी हुई। अच्छा होगा कि आप सभी अपने बारे कुछ बतायें जिससे आप सभी के साथ परिचय हो जाये। इतना बोल कर मै चुप हो गया। शमा और परवीन के बारे नीलोफर से जान चुका था। उनको छोड़ कर दो नवयुवकों और चार नवयुवतियों ने अपना परिचय दे दिया था। एक नवयुवक बाहर गया हुआ था। एक युवती रिसेप्शन पर तैनात थी। सभी विदेशों से पढ़ कर आये पाकिस्तान के प्रभावशाली परिवारों से संबन्ध रखते थे। तीन लड़कियाँ क्लाईन्ट का पेपरवर्क देखती थी। दोनो युवक लोन लेने वाले प्रोजेक्ट्स की ड्यु डिलिजेन्स और कार्यकारी जाँच करते थे। एक लड़की अकाउन्टेन्ट का कार्यभार संभाल रही थी। सबसे बात करने के पश्चात मै समझ गया कि नीलोफर ने अपना काम जमाने के लिये काफी पुख्ता तैयारी कर रखी थी। मीटिंग समाप्त करके हम दोनो मेरे कमरे मे जाकर बैठ गये।

कुछ सोच कर मैने कहा… नीलोफर, मै इस आफिस मे सिर्फ जरुरी काम से आया करुँगा। इस आफिस को अब से तुम्हें संभालना होगा। नीलोफर तुनक कर बोली… क्यों? …क्योंकि अबसे तुम सिर्फ कारोबार संभालोगी। अब तुम्हें अपने काम मे इस्तेमाल करने के बजाय मै तुम्हारी मदद सिर्फ सूचना और किसी से मिलने के लिये लिया करुंगा। …समीर, यह हमारा कारोबार है। …नहीं, यह तुम्हारा कारोबार है। वह कुछ देर मुझे देखती रही और फिर मेरे पास आकर बोली… हर्गिज नहीं। यह हमारा कारोबार है। अगर मुझसे पीछा छुड़ाने की सोच रहे हो तो मै आज और अभी इस काम को बन्द कर दूंगी। मैने जल्दी से उसे पकड़ कर अपनी बाँहों मे जकड़ कर अपनी गोदी मे जबरदस्ती बिठा कर कहा… ऐसी बेवकूफी करने की जरुरत नहीं है। इतना अच्छा कारोबार तुमने सेट-अप किया है तो इस काम को बढ़ाने की कोशिश करो। तुम्हारा प्रभावी फ्रंट मेरा सुरक्षा कवच है। कुछ देर उसे अपनी बाँहों मे जकड़ कर समझाने के पश्चात मैने कहा… अबसे किश्त वसूलने का काम तुम तंजीमो पर छोड़ देना। इस काम मे तुम्हें पड़ने की जरुरत नहीं है। …कौनसी तंजीमे? …मै बता रहा हूँ। सबसे पहले अनवर रियाज की किश्त वसूलने का जिम्मेदारी अपने तायाजी पर डाल दो। …ठीक है। ब्रिगेडियर नूरानी को कौन देखेगा? …ब्रिगेडियर नूरानी को अबसे तुम डील नहीं करोगी। वह आईएसआई का प्यादा है तो उससे मै सीधे डील करुँगा। उससे पैसे वसूलने का काम अल्ताफ और शहजाद करेंगें। …और आसिफ मुनीर? …उसके लिये तुम खुदाई शमशीर का इस्तेमाल करना। वह मुझसे अलग होकर मुस्कुरा कर बोली… तुम इस कारोबार को खुदाई शमशीर के प्रोजेक्ट्स से दूर रखना चाहते हो। धीरे से उसके गाल सहला कर मैने कहा… अब तुम मेरी बात समझ गयी। नीलोफर ने अपना सिर हिला कर हामी भरते हुए हुए पूछा… यह जमाल कुरैशी का क्या चक्कर है? …शाम को उनके सामने बताऊँगा। नीलोफर मुझे वहीं छोड़ कर अपने केबिन मे चली गयी थी। मै शाम की तैयारी मे जुट गया था।     

आफिस बन्द हो चुका था। सब वापिस जा चुके थे। नीलोफर आफिस के मुख्य द्वार को लाक करके वापिस आ गयी थी। हम दोनो फ्लैट मे बैठ कर अपनी टीम का इंतजार कर रहे थे। …समीर, अनवर रियाज बोल कर भी नहीं आया। अब वह बचने की कोशिश कर रहा है। उसने दो महीने से किश्त नहीं भरी है। …अपने तायाजी को किश्त वसूलने के काम पर लगा दो। मैने अपनी बात पूरी करी ही थी कि डोर बेल बज उठी। नीलोफर दरवाजे की ओर चली गयी। कुछ ही पल बीते थे कि मेरी टीम के सभी सदस्य उसके पीछे आते हुए दिखाई दे गये थे। औपचारिकतायें पूरी करके मैने सामने बैठे हुए अपनी टीम से कहा… अब आप्रेशन अज्ञातवीर आरंभ करने का समय आ गया है। नीलोफर ने चौंक कर पूछा… समीर, तुम क्या करने की सोच रहे हो? …नीलोफर, अब हमारे नेटवर्क को कार्यान्वित करने का समय आ गया है। तुमने इस्लामाबाद के प्रभावशाली घरानों मे अपनी पुख्ता जगह बना ली है। सईद और सुहेल ने खुदाई शमशीर को गिल्गिट और बाल्टीस्तान मे एक प्रभावशाली तंजीम के रुप मे स्थापित कर दी है। खुदाई शमशीर की ओर से राशिद और परवेज खैबर पख्तूनख्वा मे अल्ताफ और शहजाद के साथ मिल कर सभी छोटे-बड़े कबीलो को एक करने मे सक्रिय है। नईम और शमशेर खुदाई शमशीर के नाम से करांची मे सिन्ध लिब्रेशन मूवमेन्ट के साथ काम कर रहे है। इतना बोल कर मैने अपनी टीम की ओर देखा तो सभी ने हामी मे अपनी गरदन हिला कर मेरी बात का अनुमोदन कर दिया था। 

कुछ पल रुक कर मैने कहा… आप्रेशन अज्ञातवीर की नींव तैयार हो गयी है। हक डाक्ट्रीन के मुख्य बिन्दु “तेरा मेरा रिश्ता क्या ला इलाही लिल्लाह”  पर चोट मारने का समय आ गया है। बहात्तर फिरके वाले इस्लाम के समाज मे बहुत सी दरारें है। हमे उन दरारों का इस्तेमाल करने से पहले पाकिस्तानी एस्टेब्लिश्मेन्ट को कमजोर करने की जरुरत है। उन्होंने हमारे लिये जो ब्लू प्रिंट बनाया था अब उसी हक डाक्ट्रीन के ब्लू प्रिंट को पाकिस्तान मे हमे कार्यान्वित करना है। एक पल रुक कर मैने बोलना जारी रखा… काबुल मे काम करते हुए मेरे सामने आईएसआई की आमदनी के मुख्य स्त्रोत की एक पाईपलाईन उजागर हुई है। उस पाईपलाईन पर चोट मार कर उसे ध्वस्त करना जरुरी है। उस पाईपलाईन को करांची का कारोबारी कमाल कुरैशी का परिवार संभालता है। पिछले तीन हफ्ते से नईम और शमशेर उस करांची के कारोबारी के बारे मे जानकारी इकठ्ठा कर रहे थे। इतना बोल कर मैने नईम की ओर देखा तो वह जल्दी से बोला… सर, कमाल कुरैशी इस वक्त करांची के अंडरवर्ल्ड का मुखिया है। यह जानकारी सर्वविदित है कि वह जनरल फैज का आदमी है। मैने बीच मे टोकते हुए कहा… जनरल फैज पाकिस्तानी आईएसआई का मुखिया है और उसकी आमदनी का मुख्य स्त्रोत कुरैश ग्रुप है। अब आईएसआई की कमाई की एक पाईपलाइन हमारे सामने उजागर हो गयी है।

शमशेर बने हुआ थापा ने जल्दी से अपने पुराने अंदाज मे बोला… साबजी। मैने तुरन्त डपटते हुए कहा… थापा, तुम सभी की जान खतरे मे डाल दोगे। वह तुरन्त बोला… जनाब, गुस्ताखी हो गयी। माफ कर दिजिये। कुरैश ग्रुप की असलियत जान लिजिये। पता चला है कि दस साल पहले जब जनरल फैज करांची कोर्प्स मे ब्रिगेडियर के पद पर नियुक्त हुआ तब उसने फिल्मी और गैर फिल्मी लड़कियों के दलाल कमाल कुरैशी के सिर पर हाथ रख कर उसे करांची के फिल्म जगत मे फाईनेन्सर बना दिया था। वह पाकिस्तानी फिल्मों और ड्रामो मे जनरल फैज का पैसा लगाता है। उसका बेटा जमाल कुरैशी प्रोड्यूसरों से पैसे वसूलने का काम किया करता था। यहीं से जमाल कुरैशी की अपराधी जिन्दगी शुरु हुई थी। यहीं से कमाल कुरैशी की कुरैश ग्रुप की किस्मत चमकी थी। कुछ ही सालों मे कुरैश ग्रुप बालीवुड और करांचीवुड का प्रमुख फाईनेन्सर बन गया था। आज कुरैश ग्रुप रियल एस्टेट, शापिंग माल, इम्पोर्ट-एक्स्पोर्ट व अन्य बहुत से कारोबार मे उलझा हुआ है। फिल्म लाइन से जुड़े हुए पुराने लोग बताते है कि आज कल जमाल कुरैशी ड्र्ग्स के काम मे सिर तक डूबा हुआ है। मैने थापा को टोकते हुए कहा… शमशेर, हमे इतिहास मे कोई रुचि नहीं है। आज कुरैश ग्रुप के कारोबार से जुड़े हुए मुख्य लोग कौन-कौन है? अबकी बार नईम ने कहा… सर, करांची मे फिल्म का कारोबार जमाल का छोटा भाई अकबर कुरैशी संभालता है। उसका अब्बा कमाल कुरैशी रियल एस्टेट का काम देखता है। जमाल कुरैशी को हमने आज तक करांची मे कभी देखा नहीं है। लगता है कि वह पाकिस्तान से बाहर रह कर सारा ड्रग्स का कारोबार संभालता है। खबर है कि करांची के अपराध जगत मे काना शकील उसका मुख्य एजेन्ट है। कुरैश ग्रुप के काले कारोबार का हिसाब किताब नूरी नाम की औरत और उसका खाविन्द शमीम पार्कर देखते है। सिन्धी लिब्रेशन फ्रंट के अनुसार सारा कारोबार तो जनरल फैज का है, कुरैशी परिवार तो सिर्फ एक नाम है। जब से वह आईएसआई का मुखिया बना है तब से उसके सारे काले व सफेद कारोबारों पर आईएसआई और सेना के लोग धीरे-धीरे काबिज हो रहे है। आजकल कुरैशियों के बीच इस बात का काफी तनाव पनप रहा है।

कुछ देर सोचने के पश्चात मैने पूछा… कुरैश ग्रुप की पाईपलाईन को ध्वस्त करने के लिये हमे उसके कुछ महत्वपूर्ण प्यादों को हटाने की जरुरत है। अगर उसका करांची का साम्राज्य हिलने लगेगा तो जमाल कुरैशी जहाँ कहीं बैठा हुआ है तुरन्त सामने आयेगा। इसके लिये तुम्हें खुद कुछ नहीं करना है बस लिब्रेशन फ्रंट के कुछ लोगों का इस्तेमाल करके एक हिट जाब करनी है। हमारा पहला शिकार अकबर कुरैशी है। दो हफ्ते उस पर नजर रखो और उचित समय पर फ्रंट के युवकों के द्वारा उसे जहन्नुम का रास्ता दिखा दो। नईम बोला… लिब्रेशन फ्रंट के बजाय हम ही क्यों उन्हें नहीं उड़ा देते? …नहीं इस काम मे हमारा कोई भी आदमी सामने नहीं आयेगा। इतनी देर मे पहली बार नीलोफर बोली… साहिबा का क्या करना है? मैने उसकी ओर देखा तो नईम बोला… बड़ी गर्म चर्चा है कि एआरवाई की ड्रामा क्वीन साहिबा के पास जमाल कुरैशी ने कई बार पैगाम भिजवाया है। …उस पर अभी नजर रखो। हो सकता है कि साहिबा के चक्कर मे जमाल की वापिसी हो जाये। वैसे क्या तुम्हारे पास जमाल की बीवी और बच्चों की कोई खबर है? अबकी बार थापा बोला… जनाब, यही एक पहेली बनी हुई है। उसके परिवार के बारे मे कोई पुख्ता खबर नहीं है। कोई कहता है कि उसकी तीन बीवीयाँ और सात बच्चे है परन्तु आजतक उनको किसी ने देखा नहीं है। यह भी सच है कि उनके घर मे फिल्मी हस्तियों व विदेशी लड़कियों का आना-जाना लगा रहता है लेकिन अभी तक कोई बीवी और बच्चों का पुख्ता सुबूत नहीं मिला है।

मै कुछ बोलता तभी मेरे फोन की घंटी बजने लगी तो मैने उन्हें चुप करा कर जल्दी से काल लेते हुए पूछा… बोलो एंथनी। …सैम, कल सुब टाइम से आफिस पहुँच जाना। आईएसआई के जनरल फैज से उसके आफिस मे मिलने जाना है। …एंथनी, तुम अभी से मुझे क्यों उसके सामने एक्स्पोज कर रहे हो? …तुम्हारी बीवी के सिलसिले मे मीटिंग है। …एंथनी, वह मेरी बीवी नहीं है। वह जमाल की कमजोर नस है। …तो इसीलिये कल नौ बजे तक आफिस पहुँच जाना। मैने हथियार डालते हुए कहा… पहुँच जाऊँगा। इतना बोल कर मैने फोन काट कर उनकी ओर देखा तो सभी मेरी ओर प्रश्नवाचक दृष्टि से देख रहे थे। इससे पहले नीलोफर कुछ बोलती मैने कहा… कुरैश ग्रुप के कारोबार और जनरल फैज की पैसे की आवक-जावक वाली पाईपलाइन का पता लगाना जरुरी है। वह कौन लोग है जिनके द्वारा उनके पास पैसा पहुँचता है और वह कौन लोग है जिनके द्वारा उनका पैसा जनरल फैज के पास पहुँचता है। …समीर, यह एंथनी कौन है? नीलोफर ने सीधा सवाल मुझसे किया लेकिन उसका सीधा जवाब मेरे पास नहीं था। सबकी नजरें मुझ पर टिकी हुई थी। जमाल कुरैशी और उसकी बीवी की बात ने सबको चौंका दिया था। कुछ सोच कर मैने कहा… अज्ञातवीर आप्रेशन की कामयाबी के लिये मै एंथनी के साथ काम कर रहा हूँ। एंथनी वालकाट सीआईए का वरिष्ठ अधिकारी है जो अफगानिस्तान से अमरीका के बाहर निकलने की रणनीति बना रहा है। उसके द्वारा ही मुझे कुरैश ग्रुप के काले कारोबार के बारे मे पता लगा था। इतना बोल कर मै चुप हो गया लेकिन नीलोफर तुरन्त बोली… तुम आग से खेल रहे हो। सीआईए ने इस खित्ते मे क्या कम आग लगायी है। तालिबान और अन्य तंजीमे तुम्हारे भरोसे पर उस जिरगे मे इकठ्ठा हो रही है और तुम्हारी बातचीत सीआईए से चल रही है। …नीलोफर, मै जानता हूँ कि मै क्या कर रहा हूँ। हमे सीआईए की मदद चाहिये जिससे जिरगा होने बाद हम यहाँ से सुरक्षित निकल सके। …तो इस कारोबार का क्या होगा? …तभी तो मैने तुमसे कहा है कि अब इस कारोबार को मुझसे दूर रखना पड़ेगा। इस खुलासे से एकाएक सब चुप हो गये थे।

…सईद और सुहैल अब तुम्हारे मिशन मे थोड़ी तब्दीली करनी पड़ेगी। जिरगा होने से पहले गिल्गिट बाल्टीस्तान मे हमे कश्मीरी तंजीमो को कमजोर करके खुदाई शमशीर को मजबूती देनी है। सबसे पहले जैश और लश्कर को छोड़ कर बाकी सभी छोटी और बड़ी कश्मीरी तंजीमों के मुख्य लोगों को एक-एक करके जहन्नुम भेजना है। इस काम को खुदाई शमशीर के जिहादियों को अंजाम देना है। तुम्हारा काम उनके लिये योजना बनाना और हथियार और पैसे की मदद तक सिमित रहेगा। सईद ने सवाल किया… सर, जिहाद के लिये मकसद क्या होगा? …चीन और शरिया। हमे पहले उनके क्षेत्र मे कश्मीरी तंजीमो के खिलाफ एक हवा बनानी है कि आईएसआई के कहने पर वह तंजीमे चीन की सड़क परियोजना को सफल बनाने मे जुटी है और आईएसआई के कारण वह अपने क्षेत्र मे शरिया नाफिज कराने मे रोड़ा बनी हुई है। तभी सुहेल ने पूछा… सर, इसके लिये तो खुदाई शमशीर को उनके सामने आना होगा। …अभी नहीं। हवा बनाने के लिये ईस्लामिया मस्जिद के मौलाना अली मोहम्मद को आगे कर देना। …जी सर।

…राशिद और परवेज तुम्हें खैबर पख्तूनख्वा और बलोचिस्तान की तंजीमो के साथ समन्वय बनाना है। वहाँ पर हालात ऐसे बन रहे है कि तेहरीक, अफगान तालिबान और बलोच रेसिस्टेन्स फ्रंट अब सीधे पाकिस्तानी सेना से टकराने की मुहिम छेड़ने की सोच रहे है। तुम्हें उनको गुरिल्ला युद्ध के लिये तैयार करना है। पाकिस्तानी सेना की एक सीमावर्ती पोस्ट को अफगान तालिबान के मुल्ला मोईन ने अभी हाल मे ही ध्वस्त किया है। अब ऐसे हमले बलोचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा मे बढ़ेंगें। इसके लिये मै तुम्हें इन इलाकों मे सक्रिय आईएसआई के मुखबिरों के नाम समय-समय पर दूंगा और तुम अल्ताफ और शहजाद के जरिये उन्हें जहन्नुम पहुँचाने का इंतजाम करोगे। इतना बोल कर मै चुप हो गया था। एक बार सभी पर नजर डाल कर मैने कहा… आप सभी एक निर्णय कर लिजीये कि आप लोग सिर्फ योजना और संसाधन जुटाने मे योगदान करेंगें और बाकी काम को अंजाम सिर्फ तंजीमो के जिहादी देंगें। इन सबकी शुरुआत जिरगा से पहले होनी चाहिये जिससे वहाँ पर उपस्थित सभी कबीलों को कुछ सफलता का आभास हो जाये। कोई शक? …बेशक सर। छह सदस्यों की आवाज एक साथ कमरे मे गूंज गयी थी।

किंकर्तव्यविमूड़ अवस्था मे नीलोफर ने पूछा… समीर, इस काम मे तुम्हारा मकसद क्या है? …डाईवर्जन और आगे चल कर 72 फिरकों के बीच फूट। अज्ञातवीर सुरक्षा एजेन्सियों का ध्यान भटकाने के लिये काम करेगी और मै उन फिरको और तंजीमो के बीच खाई खोदने का काम करुँगा। मेरे निशाने पर सबसे पहले शिया-सुन्नी के बीच की खाई को गहरा करने का उद्देश्य है। आईएसआई के दलाल की हत्या होगी तो सुरक्षा एजेन्सियाँ उसके हत्यारों को पकड़ने के लिये आवाम पर जुल्म करेगी। हमे कोशिश करके इसे शिया-सुन्नी के बीच वर्चस्व की लड़ाई दिखाने की जरुरत है। सभी मेरे चेहरे को ताक रहे थे और मै कल होने वाली जनरल फैज की मीटिंग के बारे मे सोच रहा था।

 

जीएचक्यू, रावलपिंन्डी

जनरल फैज गुस्से मे चहलकदमी करते हुए अपने अधिकारियों को फटकार रहा था। सभी सिर झुकाये खड़े हुए अगले निर्देश का इंतजार कर रहे थे। …यह खबीस का बच्चा एंथनी वालकाट खुद को क्या समझ रहा है। साला हम पर दबाव डाल रहा है। एक काम करो कल मीटिंग मे कैप्टेन जाहिद और लेफ्टीनेन्ट मोहसिन हाजिर रहने के लिये कह देना। इसको पेशावर ले जाना और अपनी निगरानी मे उस लड़की को उसके हवाले कर देना। ख्याल रहे कि वह लड़की जिन्दा उनके हाथ नहीं आनी चाहिये। ऐसा दिखना चाहिये कि किसी पश्तून तंजीम के अचानक हमले मे वह लड़की मारी गयी। इस बार कोई गलती नहीं होनी चाहिये। कर्नल हमीद ने एड़ियाँ खड़का कर जल्दी से कहा… जी जनाब। सभी को रुखसत करने के पश्चात जनरल फैज ने अपने मोबाईल पर किसी से कहा… अब उसको अपनी कैद मे रखना नामुम्किन हो गया है। अमरीकनों को उसके बारे मे पता चल गया है। उसका मरना अब जरुरी है। …जनाब, मुझे बस एक हफ्ते का समय और दे दिजिये। एक बार उसकी बहन और बच्चा मेरे हाथ लग गया तो उसकी मुझे कोई जरुरत नहीं रहेगी। फिर वह मर भी गयी तो भी वह कंपनी हमारे हाथ मे आ जायेगी। एक पल रुक कर जनरल फैज ने कहा… जमाल, तुम्हारे पास बस एक हफ्ता और है। तब तक अपने यहाँ के सारे निशान मिटा कर बाकू का आप्रेशन संभाल लेना। …जी जनाब।

…हार्ड करेन्सी की क्या हालत है? …जबसे नोटबन्दी हुई है तभी से फेला रु पेपरवर्क्स अमरीकी डालर के कागज मुहैया करा रही है। अब सारी मशीने डालर छापने का काम कर रही है। नये हिन्दुस्तानी रुपयों के बारे मे उनसे बात नहीं हो सकी है परन्तु हमारे पास अमरीकी डालर का काफी स्टाक हो गया है। …इस वक्त यहाँ पर नगदी की काफी किल्लत हो गयी है। …जी जनाब। …तुम अभी यहाँ का रुख मत करना। सीआईए के आने से मामला काफी पेचीदा हो गया है। …जी जनाब। बस इतनी बात करके जनरल फैज ने फोन काट दिया था।  


रविवार, 13 अक्टूबर 2024

 

 

शह और मात-21

 

आफिस की ओर जाते हुए मुझे शापिंग माल मे नफीसा से हुए कुछ दूरी से आमना-सामना होने के पल की याद आ गयी थी। क्या उसने मुझे पहचान लिया था? यह सवाल मुझे परेशान कर रहा था। वह तो अच्छा हुआ कि फायरिंग के कारण वहाँ भगदड़ मच गयी थी अन्यथा आज वहाँ से उसकी नजरों से बच कर निकलना मेरे लिये मुश्किल हो जाता। यहाँ पर मै उसको पहचानने की भूल भी नहीं कर सकता था। नफीसा के बारे मे सोचते हुए मै अपने आफिस पहुँच गया था। अपने आफिस मे प्रवेश करते ही मेरी नजर वालकाट पर पड़ी जो मेरी सीट पर बैठ कर अपना आईपेड देख रहा था। मै उसके पास पहुँचा ही था कि उसने नजरें उठा कर मेरी ओर देख कर बोला… सैम इतनी देर कैसे हो गयी? …मै उस शापिंग माल मे फँस गया था। यह सुन कर वालकाट की भौंहें एकाएक तन गयी थी। …तुम वहाँ कैसे पहुँच गये? …बच्चे का सामान लेने गया था कि तभी हमला हो गया। …क्या ख्याल है कि हमले मे किसका हाथ होगा? …यकीन से तो नहीं कह सकता लेकिन हक्कानियों के गुट का हाथ हो सकता है। जाँच के बाद ही पता चलेगा की इस हमले के पीछे कौनसी तंजीम काम कर रही थी। तुर्खाम सीमा को किस कारण से पाकिस्तान ने सील किया है? …बस इतना बताया गया है कि बहुत से चरमपंथी बार्डर पार करके अफगानिस्तान मे घुसने की फिराक मे है। असली बात तुम भी जानते हो कि उनके निशाने पर मुल्ला मोईन है। …एंथनी दो दिन मे क्या वह अपने मकसद मे कामयाब हो जाएँगें। …वह जानते है कि मुल्ला मोईन सीमा के उस पार उनकी पहुँच से बाहर है। ऐसा करके पाकिस्तान सरकार अपने सैनिक तंत्र को शांत करने की कोशिश कर रही है। …उस लड़की की क्या कोई खबर है? …वह अभी भी पेशावर मे नजरबन्द है। उसको वहाँ से निकालने की कोशिश की जा रही है।

जैसे ही वह उठ कर जाने लगा तो मैने उसे रोकते हुए पूछा… एंथनी, क्या बाकू मे स्थित अमरीकन दूतावास मे तुम्हारा आदमी मेरी बीवी और बच्चे को एयरपोर्ट पर रिसीव करके कुछ दिनो के लिये किसी सेफ हाउस मे रख सकता है? …क्यों क्या हुआ? …मुझे इस्लामाबाद जाना है तो फिलहाल मै उसके साथ नहीं जा सकता। इस वक्त जमाल कुरैशी के कारण उस पर खतरा मंडरा रहा है इसलिये उसे यहाँ पर अकेला नहीं छोड़ सकता। वालकाट कुछ देर सोचने के पश्चात बोला… मै वहाँ पर बात करके देखता हूँ। इतना बोल कर वह चला गया। मै अपने आफिस मे बैठ कर सीआईए के नेटवर्क से उस स्त्री का फोटो डाल कर उसके बारे मे जानकारी निकालने मे जुट गया था। श्रीनिवास का उस स्त्री के साथ क्या संबन्ध है? यह सवाल मुझे परेशान कर रहा था। मुश्किल से तीन मिनट में उस स्त्री के चेहरे से मिलती-जुलती तीन तस्वीरें आई-पेड के स्क्रीन पर रौशन हो गयी थी। एक फोटो पर क्लिक करते ही जापानी मूल की स्त्री का चित्र उभर आया था। उसका नाम काटो अनरी बताया गया था। वह 28 वर्षीय जापानी काबुल स्थित जापानी दूतावास मे इन्टरप्रेटर के पद पर कार्यरत थी। दूसरी फोटो को क्लिक करते ही 30 वर्षीय किम सोईना नाम की दक्षिण कोरियाई इस्लामाबाद स्थित दक्षिण कोरिया दूतावास मे वीसा काउन्सलर के पद पर काम कर रही थी। तीसरी तस्वीर 32 वर्षीय फाँग लियु वांग की थी। वह इस्लामाबाद स्थित चीनी दूतावास मे अतिरिक्त सचिव का पदभार संभाल रही थी। तीनो के चेहरे उन फोटो मे देखने मे एक समान लग रहे थे लेकिन मेरी छ्ठी इंद्री बार-बार फाँग लियु वांग की ओर इशारा कर रही थी।

कुछ सोच कर अपनी खोज का लेवल बढ़ाते हुए एक बार फिर से फाँग लियु वांग के बारे मे जानकारी निकालने मे जुट गया था। इस बार आठ पृष्ट का नोट स्क्रीन पर आ गया था। लियु वांग चीन के विदेश मंत्रालय की 32 वर्षीय तेज तर्रार आफीसर थी। इस्लामाबाद से पहले उसने तीन साल बाकू-स्थित चीनी दूतावास मे वरिष्ठ वीसा आफीसर के रुप मे गुजारे थे। वह कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित्ब्युरो के मेम्बर की बेटी थी जिसके कारण बड़ी जल्दी उसकी इतने महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति हो गयी थी। सीआईए के अनुसार पाकिस्तान मे उसका रिकार्ड काफी विवादस्पद बताया गया था। ऐसी बहुत सी रिपोर्ट्स थी जिसमे उसने कुछ राजनितिज्ञों व वरिष्ठ सेना अधिकारियों को अपने हुस्न के जाल मे फँसा कर अपना व चीन का उल्लू सीधा किया था। कुछ ऐसी रिपोर्ट्स का जिक्र भी किया गया था जिसमे वह कुछ पाकिस्तानी और विदेशी लड़कियों के द्वारा वहाँ के मँत्रियों और उच्चाधिकारियों को हनी ट्रेप के जाल मे फँसाया करती थी। पश्चिमी गुप्तचर संस्थाओं की रिपोर्ट्स मे उसको कट्टर मार्क्सवादी बताया गया था। ऐसी स्त्री के साथ भला कर्नल श्रीनिवास के साथ क्या संबन्ध हो सकता है? यह प्रश्न मुझे परेशान कर रहा था। जब कुछ नहीं सूझा तो एक चार लाईन का मसौदा तैयार किया…

इस्लामाबाद-स्थित चीनी दूतावास मे कार्यरत अतिरिक्त सचिव  फाँग लियु वांग के साथ कर्नल श्रीनिवास को देखा गया है। उसके बारे मे सीआईए की आठ पन्ने की रिपोर्ट भेज रहा हूँ। वह पहले बाकू के चीन के दूतावास मे कार्यरत थी। उस समय कर्नल श्रीनिवास भी बाकू के भारतीय दूतावास मे कार्यरत था। हालात बता रहे है कि कर्नल श्रीनिवास पर फिलहाल भरोसा नहीं किया जा सकता। आपके अगले निर्देश का इंतजार है।

दो बार उस मसौदे का पढ़ने के पश्चात मैने अपने स्मार्टफोन से उस संदेश को कोड मे बदल कर जनरल रंधावा के पास भेज कर आफिस से बाहर निकल आया था। शापिंग माल मे फायरिंग की खबर के कारण काबुल शहर मे कर्फ्यु लग गया था। अपने फ्लैट मे पहुँच कर एक बार फिर से वही रोजमर्रा के काम आरंभ हो गये थे। … खाना खाया? …नहीं। अब आर्डर कर देती हूँ। खाना समाप्त करने के पश्चात मै काशिफ को सीने पर लिटा कर सुलाने की कोशिश मे जुटा हुआ था कि तभी गजल मेरे पास बैठते हुए बोली… आप आज नहीं जा रहे है? …पाक-अफगान बार्डर सील हो गया है इसलिये फिलहाल मेरा जाना कुछ दिन के लिये स्थागित हो गया है। गजल ने दोनो हाथ उठा कर कुछ बुदबुदाई और फिर मुझसे लिपट कर बोली… खुदा ने मेरी दुआ कुबूल कर ली। मैने काशिफ को अपने साथ लिटा कर गजल की ओर करवट लेकर कहा… क्या आज की रात दूर रह कर बिताना चाहती हो? उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया था। उसको अपनी बाँहों मे जकड़ते हुए मैने कहा… जब तक यहाँ हूँ तब तक रोज रात को तुम्हें मुझे झेलना पड़ेगा। वह मेरी बाँहों मे सिमट कर रह गयी थी। उसने अपने आप को मेरे हवाले कर दिया था। उसके चेहरे पर आये हुए बालों को धीरे से हटा कर उसका माथा चूम कर उसके गालों पर अपने होंठ रगड़ते हुए पूछा… क्या आगे बढ़ने के लिये तैयार हो? उसने आँखों से आगे बढ़ने का इशारा किया तो मै उस पर छा गया। कुछ ही देर मे वस्त्रहीन होकर हम एक दूसरे की कामाग्नि भड़काने मे जुट गये थे।

मैने पहला हमला उसकी उन्नत कठोर पहाड़ियों पर करना आरंभ कर दिया था। एक पहाड़ी को मेरा हाथ कभी धीरे से सहलाता और कभी रौंदता। मेरी उँगलियों मे फँसे हुए कत्थई स्तनाग्र को कभी पकड़ कर खींचता और कभी तरेड़ता और कभी दबा देता। मेरा मुख कभी कलश को पूरा निगलने की कोशिश करता और कभी स्तनाग्र पर केन्द्रित होकर उसका रस सोखता, कभी होंठों के बीच फँसा हुआ स्तनाग्र मेरी जुबान का प्रहार सहता और कभी बेचारा दांतों के बीच फँस कर छटपटाता। हर वार पर वह तड़प उठती थी। कभी गजल छूटने की चेष्टा करती और कभी मेरा सिर पकड़ अपने सीने मे जकड़ लेती। वह धीरे-धीरे इस खेल मे निपुण होती जा रही थी। कुछ ही देर मे गजल किसी दूसरी दुनिया मे पहुँच चुकी थी। मेरे हर प्रणय मिलन से पूर्व स्पर्श पर उसका जिस्म सिहर उठता और मै तुरन्त उसके जिस्म मे उठने वाले हर स्पंदन को महसूस कर रहा था। कमरे बस उसकी आहें और सिस्कारियाँ गूंज रही थी। उत्तेजना से जलते हुए दो जिस्म एक होने के लिये तैयार हो गये थे।

मैने करवट लेकर गजल के कमसिन जिस्म पर छाते हुए जैसे ही उत्तेजना मे फुफकारते हुए भुजंग ने उसके योनिद्वार पर दस्तक दी तो वह अचकचा कर हमलावर को पकड़ने मे जुट गयी। …अभी नहीं। एक लम्बी सिस्कारी लेकर वह मचली और मस्ती मे लहराते हुए अजगर को गरदन से पकड़ कर बोली… आज इसे पूरा अपने गले मे उतार कर आपकी तमन्ना पूरी करुँगी। उसका उत्साह देख कर मै उससे अलग हो गया और आराम से बेड पर लेट कर उसे आगे बढ़ने का इशारा किया। एक पल उसने झूमते हुए भुजंग को देखा और फिर अपने होंठ खोल कर झुक गयी। वह कुछ देर टमाटर से फूले हुए मुंड को अपने होंठों मे फँसा कर उसे नहलाती रही और फिर धीरे से उसने पूरे मुंड को अपने मुख मे भर लिया। मैने धीरे से उसकी मुठ्ठी मे जकड़े हुए भुजंग को पकड़ कर उसे हिलाने की क्रिया दिखाते हुए कहा… अब इस क्रिया को दोहराते हुए धीरे-धीरे इसे अन्दर सरकाती जाना। उसने एक शिष्या की भाँति मेरी बात का अनुसरण करते हुए दबाव बनाना शुरु किया। उसकी जुबान और होंठ भुजंग को निगलने के लिये तत्पर हो गये थे। भुजंग का कुछ ही हिस्सा अंदर गया था कि वह घबरा कर अलग हो गयी और तेज सांसे लेते हुए लड़खड़ाती आवाज मे बोली… दम घुटता हुआ लग रहा है। मैने उसे अपने उपर खींच कर कहा… आज इतना ही काफी है। वह से हटते हुए बोली… एक बार और कोशिश करने दिजिये। वह कुछ देर थोड़े से हिस्से को मुख मे भर कर बैठ गयी परन्तु उसकी मुठ्ठी मे जकड़ी हुई गरदन पर निरन्तर वही क्रिया दोहराती रही। जब वह थोड़ा आदि हो गयी तो उसने एक बार फिर प्रयास किया तो आधा भुजंग उसके गले मे उतरता चला गया और एक स्थान पर पहुँच कर रुक गया। अचानक मुझे लगा कि किसी ने भुजंग का सिर पकड़ कर उसे दोहना शुरु कर दिया है। एक ओर उसकी मुठ्ठी की क्रिया और दूसरी ओर लगातार दोहन के कारण जवालामुखी मे उबाल आना आरंभ हो गया था। मै कुछ पल स्थिर रहा परन्तु उसकी निरन्तर दो तरफा क्रिया के कारण एकाएक दिमाग मे विस्फोट हुआ और लावा बेरोकटोक बहने लगा। अपनी इंद्रियों पर नियन्त्रण खोने के कारण उसके सिर पर रखे हुए हाथ पर दबाव पड़ा और भुजंग एक झटके से उसके गले की गहराई को नापते हुए उतरता चला गया। वह छटपटाई और मेरी पकड़ से छूटने के लिये मचली परन्तु मै तो किसी और ही दुनिया मे पहुँच गया था। मेरे दिमाग मे सैकड़ों विस्फोट हो रहे थे। सब कुछ लुटा कर जब मै होश मे आया तब तक वह हट कर सामान्य हो गयी थी। वह धीरे से मुर्झाये हुए भुजंग पर चपत लगा कर बोली… इसने तो मेरी जान ही निकाल दी थी। मैने मुस्कुरा कर कहा… थैंक्स। आज तुमने इस जालिम को हमेशा के लिये अपना गुलाम बना लिया है। वह मुस्कुरा कर मुझसे लिपट गयी थी।

कुछ देर उसे अपनी बाँहों मे बाँधे लेटा रहा। अबकी बार उसने पहल की और मुर्झाये हुए भुजंग को छेड़ने लगी। मेरे सीने पर तने हुए स्तनाग्र पर उसने अपने होंठों से वार करना आरंभ कर दिया। कुछ देर मे ही एक बार फिर से मेरे जिस्म मे तनाव आना शुरु हो गया था। अबकी बार उसने तने हुए भुजंग को गरदन से पकड़ कर अपने स्त्रीत्व के द्वार रगड़ने लगी। मुंड के मोटे सिर पर हलका सा दबाव पड़ते ही उसके स्त्रीत्व के कपाट खुल गये थे। अकड़े हुए अंकुर पर जैसे ही मुंड की रगड़ लगी उसके होंठों से वासनामयी सित्कार की निकल गयी… अ…अ…आ…हाय। कुछ देर रगड़ने के बाद वह स्वयं ही उसे अन्दर लेने का प्रयास करने लगी। तभी मैने करवट लेकर उसे अपने नीचे दबा कर उसके पुष्ट नग्न गोल नितंबों को अपने शिकंजे मे जकड़ कर धीरे से दबाव बढ़ाया तो वह कामातुर होकर चिल्लायी… अ…आह…मम…आँ। मेरा भुजंग अबकी बार पहले वार मे ही उसका योनिमुख खोल कर अन्दर सरक गया था। मै कुछ पल रुक कर उसकी योनि के संकरेपन को अपने हृदय मे उतारने के पश्चात एकाएक अपनी कमर पर लगातार दबाव बढ़ाता चला गया। मदमस्त भुजंग सारी बाधाएँ पार करके अन्दर सरकता चला गया जब तक हमारे जोड़ एक दूसरे टकरा नहीं गये थे। उसके मुख से एक लम्बी सीत्कार छूट गयी… अ…आ…आह…म…र…ग…ई। उसके चेहरे पर पीड़ा के साथ उत्तेजना की लहर उसके जिस्म पर छा गयी।

कुछ पल रुक कर मैने धीरे से अपनी कमर को पीछे खींचा और आखिरी सिरे पर पहुँचते कर पूरी शक्ति से इस बार उसे अन्दर धकेल दिया। इसी के साथ हम दोनो अपनी मंजिल की ओर अग्रसर हो गये थे। इस बार वह पूरे जोश से मेरा साथ दे रही थी। कमरे मे कामावेश से ओतप्रोत होकर हमारी सिर्फ सिस्कारियाँ गूँज रही थी। कुछ ही देर मे चक्रवाती तूफान वेग पकड़ चुका था। हम दोनो उस तूफान मे बहते चले गये। एक पल आया कि हम दोनो के लिए वक्त थम सा गया था। वह जोर से मचली कि तभी उसके जिस्म ने तीव्र झटका खाया और फिर काँपते हुए बिस्तर पर लस्त हो कर पड़ गयी। तभी मुझे भी ऐसा एहसास हुआ कि जैसे मेरे कामांग को उसने अपने शिकंजे जकड़ कर दोहना शुरु कर दिया है। उसके गदराये हुए कमसिन जिस्म के हर स्पंदन से मेरे जिस्म मे लावा खौलता चला जा रहा था। वह निर्जीव गुड़िया की भाँति मेरे हर वार को झेल रही थी। उत्तेजना के चरम पर पहुँच कर मैने एक भरपूर आखिरी वार किया और इसी के साथ मेरे सारे बाँध छिन्न-भिन्न होकर बिखर गये। उबलता हुआ लावा उसकी योनि मे बेरोकटोक बहने लगा। हमारी साँसे उखड़ रही थी। गहरी साँसे लेते हुए हमने अपने आपको सयंत किया और फिर हम एक दूसरे को बाहों ने लेकर लस्त हो कर बिस्तर पर पड़ गये थे। कुछ पल बीतने के पश्चात वह धीरे से बोली… अब मौत भी आ गयी तो कोई गम नहीं। उसको अपनी बाँहों मे जकड़ कर मै लेट गया और कुछ ही देर मे नींद हम पर हावी हो गयी थी।

अभी सवेरा नहीं हुआ था। फोन की घंटी की आवाज सुन कर हम दोनो चौंक कर उठ गये थे। मैने स्क्रीन पर नजर डाली तो वालकाट फोन कर रहा था। …हैलो। …सैम, आज शाम को जोइन्ट आन्तरिक सुरक्षा का उच्चस्तरीय डेलीगेशन इस्लामाबाद जा रहा है। तुम भी मेरे साथ चल रहे हो। …क्या पाकिस्तान बार्डर खुल गया? …नहीं। उसी को खुलवाने के लिये यह डेलीगेशन जा रहा है। यह पाकिस्तानियों की हमेशा की कहानी है। जब भी वह हम पर दबाव डालना चाहते है तो सबसे पहले राहदारी पर रोक लगा देते है। …कितने बजे? …शाम को पाँच बजे तक आफिस पहुँच जाना। …ओके। इतना बोल कर मैने फोन काट दिया था। …आप इस्लामाबाद जा रहे है? गजल उठ कर बैठ गयी थी। उसके चेहरे पर चिन्ता झलक रही थी। कुछ सोच कर मैने कहा… गजल, आफिस के काम से मुझे आज ही इस्लामाबाद जाना है। मुझे पता नहीं वहाँ से अब कब वापिस लौटना होगा। अभी भी रात की हालत मे हम दोनो निर्वस्त्र लेटे हुए थे। यह सुन कर उसका चेहरा उतर गया था। उसको खुश करने की मंशा से मैने उसके नग्न जिस्म को छेड़ना शुरु किया। कुछ देर तो वह विरोध करती रही परन्तु जब उसका जिस्म उसके नियन्त्रण मे नहीं रहा तो वह खुल कर सहयोग करने लगी। इस बार मैने उस पर टूट कर अपनी मोहब्बत लुटाई थी। जब हम दोनो थक कर चूर हो गये तो एक दूसरे को बाँहों मे लिये सपनो की दुनिया मे खो गये थे।  

काशिफ के उठने के कारण मेरी नींद टूट गयी थी। मैने अपनी घड़ी पर नजर डाली तो सुबह के नौ बज रहे थे। मै गजल को सोता छोड़ कर काशिफ का दूध बनाने के लिये किचन मे चला गया। काशिफ को दूध पिला कर मैने गजल को उठाया और फिर बाथरुम मे घुस गया। ग्यारह बजे तक तैयार हो कर मै भारतीय दूतावास की दिशा मे निकल गया था। कर्नल श्रीनिवास का सामना करने से बचने के लिये मैने जतिन भनोट को फोन करके दूतावास के गेट पर बुला लिया था। कुछ देर के बाद एक व्यक्ति हाथ मे पासपोर्ट लिये मुख्य द्वार पर आकर खड़ा हो कर बाहर देखने लगा तो मैने आगे बढ़ कर पूछा… मिस्टर भनोट। वह तुरन्त बोला… मिस्टर समीर। …वह पास्पोर्ट लाये है? उसने पास्पोर्ट मेरी ओर बढ़ाते हुए कहा… आप खुद देख लिजिये। मैने जल्दी से पास्पोर्ट लिया और उस पर गजल का फोटो और अन्य जानकरी देखने के पश्चात मैने जल्दी से कहा… थैंक्स। उम्मीद करता हूँ कि इस पास्पोर्ट के संबन्धित निर्देश का आप अक्षरशः पालन करेंगें। बस इतना बोल कर मै वहाँ से चल दिया था। वहाँ से निकल कर मै अपने फ्लैट की दिशा मे निकल गया था।

वालकाट से मिलने के लिये अभी मेरे पास तीन घंटे थे। मैने अपने बैग से सेटफोन निकाल कर आन किया और उसको चर्जिंग पर लगा कर बैठ गया। दो मिनट मे नेटवर्क से कनेक्ट होते ही सेटफोन की घंटी बजने लगी थी। …हैलो। अजीत सर की आवाज कान मे पड़ी… समीर आज हम सुबह से फोन लगाने की कोशिश कर रहे थे। सब ठीक तो है? …सर, एंथनी वालकाट आज शाम को इस्लामाबाद जा रहा है और मुझे भी उसके साथ जाना है। …इसी के बारे मे बात करने के लिये तुम्हें फोन कर रहे थे। पाकिस्तानी सरकार ने डूरंड लाईन को सील करने का फैसला किया है। इसी के साथ उन्होंने अमरीका को राहदारी देने से भी मना कर दिया है। पता चला है कि कोई अमरीकन सरकार का हाई लेवल डेलीगेशन इस्लामाबाद जा रहा है। …जी सर। यहीं से भेजा रहा है। …पाकिस्तानी सरकार राहदारी के बहाने अमरीका से बहुत सी फौजी इमदाद की मांग करेगी और हमारी कोशिश होनी चाहिये कि यह मीटिंग किसी भी तरह असफल हो जाए। …सर, इस डेलीगेशन मे वालकाट की कोई महत्वपूर्ण भुमिका तो नहीं लग रही तो भला इसे मै कैसे असफल कर सकता हूँ। …तेहरीक, पश्तून और बलोच तंजीमे इसे असफल कर सकती है। हमला अगर पाकिस्तान स्थित तंजीमो के द्वारा दिखाया जाये तो अमरीका का पलड़ा भारी हो जाएगा। डेलीगेशन को बस इतना यकीन दिलाने की आवश्यकता है कि यह कतर की शांति वार्ता को असफल करने के लिये आईएसआई ने फाल्स फ्लैग आप्रेशन किया था।  …जी सर। …वहाँ तुम्हारी बात नहीं सुनी जाएगी लेकिन वालकाट की बात उनके सामने वजन रखती है। …जी सर। मै वालकाट को इसके लिये ब्रीफ कर दूंगा लेकिन इस बारे मे बात करने का निर्णय उसे लेना होगा। …समीर, यह बेहद संवेदनशील मसला है। संभल कर काम करना। …जी सर। अजीत सर ने बस इतनी बात करके फोन काट दिया था।

अपने फ्लैट पहुँच कर मैने मेसेज बाक्स को देखा तो उसमे अंजली का कोई मेसेज नहीं था। कुछ सोच कर मैने मेनका का नम्बर मिलाया। कुछ देर घंटी बजने के पश्चात एक जानी पहचानी खनकती आवाज कान मे पड़ी… हैलो। मैने जल्दी से पूछा… अंजली, तुम वापिस आ गयी? दूसरी ओर चुप्पी छायी रही और एकाएक तेज आवाज गूंजी… मेनका, तुम्हारे अब्बू का फोन है। मैने जल्दी से एक सांस मे कहा… अंजली, ब्लैक ट्रायड गैंग से उलझने की जरुरत नहीं है। अगर तुम समझती हो कि उनसे भिड़ना जरुरी है तो पहले उस गैंग की पाकिस्तानी पाइपलाईन को ध्वस्त करना पड़ेगा। जमाल कुरैशी उस पाइपलाइन का सरगना है। प्लीज…। तभी मेनका की आवाज कान मे पड़ी… अब्बू। मैने जल्दी से कहा… बेटा, कैसी हो और हाऊ इज केन? एक बार मेनका का बोलना आरंभ हुआ तो फिर मै चुपचाप उसको सुनता रहा था। फोन काटने से पहले मैने मेनका से कहा… बेटा अबकी बार जब भी अम्मी कुछ दिनो के लिये बाहर जाये तो मुझे तुरन्त फोन पर खबर कर देना। यह हमारा सीक्रेट पैक्ट है जैसे हमने एक बार काठमांडू जाने से पहले किया था। …यस, अब्बू गाड प्रामिस। इतनी बात करके मैने फोन काट दिया और आने वाली मीटिंग के लिये अपनी रणनीति तैयार करने मे जुट गया।

एक घन्टे के बाद अपने कमरे से बाहर निकल कर गजल के साथ बैठते हुए बोला… मेरे जाने के बाद इस कैम्पस से हर्गिज बाहर मत निकलना। मै आमेना को लेकर जल्दी ही वापिस आ जाऊँगा। मेरा इंतजार करना। …वह जब यहाँ सबके सामने घुस कर ऐसे काम को अंजाम दे सकते है तो दोबारा वह क्यों नहीं कर सकते? …गजल, वह दोबारा ऐसा करने की भूल नहीं करेंगें। …आपके जाने की बात सुन कर डर लग रहा है। उसको अपने निकट खींचते हुए मैने कहा… शहरयार कारासोव की बेटी इतनी डरपोक नहीं हो सकती। उसने आश्चर्य से नजरे उठा कर मेरी ओर देखा तो मैने जल्दी से कहा… तुम्हारे पास्पोर्ट पर तुम्हारे पिता का यही नाम है। वह तुनक कर बोली… बाकू मे हमारा कारासोव परिवार गिने चुने पाँच संपन्न पुराने परिवारों मे से एक है। हमारी पाँच पीड़ियाँ ने यहाँ पर अपना कारोबार जमाया है। मूल रुप से कारासोव परिवार रुसी क्रांति के बाद चेचन्या से यहाँ आकर बस गया था। मेरी अम्मी तुर्कमेनिस्तान की है तो मेरी रगों मे जंगजू खून दौड़ रहा है। इसलिये आप मुझे डरपोक हर्गिज नहीं कह सकते। मैने धीरे उसके बाल सहलाते हुए कहा… तो फिर डर क्यों रही थी? वह मेरे सीने अपना चेहरा छिपा कर धीरे से बोली… आप से बिछुड़ने का डर सताता रहता है। अगर आपको कुछ हो गया तो हमारा क्या होगा। …गजल, हमारा निकाहनामा बाकू मे पंजीकृत हो गया है। अब जमाल की ओर से तुम्हें कोई खतरा नहीं है। इस्लामाबाद से लौटने के बाद मै सब कुछ ठीक कर दूँगा।

गजल कुछ देर मुझसे लिपटी रही और फिर अलग होकर बोली… हमारे शिपिंग ट्रांस्पोर्ट के कारोबार का क्या होगा? अब्बू की हत्या के बाद सारा कारोबार सोफिया और जमाल संभाल रहे है। …हमारी पहली प्राथमिकता आमेना को उनके चंगुल से सुरक्षित निकालने की है। तुम्हारी कंपनी किस नाम से है? …डेनफोर्थ शिपिंग एन्ड ट्रांस्पोर्ट कंपनी। हमारा पहले रियल स्टेट और कंस्ट्रक्शन का कारोबार था। सोवियत संघ मे हमारा शापिंग माल, रिहाईशी अपार्टमेन्ट और सरकारी रेल और सड़क बनाने का कारोबार था। सोवियत संघ के टूटने के कारण डेन्फोर्थ ग्रुप को काफी नुक्सान झेलना पड़ा तो मेरे दादा और अब्बू ने नये सिरे से रुस के तेल निर्यात के लिये पाँच टैंकर से शिंपिग ट्रांस्पोर्ट का काम शुरु किया था। आज वह काम इतना फैल गया है कि युरोप, रुस व सोवियत संघ से टूटने वाले अन्य देशों की सबसे बड़ी शिपिंग और ट्रांस्पोर्ट की कंपनी बन गयी है। इतना बोल कर गजल चुप हो गयी थी।

…यह काशिफ आमेना का बेटा है? मेरा सवाल सुन कर उसके चेहरे का रंग उड़ गया था। वह जल्दी से बोली… यह जमाल और बाजी का बेटा है। मैने उसकी ओर घूर कर देखा तो वह घबरा गयी थी। …गजल, तुम दोनो बहने मुझे बेवकूफ समझने की गलती मत करना। आठ महीने के नवजात शिशु की माँ के सीने मे अभी तक दूध नहीं उतरा है तो इसका मतलब साफ है कि आमेना उसकी माँ हर्गिज नहीं है। तो फिर काशिफ की माँ कौन है? अबकी बार वह झिझकते हुए बोली… सोफिया। …क्या मतलब? …हम जब कंराची से फरार हुए तब जमाल और सोफिया पर दबाव डालने के लिये हम काशिफ को अपने साथ ले आये थे। बाजी ने यह सब आपको बताने से मना कर दिया था। उनका अनुमान है कि सोफिया अपने बच्चे की खातिर हमसे सुलह करने के लिये जमाल को राजी करवा लेगी। मैने उसके सिर पर हल्के से चपत लगा कर कहा… बेवकूफ लड़की क्या काशिफ को ढाल बनाने से जमाल दबाव मे आ जायेगा। उसके पीछे आईएसआई और पाकिस्तान की फौज खड़ी हुई है। ब्लैक ट्रायड गैंग उसको मदद कर रहा है। आमेना इसी गलती की सजा भुगत रही है। इसलिये प्लीज कुछ दिनो के लिये तुम अपने छोटे से दिमाग को कष्ट मत देना। गजल ने जल्दी से सिर हिला कर हामी भरी और मुझसे लिपट कर बोली… जी।

मैने अपनी कलाई पर बंधी हुई घड़ी पर नजर डाली तो मेरे चलने का समय हो गया था। गजल और काशिफ को प्यार करके कुछ नोटों की गड्डियाँ के साथ उसका पास्पोर्ट उसके हाथ पर रख कर भारी मन से उनसे विदा लेकर अपने आफिस की ओर निकल गया। दूतावास के बाहर काफी चहल-पहल दिख रही थी। मै सीधे पार्किंग मे चला गया था। वालकाट को अपने आने की खबर देकर अपनी रणनीति को बनाने मे व्यस्त हो गया। कुछ देर बाद वालकाट मेरे पास आकर बोला… चार्टिड फ्लाईट से हमारा डेलीगेशन इस्लामाबाद जा रहा है। इस डेलीगेशन के मुखिया सीनेटर राबिन्सन है। …यह क्या पाकिस्तान प्रेमी है? …नहीं। यह रिपब्लिकन पार्टी का सीनेटर है। …एंथनी, इस डेलीगेशन के जरिये मै पाकिस्तानी एस्टेबलिशमेन्ट मे भूचाल लाने की सोच रहा हूँ। मेरी बात सुन कर वालकाट सतर्क हो गया था। …हमे उस पोस्ट पर हुए हमले और शापिंग माल के हमले को पाकिस्तानी सेना का फाल्स फ्लैग आप्रेशन दिखाना चाहिये। …यह कैसे संभव होगा? …सेटेअलाईट इमेजिस के द्वारा हमे सिर्फ इतना कहना है कि वह अस्थायी पोस्ट सेना ने फाल्स फ्लैग आप्रेशन के लिये बनायी थी। उनके पास हमारे खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। वह सिर्फ मुल्ला मोईन पर सारा ठीकरा फोड़ने की कोशिश करेंगें और हम यह काम उनकी सीमा मे पलने वाले हक्कानी समूह पर डालेंगें। वालकाट कुछ देर के लिये गहरी सोच मे दूब गया था।

…सैम, फाल्स फ्लग आप्रेशन का मकसद क्या बतायेंगें? …कतर मे होने वाली तालिबान के साथ शांति वार्ता को असफल बनाने की कुछ पाकिस्तानी तंजीमो की साजिश बताने की जरुरत है। हमारा असली मुद्दा सूचना के आदान-प्रदान का होना चाहिये। पाकिस्तानी सरकार ने उस अस्थायी पोस्ट की अभी तक हमसे कोई औपचारिक जानकारी साझा नहीं की है। वालकाट कुछ पल मुझे घूरता रहा और फिर मुस्कुरा कर बोला… इस सलाह के लिये तुम्हारी कितनी फीस होगी? …पहले पूरी बात सुन लो। पाकिस्तान एस्टेबलिशमेन्ट की ओर से पहली तोहमत मित्र देशों के बीच विश्वास की कमी और दूसरी तोहमत हमारी ओर तालिबान के खिलाफ कड़ी कार्यवाही न करने की लगायी जाएगी। हमारे पास आईएसआई के द्वारा आमेना असगरी के अपहरण के सारे सुबूत है। हम आमेना के केस को अपनी ढाल बना कर सारी गलती पाकिस्तानी एस्टेबलिशमेन्ट की बता सकते है। आखिर आईएसआई बिना किसी सूचना के हाई सिक्युरिटी अमरीकन क्षेत्र से एक लड़की का अपहरण क्यों और कैसे कर सकती है? मित्र राष्ट्रों के बीच विश्वास मे वृद्धि के लिये पहला कदम पाकिस्तान को उठाना पड़ेगा और जल्दी से जल्दी उस लड़की को सही सलामत वापिस भेजना पड़ेगा। आईएसआई इसके लिये आसानी से तैयार नहीं होगी तो फिर उनकी राहदारी का मुद्दा कमजोर पड़ जाएगा। इसी तरह शापिंग माल मे हुए हमले का विवरण देते हुए सिकन्दर हक्कानी पर शक की सुई घुमा देने से पाकिस्तानी डेलीगेशन तुम्हारे उपर दबाव नहीं डाल सकेगा।

वालकाट ने हँसते हुए मेरे कन्धे पर हाथ मार कर कहा… ब्रिलियन्ट सैम। कल से सीनेटर राबिन्सन काफी तनाव मे थे। हमारे लिये राहदारी बेहद संवेदनशील मुद्दा है। पाकिस्तान इस बार राहदारी के बदले हमसे मोटे रक्षा अनुदान की मांग रखने की सोच रहा है। स्टेट डिपार्टमेन्ट के अनुसार पाकिस्तान ने राहदारी देने के लिये दस अरब डालर के रक्षा अनुदान की पेशकश की है। रक्षा सीनेट कमेटी ने सीनेटर राबिन्सन को किसी भी प्रकार के अनुदान को मना करने के लिये भेजा है। परन्तु अब यह कहानी सुन कर वह पूरे पाकिस्तानी डेलीगेशन को कच्चा चबा जाएगा। गुड थिंकिंग माईबोय। आओ चल कर उन्हें ब्रीफ कर देते है। …नहीं। मेरा उनके सामने जाना ठीक नहीं है। तुम उन्हें साक्ष्य के साथ ब्रीफ कर दोगे तो वह कल सबकी खाल नोंच लेंगें। पाकिस्तान के पास किसी बात का जवाब नहीं होगा और अपने आप राहदारी का मुद्दा कमजोर पड़ जाएगा। वालकाट कुछ देर और मेरे से सारी रणनीति पर चर्चा करता रहा और फिर जल्दी से बोला… सैम, टाइम हो गया है। आओ चलते है। अपना बैग उठा कर मै उसके साथ चल दिया। मैने चलते हुए कहा… एंथनी, इस्लामाबाद पहुँच कर मुझे जिरगा की सारी तैयारी करनी है। एक बार सभी मुख्य तंजीमो के साथ बैठ कर अपने तीनो मुद्दे पर उनकी सहमति बनानी है। इसी कारण एक महीने तक मेरा काबुल आना मुश्किल होगा। तुमसे भी ज्यादा बात नहीं हो सकेगी। मेरी बीवी और बच्चा तुम्हारे सेफ हाउस मे ठहरे हुए है तो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी तुम पर डाल रहा हूँ। …डोन्ट वरी। उनकी सुरक्षा की मेरी जिम्मेदारी है। चलते हुए हमारे बीच बस इतनी बात हो सकी थी।

दूतावास की तीन चमचमाती कार मुख्य द्वार पर खड़ी हुई थी। कुछ लोग आ चुके थे और कुछ लोगों का इंतजार चल रहा था। मै वालकाट के साथ एक किनारे मे खड़ा हो गया। सीनेटर राबिन्सन के आते ही तीनो कार चलने के लिये तैयार हो गयी थी। वlलकाट बुदबुदाया… हमारे यहाँ से छह लोग जा रहे है। बाकी नाटो के तीन सदस्य एयरपोर्ट पर मिलेंगें। इतना बोल कर वह सबसे पीछे खड़ी हुई कार की दिशा मे चल दिया। कुछ ही देर मे हमारा काफिला सेना के सुरक्षा घेरे मे काबुल एयरपोर्ट की दिशा मे निकल गया था।

 

जीएचक्यू, रावलपिंडी

उसी समय जनरल मेहमूद के आफिस मे कुछ लोग बैठ कर बहस मे उलझे हुए थे। जनरल रहमत उल मेहमूद चुपचाप बैठ कर जनरल फैज और तीन ब्रिगेड कमांडरों मे होती हुई बहस देख रहा था। जनरल फैज बोला… जनाब, यही मौका है जब राहदारी के बहाने से अमरीका को घुटनो पर लाकर रक्षा सौदे के लिये दबाव बनाया जा सकता है। फ्रंटियर फोर्स का कोर कमांडर शाहबुद्दीन चौधरी तुरन्त बोला… जनरल मेहमूद, इस मुद्दे पर अमरीका की राहदारी रोकने का आप बेवजह रिस्क ले रहे है। तभी गृह मंत्री रशीद बोला… जनरल साहब, मै जनरल फैज की बात से सहमत हूँ। इस मुद्दे पर उनके उपर दबाव बनाया जा सकता है। आपकी ओर से सेना की विश लिस्ट क्या है? जनरल मेहमूद ने मुस्कुरा कर कहा… हमारी विश लिस्ट मे बहुत कुछ है परन्तु क्या अमरीका वह सब देने को तैयार हो जाएगा? तभी चौधरी बोला… जनाब, जर्बे-अज्म जैसे आप्रेशन को फ्रंटियर मे दोहराने के लिये हमे कुछ अपाचे हेलीकाप्टर और भारी आर्टीलरी चाहिये। जनरल फैज जल्दी से बोला… जनरल चौधरी, एफ-16 के रक्षा सौदे की फाईल तीन साल से धूल खा रही है। इसके बहाने हम 10 अरब डालर के रक्षा अनुदान को पास करवा सकते है। इस खुलासे से एक बार फिर से सब मे बहस छिड़ गयी थी।

कुछ देर तक जनरल मेहमूद उनकी बहस सुनते रहे और फिर बोले… जनरल फैज, आप अपना केस तैयार किजिये। रक्षा सौदे के लिये राहदारी को मुद्दा बनाना पड़ेगा। गृह मंत्री रशीद जल्दी से बोला… सेना के लिये रक्षा सौदा तो ठीक है। परन्तु इस वक्त हमारी जरुरत आईएमएफ के लोन की है। प्रधानमंत्री कामरान चाहते है कि राहदारी के बदले आईएमएफ का लोन पास कराया जाये तो बेहतर होगा। जनरल मेहमूद ने कुछ पल सोच कर कहा… आईएमएफ के लोन को हम इसके लिये इस्तेमाल नहीं करना चाहते परन्तु अगर ऐसी बात है तो आप कल यह बात खुद उनके डेलीगेशन के सामने रख देना। रशीद जल्दी से बोला… जनाब, यह तभी हो सकता है जब आप अपना केस मजबूती से उनके सामने रखेंगें। पिछली बार जैसी बात नहीं होनी चाहिये। जनरल मेहमूद तुरन्त बोला… उस नाकामयाबी की असली वजह प्रधानमंत्री कामरान खुद थे। अगर वह गलतबयानी नहीं करते तो अमरीकन सरकार को हर हालत मे झुकना पड़ता। अबकी बार यह मौका सेना के हाथ मे है तो क्या जनरल फैज इस बार उस डेलीगेशन के लिये तैयार है?  

जनरल फैज ने तुरन्त अपने एडीसी को इशारा किया और फिर जनरल मेहमूद से बोला… जनाब, बड़ा पुख्ता केस तैयार किया है। कर्नल हमीद जरा हमारे केस की इनको झलक दिखाईये। सभी चुप होकर स्क्रीन की ओर देखने लगे। कमरे की कुछ लाईट्स बुझा कर अंधेरा किया गया और फिर कर्नल हमीद ने सबके सामने अपनी प्रेसेन्टेशन दिखाना आरंभ कर दिया। वह उस अस्थायी पोस्ट की तस्वीरे दिखाते हुए अपनी बात बोलता चला गया। आधे घंटे की प्रेजेन्टेशन देखने के बाद दोबारा से कमरा रौशन होने के पश्चात जनरल फैज बोला… आप सभी के सामने हमने सारी कहानी ब्यान कर दी है। अब आपके उपर होगा कि कैसे अपने केस को पुख्ता तौर पर उस डेलीगेशन के सामने रखा जाये। जनरल मेहमूद ने एक नजर सब पर डाल कर कहा… यह हमारे लिये सुनहरी मौका है। हमारे बीस जवानों की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिये। मै तो अपनी ओर से अपना पक्ष बड़ी मजबूती से रखूँगा। जनरल फैज पर इस केस को मजबूती से रखने की जिम्मेदारी होगी। रशीद साहब आप सरकार का पक्ष उनके सामने रख दिजियेगा। …इंशाल्लाह कल मेज पर हमारी फतेह होगी। सभी ने आसमान की ओर हाथ उठा कर कहा… आमीन।

एक-एक करके सभी कमरे से बाहर निकल गये थे। जनरल मेहमूद कुछ देर चुपचाप बैठा रहा और फिर उठ कर किसी से फोन पर बात करने मे व्यस्त हो गया था।  

रविवार, 6 अक्टूबर 2024

 


 

शह और मात-20

 

फ्लैट मे प्रवेश करते हुए मेरी नजर गजल पर पड़ी जो काशिफ को गोदी मे लिये सुलाने की कोशिश कर रही थी। मुझे देखते ही वह बोली… आपको बाजी का कुछ पता चला? उसके सामने सोफे पर बैठते हुए …नहीं, लेकिन जल्दी ही पता चल जाएगा। इतना बोल कर मै कपड़े बदलने के लिये अपने कमरे मे चला गया था। गजल और काशिफ के भविष्य के बारे मे निरन्तर चिंता सता रही थी। कपड़े बदल कर बाहर निकला तो गजल खाना मेज पर लगा रही थी। सोफे पर काशिफ लेटा हुआ अपने हाथ और पाँव हवा मे चला रहा था। मैने उसे अपनी गोदी मे उठाया और डाईनिंग टेबल पर बैठते हुए पूछा… इसको दूध पिला दिया? …जी, लेकिन पता नहीं क्यों आज वह सो नहीं रहा है। खाना खाने के पश्चात काशिफ को गोदी मे लेकर मै फ्लैट से बाहर निकल कर पीछे के लान मे टहलने निकल गया था। उस मासूम के साथ धीरे-धीरे स्नेह और विश्वास का रिश्ता बन गया था। जब तक मै टहल कर वापिस लौटा तब तक काशिफ सो गया था। गजल सारा काम समेट कर बेडरुम मे चली गयी थी। मै काशिफ को लेकर जब अपने बेडरुम मे प्रवेश किया तो गजल बेड के एक हिस्से को काशिफ के लिये तैयार कर रही थी। …यह सो गया है। मेरे हाथ से काशिफ को लेकर एक किनारे मे लिटा कर मेरे पास आकर बोली… मुझे अपने से दूर करने की कोशिश मत किजियेगा। मै आपको छोड़ कर कहीं नहीं जाउँगी।

मेरा दिमाग आमेना की ओर लगा हुआ था। वालकाट की ओर से कभी भी खबर आ सकती थी। गजल के साथ लेटते हुए मैने उसको समझाते हुए कहा… तुम्हारी बाजी को लेने मुझे कल सुबह निकलना पड़ेगा। जब तक मै वापिस नहीं लौटता तब तक तुम्हें सबकी नजरों से बच कर रहना पड़ेगा। कल सुबह तुम्हारा पास्पोर्ट मिल जाएगा तो तुम इसे लेकर बाकू चली जाना। मै जल्दी ही तुम्हारी आपा को लेकर तुम्हारे पास पहुँच जाऊँगा। वह रुआँसी होकर बोली… प्लीज, मुझे अपने से दूर मत किजिये। आपके सिवा अब मुझे किसी पर कोई भरोसा नहीं है। मै कुछ बोलता कि मेरे फोन की घंटी बज उठी थी। …हैलो। …सैम, अभी मुझे खबर मिली है कि डेल्टा फोर्स के पहुँचने से पहले आईएसआई ने उस लड़की को हेलीकाप्टर से सीमा पार भिजवा दिया है। पता चला है कि उस लड़की को उन्होंने पेशावर एयरबेस पर उतारा है। मैने अपने पेशावर के नेटवर्क को सक्रिय कर दिया है। इतना बोल कर उसने फोन काट दिया था।

गजल ने पूछा… बाजी का कुछ पता चला? मैने उठते हुए कहा… अभी तक बस इतना पता चला है कि वह इस वक्त पेशावर मे है। यह खबर सुन कर मुझे मेरी हिम्मत टूटती हुई लगी तो गजल मुझ पर झुक मेरे चेहरे को अपनी बाँहों भर कर सीने से लगा कर बोली… आप चिंता मत किजिये। सब ठीक हो जाएगा। कुछ देर तक मै ऐसे ही पड़ा रहा फिर उससे अलग होते हुए मैने कहा… तुम भी आराम करो। कल सुबह बहुत से काम करने है। मैने अपनी बाँह फैला कर उसे नजदीक खींच कर अपने सीने से लगा कर लेट गया था। मेरे सीने मे अपना चेहरा छिपाये उसने मेरी शर्ट को भिगोना आरंभ कर दिया था। अचानक वह अपनी कोहनी पर उचक कर मेरी आँखों मे झाँकते हुए धीरे से उसने अपने नाजुक होंठ मेरे होंठों पर रख दिये थे। उसकी पहल ने मेरी दिमागी उलझनों को कुछ पलों के लिये दबा कर उसकी ओर लगा दिया था। आज उसके साथ मेरी आखिरी रात थी। अगली सुबह मुझे इस्लामाबाद के लिये निकलना था। पिछले कुछ दिनो मे दोनो बहनो ने खुल कर मेरे उपर अपनी मोहब्बत लुटाई थी। इस लिये अब तक गजल भी एकाकार के खेल मे पारंगत हो गयी थी। वह इतना जान गयी थी कि कैसे मेरे संवेदनशील अंगों को छेड़ कर मेरे अन्दर कामाग्नि प्रज्वलित करके भड़काई जा सकती है। वह मेरे होंठों पर कुछ देर छाने के पश्चात एक नागिन की तरह मेरे सीने को अपनी जुबान से छेड़ते हुए और अपने कमसिन स्तनों को मेरे जिस्म पर घिसते हुए मेरे अर्धसुप्त भुजंग तक पहुँच गयी थी। आमेना के सिखाये पाठ को दोहराते हुए गजल ने कुछ ही देर मे भुजंग को अपने लिये तैयार कर लिया था।

अब छेड़खानी करने की मेरी बारी थी। सब कुछ भुला कर मैने गजल के तपते हुए गाल पर अपने होंठ रगड़ते हुए एक हल्का सा चुम्बन ले लिया। मेरे होंठों के स्पर्शमात्र से उसका कमसिन जिस्म मेरी बांहों मे सिहर उठा था। मेरे दोनों हाथों ने उसको कमर से पकड़ लिया और उसने आँखें मूंद अपने आप को मेरे हवाले कर दिया। उसकी ठुड्डी को सहारा देते हुए उसका चेहरा अपने सामने करते हुए मैने तड़कते हुए सूखें होठों पर धीरे से उँगली फिराई तो उसने चिहुँकते हुए अपनी आँखें खोली। उसकी आँखों मे पूर्ण समर्पण के भाव दिखायी दे रहे थे। वह बेचैनी से तड़प रही थी। उसके होंठ स्वत: ही खुल गये थे। कोमल पंखुडी से निचले होंठ को मैने अपने होंठ मे धीरे से दबा कर उसकी कमसिन गोलाईयों के साथ खेलने मे व्यस्त हो गया …ऊफ़्फ़्फ़ क्या पत्थर सी कड़क बुर्जियाँ थी। रुई जैसे फोहों जैसे नर्म नाजुक गोलाईयाँ और उनके शिखर पर अकड़ती हुई कत्थई मोती सी बुर्जी को अपने होंठों मे दबाया तो अनायस सी उसके मुख से एक कामोत्तेजक सित्कार निकल गयी… अ…आह। उसके शरीर में एक झुरझुरी सी दौड़ गई और शरीर के सारे रोम-कूप खड़े हो गये थे। एक आँख वाला भुजंग उत्तेजना से लक्ष्यभेदन के लिये मचलने लगा।

एकाएक कामोत्जना से वशीभूत होकर हमारे जिस्म एक दूसरे से पूरे वेग से टकराये और फिर दोनो के जहन मे एक तूफान ने गति पकड़ना शुरु कर दिया। सब कुछ भुला कर एक दूसरे की कामाग्नि शांत करने के लिये तत्पर हो गये थे। मेरे वारों की गति बढ़नी शुरु हो गयी थी और गजल भी उत्तेजना मे अपने नितम्ब उचका कर मेरा साथ देने लगी थी। मैं उसके गालों, होंठों, पलकों, गले और कानों का रस सोखने मे जुट गया था। हर वार के साथ उसकी मीठी सीत्कार कमरे मे गूँजने लगी। हौले-हौले हमारी जिस्मानी चाहत चक्रवाती तूफान मे परिवर्तित होने लगी और कुछ ही देर मे हम दोनो उस तूफान मे बहते चले गये थे। तूफान शान्त होने के पश्चात लुटे हुए आशियाने की भांति अपनी-अपनी बेकाबू साँसों को काबू मे करने के बाद मै धीरे से उसके ऊपर से सरक कर बगल मे लेट गया। कुछ देर के बाद उसके जिस्म मे हरकत हुई तो मैने उसकी ओर देखा। वह अपनी पल्कें झपकाते हुए उठने की कोशिश कर रही थी लेकिन शायद उसका जिस्म उसका साथ नहीं दे रहा था। …लेटी रहो। बस इतना बोल कर मै आँखें मूंद कर उसको अपने आगोश मे जकड़ कर  लेट गया। तूफान थमने और वासना के बादल छटने के बाद थकान के कारण हम दोनो गहरी नींद मे डूब गये थे।

अगली सुबह मेरी आँख खुली तो मेरी नजर गजल पर पड़ी जो गोदी मे काशिफ को लिये सोफे पर बैठी हुई मुझे देख रही थी। अपने नग्नता का एहसास होते ही एक पल के लिये मैने तन ढकने के लिये उठते हुए बोला… क्या देख रही हो? गजल ने मुस्कुरा कर कहा… आपको देख रही हूँ। मैने तन ढकने के लिये किसी कपड़े की आस मे निगाह आस-पास दौड़ाई। जब कुछ नहीं दिखा तो मै बाथरुम जाते हुए बोला… अब दर्द तो नहीं हो रहा है?  उसने शर्मा कर धीरे से अपना सिर हिला दिया था। कुछ देर के बाद तौलिया बाँध कर जब बाहर निकला तब तक गजल ने करीने से मेरे कपड़े एक किनारे मे रख दिये थे। अपने कपड़े पहनते हुए मैने कहा… गजल, अब मेरी बात ध्यान से सुनो। मै तुम्हारा पास्पोर्ट लेने जा रहा हूँ। तुम बाकू चली जाना परन्तु कुछ दिन अपने घर और परिवार से दूर रहना। आमेना का पता लगते ही मै उसे लेकर बाकू पहुँच जाउँगा। उसके बाद ही हम उनके सामने आएगें। वह चुपचाप मेरी बात सुन रही थी। एकाएक वह बोली… तो मै यहीं पर रुक जाती हूँ। आप बाजी को लेकर यहीं आ जाईयेगा। …गजल यह जगह तुम्हारे लिये सुरक्षित नहीं है। मुझे समझ मे नहीं आ रहा था कि कैसे गजल को सुरक्षित बाकू पहुँचाया जाये। नाश्ता करते हुए गजल बोली… मुझे कुछ अपने व काशिफ के लिये कपड़े व सामान खरीदना है। आप मुझे शापिंग माल मे छोड़ दिजियेगा।  …वापिस कैसे आओगी। मेरे साथ चलो। भारतीय दूतावास से तुम्हारा पास्पोर्ट लेकर फिर तुम्हारी खरीदारी करवा दूँगा। कुछ ही देर मे हम भारतीय दूतावास कि दिशा मे जा रहे थे।

भारतीय दूतावास से कुछ दूरी पर मैने लैंडरोवर खड़ी करके कमांड सेन्टर फोन मिलाया तो जनरल रंधावा की आवाज गूंजी… पुत्तर स्केन कापी मिल गयी। …जी सर। वह पास्पोर्ट किससे लेना है? …एडीसी जतिन भनोट से उस लड़की का पास्पोर्ट ले लेना। …थैंक्स सर। बस इतनी बात करके मैने फोन काट कर जैसे ही लैंडरोवर आगे बढ़ायी कि तभी मेरे सामने दूतावास से कुछ दूरी पर एक काली विदेशी कार आकर रुकी और उसमे से कर्नल श्रीनिवास उतर कर दूतावास की ओर चल दिया। कुछ सोच कर मै दूतावास न जाकर उस काली कार के पीछे चल दिया था। …क्या पास्पोर्ट नहीं लेना? …फोन पर पता चला है कि दोपहर के बाद पास्पोर्ट मिलेगा तो पहले तुम्हारी खरीदारी करवा देता हूँ। काली कार का पीछा करते हुए हम काबुल के मुख्य बाजार मे पहुँच गये थे। वह कार एक आधुनिक शापिंग माल के सामने रुक गयी थी। जब तक मै अपनी लैंडरोवर रोकता तब तक एक हसीन विदेशी लड़की उस कार से उतर कर शापिंग माल मे चली गयी थी। …गजल तुम इधर उतर कर अन्दर चली जाओ। मै गाड़ी पार्क करके आता हूँ। गजल और काशिफ को वहीं छोड़ कर मै पार्किंग मे चला गया था।

कुछ देर के बाद मेरी आँखें उस विदेशी महिला को शापिंग माल मे तलाश कर रही थी। उस शापिंग माल मे ज्यादातर खरीददार विदेशी दिखाई दे रहे थे। उस महिला का चेहरा नहीं देख पाया था परन्तु उसके कपड़ो से पहचानने की कोशिश कर रहा था। वह नीले रंग का स्लिट गाउन पहने हुए थी। एक-एक दुकान पर नजर डाल कर आगे बढ़ता जा रहा था। प्रथम तल देखने के बाद दूसरे तल पर जाने के लिये लिफ्ट की दिशा मे चल दिया। तभी मेरी नजर लिफ्ट के पास खड़ी हुई स्लिट गाउन पहने स्त्री पर पड़ी जो लिफ्ट का इंतजार कर रही थी। मै तेजी से उस दिशा मे बढ़ गया। जब तक लिफ्ट के पास पहुँचा तब तक वह लिफ्ट मे प्रवेश कर चुकी थी और दरवाजा बन्द होना आरंभ हो गया था। आखिरी पल पर बन्द होते हुए दरवाजे की झिरी मे पाँव अटका कर रोकते हुए मैने जल्दी से बोला… सौरी। उस युवती को दो अफगानी घेर कर खड़े हुए थे। पहली बार मैने उस स्त्री का चेहरा नजदीक से देखा था। शक्ल से वह चीनी या जापानी मूल की लग रही थी। चेहरे के साथ उसकी जिस्मानी बनावट भी बेहद आकर्षक थी। हल्के-फुल्के मेकअप मे भी वह सबसे अलग दिख रही थी। तीसरे तल पर लिफ्ट के रुकते ही वह आगे बढ़ी तो उसके स्लिट गाउन से उसकी नग्न जाँघ तक के दर्शन हो गये थे। ऐसे रुढ़िवादी इस्लामिक हिस्से मे इस प्रकार की पोषाक पहनने वाली स्त्री कोई साधारण स्त्री नहीं हो सकती थी। यही सोचते हुए उसके पीछे मै भी लिफ्ट से बाहर निकल कर माल की गैलरी मे आ गया था। मैने अपना फोन निकाल कर बात करने के बहाने उसकी तस्वीर अलग-अलग एंगल से खींचना आरंभ कर दिया था।

वह स्त्री अपनी हील खटखटाती हुई एक इलेक्ट्रानिक दुकान मे चली गयी और मै अपने झोंक मे आगे बढ़ता चला गया। कुछ कदम चलने के पश्चात मै अपने पंजों पर एकाएक घूम कर एक पिलर की आढ़ लेकर खड़ा हो गया। मेरी नजरे उस दुकान पर टिक गयी थी जिसमे वह स्त्री गयी थी। पारदर्शी बड़े से शीशे से सब कुछ साफ दिख रहा था। वह स्त्री काउन्टर पर खड़े हुए किसी व्यक्ति से बात कर रही थी। कुछ देर बात करने के पश्चात एकाएक उसने काउन्टर पर खड़े हुए व्यक्ति से हाथ मिलाया और मुड़ कर द्वार की दिशा मे चल दी थी। मै फौरन पिलर की आढ़ से निकल कर एक बार फिर से फोन पर बात करते हुए सामने से आती हुई उस युवती की तस्वीर खींचता हुआ उसके सामने से निकल कर सीड़ियों की दिशा मे बढ़ गया था। अपने आसपास के हालात का अंदाजा लगाने के लिये मैने नीचे झाँक कर दूसरे और पहले तल पर एक नजर डाल कर जैसे ही मुड़ा तो मेरी नजर कोने मे खड़ी एक स्त्री पर पड़ी जो बड़े ध्यान से मेरी ओर देख रही थी। एकाएक मेरी नजर उसकी घूरती आँखों से टकरा गयी थी। मेरी रगों मे बहने वाला रक्त एक पल के लिये जम कर रह गया था। नफीसा दूर से विस्मय भरी हुई नजरों से मुझे देख रही थी।

मैने जल्दी से मुड़ा और विपरीत दिशा मे बढ़ गया। मरजान टाउन के दौरे के पश्चात मुझे ऐसी ही किसी परिस्थिति का हमेशा डर लगा रहता था। मै सीड़ियों से तेजी से उतरते हुए प्रथम तल की ओर चल दिया। मै जल्दी से जल्दी गजल को लेकर निकल जाना चाहता था। मै पहले तल पर पहुँच पाता उससे पहले मेरे कान मे गोलियाँ चलने की आवाज कान मे पड़ी तो मै ठिठक कर रुक गया। दो-दो सीड़ियाँ फलाँगते हुए मै प्रथम तल पर पहुँच गया था। शापिंग माल मे भगदड़ मच गयी थी। मैने सावधानी से प्रथम तल पर नजर दौड़ा कर फायरिंग का जायजा लिया। प्रथम तल पर काले कपड़े का नकाब पहने दो-तीन जिहादी हाथ मे एके-47 उठाये अन्धाधुँध गोलियाँ चला रहे थे। उनके निशाने पर इधर-उधर भागती हुई भीड़ थी। तेजी से भीड़ को चीरते हुए मै एक दुकान की ओर बढ़ा तो मेरे सिर के उपर से हवा को चीरती हुई कुछ गोलियाँ निकल गयी थी। मै फौरन जमीन पर छ्लाँग लगा कर लेट गया और कोहनी के बल तेजी से सरकते हुए उस दुकान की ओर चल दिया जहाँ गजल खरीदारी कर रही थी। दुकानो ने शटर बन्द करने शुरु कर दिये थे। जब मै वहाँ पहुँचा तब तक उस दुकान का शटर आधा बन्द हो गया था। मै जल्दी से जमीन पर रोल करते हुए गिरते हुए शटर के नीचे से निकल कर अन्दर घुस गया। गजल एक किनारे मे काशिफ को गोदी मे लिये बैठी हुई थी। मुझे देख कर वह उठने लगी तभी मै उसकी ओर झपटा और दोनो अपनी बाँहों मे बाँध कर जमीन पर बैठ गया था। … बाहर क्या हो रहा है? …कुछ जिहादी है। तुमने सामान खरीद लिया? …हाँ बस पैसे देना बाकी रह गये थे। मैने जल्दी से जेब से पर्स निकाल कर दुकानदार को पैसे दिये और सारा सामान गजल के हवाले करके यहाँ से सुरक्षित निकलने के बारे मे सोचने बैठ गया।

दो घंटे के बाद अमरीकन फौज की एक टुकड़ी ने शापिंग माल मे प्रवेश किया लेकिन तब तक वह जिहादी खून की होली खेल कर निकल गये थे। स्थानीय पुलिस ने उस सेना की टुकड़ी की देख रेख मे शापिंग माल को खाली कराया। हम भी दुकान मे काम करने वाले कर्मचारियों के साथ शापिंग माल से सुरक्षित बाहर निकल आये थे। बाहर सड़क पर पुलिस व सेना बैरीकेड लगा कर चारों दिशा मे फैल गयी थी। अमरीकन फौज ने सड़क पर गश्त लगाना शुरु कर दिया था। मै गजल और काशिफ को सड़क के किनारे एक पुलिस पोस्ट की आढ़ मे छोड़ कर पार्किंग से अपनी लैन्डरोवर निकालने के लिये चला गया। स्थानीय पुलिस ने मेरी लैन्डरोवर पर दूतावास का पास लगा हुआ देख कर बिना पूछताछ किये वहाँ से जाने दिया था। कुछ ही देर के बाद हम अपने फ्लैट की दिशा मे जा रहे थे। अपने फ्लैट मे दाखिल होते ही मेरे फोन की घंटी बजी तो तुरन्त काल लेते हुए मैने कहा… हैलो। …सैम, बाकू से तुम्हारे निकाहनामे के रजिस्ट्रेशन की सूचना मिल गयी है। आज सुबह तुम्हारा निकाहनामा बाकू म्युनिसपिल आफिस मे रजिस्टर हो गया है। उसका स्क्रीन शाट भेज रहा हूँ। …थैंक्स। …इस्लामाबाद के लिये कब निकल रहे हो? …आज रात को। …आज नहीं जा सकोगे क्योंकि तुर्खैम बार्डर पोस्ट को पाकिस्तानी सरकार ने दो दिन के लिये बन्द कर दिया है। …क्यों? …उस सैन्य पोस्ट के नष्ट होने की कार्यवाही के चलते सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है। मैने जल्दी से कहा… मै कुछ देर मे आफिस पहुँच रहा हूँ। तब आराम से बैठ कर इस्लामाबाद जाने की सोचूँगा। …ओके। मै तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ। मैने फोन काट कर गजल से कहा… मुझे तुरन्त आफिस पहुँचना है। गजल मेरी ओर कुछ पल देखती रही और फिर धीरे से बोली… अपना ख्याल रखना। मैने अपना सिर हिलाया और उल्टे पाँव बाहर निकल कर आफिस की दिशा मे निकल गया था।

  

काबुल

काबुल शहर से बाहर किसी अज्ञात स्थान पर कुछ हथियारों से लैस नकाबपोश जिहादी बैठे हुए किसी का इंतजार कर रहे थे। …आसिफ भाई फोन पर बात कर लिजिये। …नहीं उन्होंने मना किया है। हमले के बाद अमरीकन फौज सतर्क हो गयी होगी। सारी कlल्स पर निगरानी रख रहे होंगें। …तो हम कब तक उनका इंतजार करेंगें? तभी एक जिहादी चिल्लाया… भाई लगता है कि वह आ गये। सब की नजरें एक दिशा की ओर चली गयी थी। धूल उड़ाती हुई तीन गाड़ियाँ उनकी ओर बढ़ रही थी। सभी सावधान हो गये थे। कुछ मिनट गुजरने के पश्चात तीनो गाड़ियाँ उनके करीब पहुँच कर रुकते ही दर्जन से ज्यादा नकाबपोश जिहादी धड़धड़ाते हुए उतर कर उनकी ओर बढ़ते हुए चिल्लाये… नारा-ए-तदबीर। बैठे हुए जिहादी खड़े होकर चिल्लाये…अल्लाह-हो-अकबर। उन इंतजार करते हुए लोगो से एक जिहादी आगे बढ़ते हुए बोला… आसिफ, बहुत अच्छे। अमरीकन फौज के घर मे घुस कर काम को अंजाम दिया है। आसिफ बोला… शुक्रिया सिकन्दर भाई। शापिंग माल मे हमले के बाद वहाँ से निकलते हुए हमने अखुन्डजादा के गुट के दो शूटर्स की लाशों को पार्किंग शेड मे छोड़ दिया था। अब उस हमले का सारा मलबा तालिबान के सिर पर गिरेगा। …दूसरी टीम का क्या हुआ? …भाई, हमे कवर देने के कारण वह समय पर शापिंग माल से बाहर नहीं निकल सके तो अमरीकन फौज के हाथों मारे गये।

सिकन्दर नाम का व्यक्ति कुछ आयातें बड़बड़ा कर बोला…आसिफ कुछ दिन तुम सबको यहीं छिप कर रहना पड़ेगा। पाकिस्तान सरकार ने बार्डर सील कर दिया है तो सीमा पार नहीं कर सकोगे। …भाईजान, यहाँ रुकने मे तो खतरा है। अब तो अखुन्डजादा भी हमे तलाश कर रहा होगा। आसिफ अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाया था कि तभी दो एके-47 गर्जने लगी। मुश्किल से तीन मिनट मे आसिफ और उसके सभी साथी पथरीली जमीन पर निर्जीव पड़े हुए थे।

सिकन्दर ने अपने साथियों को चलने का इशारा किया और सेटफोन निकाल कर किसी का नम्बर मिला कर चलते हुए बोला… उन सबको ठिकाने लगा दिया है। अब आप तालिबान की शान्ति वार्ता के खिलाफ अमरीकन सरकार पर दबाव डlलिये। इतना बोल कर उसने फोन काट दिया। उसके गाड़ी मे बैठते ही तीन गाड़ियों का काफिला धूल उड़ाता हुआ वहाँ से निकल गया था।