शह और मात-16
अगले दिन सुबह मै
वालकाट के सामने बैठा हुआ था। वालकाट बोला… सैम, कल रात तिलाई टाउन मे दो तंजीमो के
बीच मुठभेड़ मे दाईश के छह जिहादी मारे गये थे। दो जिहादियों को वहाँ के लोगों ने पकड़
कर मार-मार कर अधमरी हालत मे पुलिस के हवाले कर दिया था। …किस गुट के थे? …मौलाना फरीदी
के गुट के लोग थे। पकड़े गये जिहादियों ने अभी तक यह नहीं बताया है कि मुठभेड़ किसके
साथ हुई थी। इस वक्त पाकिस्तानी तंजीम का यहाँ पर होना हमारी होने वाली मीटिंग के लिये
खतरे का संकेत है। हमे जल्दी से जल्दी इस खतरे को समाप्त करना पड़ेगा। …एंथनी, मुझे
नहीं लगता कि यह उस मीटिंग को असफल करने के लिये आये है। मौलाना फरीदी चन्द पैसों के
लिये आईएसआई और हक्कानियों के लिये काम करता है। आईएसआई इतनी बेवकूफ नहीं है कि वह
फरीदी को तालिबान के खिलाफ पाकिस्तान मे भेजेगी। अगर उन्हें उस मीटिंग के लिये किसी
को भेजना होता तो वह अपनी स्पेशल फोर्सेज को भेजते। …सैम, तुम्हारा ख्याल सही हो सकता
है परन्तु ब्रिगेडियर चीमा के बाद हमे ज्यादा सावधान रहने की जरुरत है।
वालकाट किसी सोच मे
डूब गया था। मै उसकी स्थिति को भली भांति भाँप गया था। कुछ सोच कर मैने कहा… तुम ठीक
कह रहे हो। मै भी अब रहने के लिये कोई सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहा हूँ। गेस्ट हाउस
सुरक्षित नहीं लग रहा है। अमरीकन एम्बैसी मे काम करने वाले के लिये तो हर्गिज सुरक्षित
नहीं है। तुम्हारे पास कोई सुझाव है? …तुम आज से ही दूतावास के रेजिडेन्शियल कामप्लेक्स
मे शिफ्ट हो सकते हो। …नहीं। वहाँ पर एम्बैसी स्टाफ की नजर मे आ जाउँगा। अबकी बार वह
कुछ सोच कर बोला… काबुल शहर से बाहर अमेरिकन फोर्सेज के बेस मे ठहर सकते हो। …मेरी
फैमिली क्या वहाँ रह सकती है? …सौरी। यह फैमिली स्टेशन नहीं है। बैरेक्स मे सिर्फ तुम
रह सकते हो। ऐसा करो कि तुम केयरटेकर की भुमिका मे अपनी फैमिली के साथ हमारे सेफ हाउस
मे ठहर जाओ। …मुझे पता दे दो। मै आज ही अपनी फैमिली के साथ वहाँ शिफ्ट हो जाता हूँ।
वालकाट ने किसी से फोन पर बात करने पश्चात कहा… मैने खबर कर दी है। तुम आज ही शिफ्ट
हो जाओ। मैने वह सेफ हाउस देखा था। सुरक्षा की दृष्टि से वह अच्छी जगह थी। वालकाट से
इजाजत लेकर मै अपने गेस्टहाउस की दिशा मे निकल गया था।
गेस्टहाउस मे आमेना
और गजल मेरा इंतजार कर रही थी। मुझे ऐसा लगने लगा था कि इनके चक्कर मे मै अपने असली
कार्य से विमुख हो जाऊँगा तो अब साफ बात करने का समय आ गया था। …आमेना, अब तुम बताओ
कि आगे क्या करना चाहती हो? …समीर, हमे अपने घर बाकू पहुँचना है पहुँचना है लेकिन उससे
पहले तुम्हारा गजल के साथ निकाह करके जल्दी से जल्दी तुम्हारा निकाहनामा बाकू मे पंजीकृत
करवाना पड़ेगा। एक बार गजल का शौहर सरकारी कागजों मे दर्ज हो गया तो गजल की हत्या करने
मे उसे कोई फायदा नहीं है। …आमेना, तुम्हारा सोचना किसी हद तो ठीक है लेकिन फिर तुम्हारा
क्या होगा? …मैने सोचा है कि मै भी अपना सारा हिस्सा गजल के नाम कर दूँगी। उसके बाद
मेरी हत्या करने मे भी उसको कोई लाभ नहीं होगा। समीर क्या हमारी सोच मे कोई दोष है?
…तुम्हारा लाजिक तो सही है। इस तरीके से जमाल तुम्हारी जायदाद पर कब्जा नहीं कर सकेगा।
…तो फिर क्या तुम हमारी मदद करोगे? इतना बोल कर वह चुप हो गयी थी। कुछ भी करने से पहले
मुझे उसके दूरगामी परिणामों के बारे मे सोचने की जरुरत थी।
…आमेना, तुम जानती
हो कि मै शादीशुदा बीवी बच्चों वाला आदमी हूँ। इसलिये मुझे सोचने के लिये कुछ समय चाहिये
लेकिन फिलहाल हमे यह गेस्टहाउस छोड़ना पड़ेगा। इतना बोल कर मै अपना सामान बाँधने मे जुट
गया था। काशिफ को बेड पर लिटा कर वह दोनो भी मेरा सामान बंधवाने मे व्यस्त हो गयी थी।
कुछ ही देर मे अपना सारा सामान बाँध कर गेस्टहाउस का बिल चुका कर हम लोग लैंडरोवर से
सीआईए के सेफ हाउस की ओर निकल गये थे। थोड़े समय के अंतराल के पश्चात हम काबुल के सबसे
सुरक्षित भाग मे प्रवेश कर रहे थे। बाबर गार्डन के साथ लगी हुई एहतेशाम कोलोनी यूएस
मरीन्स की छावनी जैसी लग रही थी। सुरक्षा की दृष्टि से यह काबुल मे स्थित दूतावासों
के आला अधिकारियों के रहने की जगह थी। उसके मुख्य द्वार पर यूएस मेरीन्स का बैरीकेड
लगा हुआ था। मेरा आईकार्ड चेक करने के पश्चात सेफ हाउस मे बात करके गार्ड ने वहाँ से
किसी को बुलाया और फिर मुझसे बोला… अनाधिकृत गाड़ियाँ को अन्दर जाने की मनाही है। उनको
खबर कर दी है। वह आपको लेने गेट पर आ रहे है। इस लैंडरोवर को एक किनारे मे खड़ी कर दिजिये।
इतना बोल कर वह वापिस बैरीकेड के साथ लगे हुए कमरे मे चला गया था।
कुछ देर के पश्चात
ही एक हाईलक्स मेरी लैंडरोवर के पास आकर खड़ी हो गयी और उसमे से एक आदमी उतर कर मेरी
ओर आकर बोला… मिस्टर सैम भट। मैने जल्दी से हामी भरते हुए लैंडरोवर से नीचे उतरते हुए
बोला… इस लैंडरोवर का पास कैसे बनेगा? …सर, आप प्लीज इंतजार किजिये। मै बात करके आता
हूँ। उसने एक पैकट बैरीकेड पर खड़े हुए मरीन्स को देकर कुछ कहा और फिर कमरे मे चला गया।
एक सैनिक तुरन्त उस पैकट को लेकर मेरी ओर आया और लैंडरोवर की नम्बर प्लेट बदलने मे
जुट गया। जब तक वह आदमी उस कमरे से बाहर निकला तब तक आगे-पीछे की नम्बर प्लेट बदल चुकी
थी। वह आदमी मेरे पास आकर एक लिफाफा थमा कर बोला… इस पास को शीशे पर लगा लिजियेगा।
नयी रजिस्ट्रेशन बुक को संभाल लिजिये। मैने वह लिफाफा खोल कर एक नजर उसमे रखे हुए पेपर्स
पर डाल कर वापिस लैंडरोवर मे बैठ गया और उस हाईलक्स के पीछे चल दिया। वह हाईलेक्स एक
आलीशान मकान के सामने जाकर खड़ी हो गयी थी। अपनी लैंडरोवर उस हाईलक्स के पीछे पार्क
करके हम तीनो उस आदमी के साथ चल दिये। वह हमे मुख्य द्वार की ओर न ले जाकर साईड लेन
की दिशा मे ले गया था। एक लकड़ी के दरवाजे के सामने पहुँच कर चाबी मेरी ओर बढ़ाते हुए
उसने कहा… मिस्टर सैम, यह आपका अलग रहने का सेटअप है। किसी चीज की जरुरत है तो 999
पर काल कर दिजियेगा। इतना बोल कर वह वापिस चला गया और मै दरवाजे का लाक खोल कर मकान
के अन्दर प्रवेश कर गया था। दो कमरों का फ्लैट लग रहा था। बीच मे बड़ी सी बैठक और एक
किनारे मे आधुनिक किचन दिख रही थी। वह दोनो अन्दर प्रवेश करके हैरानी से मकान को देख
रही थी। जबसे गेस्टहाउस छोड़ा था तबसे दोनो चुप थी। …क्या हुआ? …कुछ नहीं। बाहर से इतना
आलीशान मकान और अन्दर इतनी कम जगह देख कर हैरानी हो रही है। क्या यह सर्वेन्ट क्वार्टर
है? मुझे जवाब देने के बजाय चुप रहना ज्यादा बेहतर विकल्प लगा। कमरे मे चुप्पी छा गयी
थी।
आमेना ने चुप्पी तोड़ते
हुए पूछा… समीर यह कौनसी जगह है? …अब जब तक तुम्हारा बाकू जाने का इंतजाम नहीं होता
तब तक हम सभी यहाँ पर रहेंगें। मेरी एम्बैसी वालो ने कुछ दिन के लिये यह जगह मुझे दी
है। अब आराम से यहाँ रहो क्योंकि यहाँ पर जमाल कुरैशी तुम्हारा कुछ नहीं कर सकता। उनके
चेहरे पर छाया आतंक की जगह मुस्कुराहट ने ले ली थी। एकाएक गजल मेरी ओर झपटी और मुझसे
लिपट कर रोने लगी। मैने आमेना की ओर देखा तो वह मुझे देख कर मुस्कुरा दी थी। मैने धीरे
से गजल के बाल सहलाते हुए कहा… अब डरने की जरुरत नहीं है। बस एक लिस्ट बना दो कि घर
चलाने के लिये तुम्हें क्या सामान चाहिये। काशिफ को मुझे थमा कर आमेना और गजल इस काम
मे जुट गयी थी। कुछ देर के बाद वह एक लिस्ट मुझे थमा कर बोली… वहाँ से कुछ भी लेकर
नहीं चले थे। एक जोड़े मे कितने दिन निकाल सकते है। कुछ कपड़े वगैराह भी खरीदने पड़ेंगें।
…बस इतना ख्याल रखना कि यहाँ पर बुर्का वगैराह नहीं चलेगा लेकिन जरुरत पड़े तो हिजाब
से काम चला लेना। इतना बोल कर मैने फोन उठा कर दिये हुए नम्बर पर काल किया तो दूसरी
ओर से तुरन्त जवाब मिला… हैलो। …मै सैम बोल रहा हूँ। क्या आसपास कोई मार्किट है? …जी,
सभी जरुरत का सामान नेबरहुड मार्किट मे मिल जाएगा। …इसी कैम्पस मे? …जी। बस इतनी बात
करके मैने फोन काट दिया था। मैने उनकी ओर देख कर कहा… यही एक मार्किट है। आमेना मेरे
साथ चलो। काशिफ को गजल के पास छोड़ कर हम दोनो सामान खरीदने के लिये मकान से बाहर आ
गये थे।
कैम्पस मे एक छोटी
सी मार्किट थी। आमेना खरीदारी मे व्यस्त हो गयी थी। एक घन्टा बिता कर आमेना ने कहा…
सारा सामान खरीद लिया है। मैने अपने कार्ड से भुगतान किया और सारा सामान लैंडरोवर मे
रखवा कर वापिस उस मकान की दिशा मे चल दिया। …समीर, अबसे मार्किट आने की जरुरत नहीं
पड़ेगी। फोन पर आर्डर देने से ही सामान घर पर पहुँच जाएगा। …चलो यह भी अच्छा है। …तुमने
निकाह के बारे मे क्या सोचा? …आमेना, यह बड़ा
पेचीदा मसला है। अगर सिर्फ कागजी कार्यवाही के लिये निकाह जरुरी है तो मै निकाह कर
सकता हूँ लेकिन मै गजल को किसी धोखे मे रख कर जिंदगी भर के लिये रुसवा नहीं कर सकता।
इसलिये मैने सोचने का समय मांगा था। …समीर, निकाहनामा ही हमारे सिर पर छाये हुए मौत
के साये को हमेशा के लिये समाप्त कर सकता है। हमारे लिये यह सब इतना आसान भी नहीं है।
बात करते हुए हम उस मकान पर पहुँच गये थे। …ठीक है आराम से बैठ कर बात करेंगें। इतना
बोल कर मकान के अहाते मे लैंडरोवर रोक कर हम तीनो सामान रखवाने मे जुट गये थे। काठमांडू
मे घरबार बसाने मे आरफा और अंजली की मेहनत थी। मुझे तो पता भी नहीं चला लेकिन वहाँ
पर मेरा घर बस गया था। आज के दिन छोटी-छोटी चीजे का इंतजाम करने मे समझ मे आया कि अंजली
ने कितनी मेहनत से अपना आशियाना बनाया होगा। शाम तक सारा सामान यथावत स्थानों पर रखवा
कर हम तीनो ही थक कर चूर हो गये थे।
बैठक के कालीन पर
मै फैल गया। आमेना और गजल सोफे पर लेट गयी थी। आमेना ने एक फोन नम्बर मेरी ओर बड़ाते
हुए कहा… समीर, बहुत थक गये है। टेकअवे पर फोन करके आज रात खाने का इंतजाम कर लेते
है। इतना बोल कर वह बाथरुम मे चली गयी। मैने फोन पर आर्डर देकर कालीन पर फैलते हुए
कहा… इतनी थकान तो मुझे सीमा पार करने मे भी नहीं हुई थी। सारा जिस्म दुख रहा है। गजल
उठ कर मेरे पास आकर बोली… आप करवट लेकर लेट जाईये। कुछ ही देर मे आपकी सारी थकान उतर
जाएगी। मै करवट लेकर उलटा लेट गया और गजल मेरी पीठ पर बैठ कर मेरे कन्धे को दबाने मे
जुट गयी थी। उसकी नाजुक उँगलियाँ धीरे-धीरे मेरे जिस्म की अकड़न और दर्द को सोखने मे
जुट गयी थी। …वाह दूल्हे भाई अपनी होने वाली बीवी को अभी से काम पर लगा दिया। आमेना
की आवाज कान मे पड़ते ही मैने उठ कर बैठने की चेष्टा करी परन्तु गजल मुझ पर अपना भार
डालते हुए तुरन्त बोली… बाजी, मै बीवी का फर्ज निभा रही हूँ। आप क्यों मेरे खाविन्द
को छेड़ रही है। इससे पहले उनकी बातचीत आगे बढ़ती उससे पहले मैने जबरदस्ती करवट लेकर
गजल को एक गुड़िया की भाँति कमर से पकड़ कर अपनी पीठ से हटाते हुए उठ कर बैठ गया था।
आमेना कुछ कटाक्ष
करती कि तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी तो मै झपट कर उठा और दरवाजे की ओर चला गया
था। खाने की डिलिवरी थी। कुछ ही देर मे खाना वगैराह समाप्त करके मैने एक कमरे की ओर
इशारा करते हुए कहा… तुम दोनो उस कमरे मे अपने सोने का इंतजाम कर लेना। मै साथ वाले
कमरे मे सोने जा रहा हूँ। इतना बोल कर मै अपने कमरे मे चला गया। सबसे पहले स्मार्टफोन
पर अंजली के मेसेज चेक किये तो पता चला कि उसके चार नये मेसेज आये हुए थे। मैने जल्दी
से एक-एक करके मेसेज खोले…
अभी हाल मे पता चला
है कि फारुक भाईजान का ब्लैक ट्रायड गैंग के अनातोली पोपोव के साथ पिछले कुछ वर्षों
मे काफी गहरा रिश्ता रहा था। उनके पैसे की ट्रेल की जाँच यही बता रही है।
ब्लैक ट्रायेड गैंग
का यहाँ के ड्रग्स, केसिनो और नाइटक्लब नेटवर्क पर वर्चस्व स्थापित है। एक अजीब बात
यहाँ देखने को मिली कि यहाँ के अपराध जगत मे पाकिस्तानियों और रुसियों के बीच गहरा
गठजोड़ है।
जोरावर बाटामालू का
अभी तक सिर्फ इतना पता चल सका है कि वह किसी रुसी ब्लैक ट्रायेड गैंग के संरक्षण मे
है।
क्या नाराज हो गये
है? आपने इतने दिनो से कोई जवाब नहीं दिया। वहाँ पर सब कुछ ठीक तो है। आपको बहुत मिस
करती हूँ। यही एक माध्य्म है जो मुझे आपके साथ होने का एहसास कराता है।
मै तुरन्त अपना जवाब
लिखने बैठ गया… कुछ काम मे फँस गया था इसलिये जवाब नहीं दे सका। इसमे कोई शक नहीं
कि तुम्हारी लोन वुल्फ परियोजना के कारण मै तुमसे नाराज हूँ। तुम्हारे दिमाग का मै
लोहा मानता हूँ लेकिन मेरी एक बात मान कर प्लीज रुसी माफिया से दूर रहना। फारुख और
जोरावर का उनके साथ गहरा संबन्ध है तो इसका मतलब मीरवायज परिवार उधर के अपराध जगत मे
भी सक्रिय है। यह तुम्हारे लिये खतरे की सूचक है। क्या तुम्हारे अब्बा पीरजादा का कोई
संबन्ध इस गैंग के साथ देखने को मिला है? सिर्फ तुम्हारी जिद्द के कारण यह माध्यम हमारे
बीच की कड़ी बना हुआ है। जिस क्षण तुम यह जिद्द छोड़ दोगी तो मुझे तुम अपने साथ खड़ा देखोगी।
आई लव यू।
चार-पाँच बार मेसेज
को पढ़ कर मैने अपना फोन चर्जिंग पर लगा कर बाकू के हालात के बारे मे सोचने लगा। मेरे
सेट्फोन की घरघराहट सुनते ही मै जल्दी से उठा और काल लेते हुए बोला… सर। …पुत्तर हम
तीनो तेरी बात सुन रहे है। तुझे खबर करनी थी कि वह तीन लड़कियाँ और अपने बच्चों के साथ
कल काबुल से दिल्ली के लिये रवाना हो रही है। …शुक्रिया सर। बस उनकी सुरक्षा का भार
अब आप पर है। एक बात और बतानी थी कि वालकाट ने अगले हफ्ते सभी तंजीमो की मीटिंग रखी
है। मै उसके साथ उस मीटिंग मे शामिल हो रहा हूँ। तभी वीके की आवाज कान मे पड़ी… मेजर,
यह मीटिंग हमारे लिये महत्वपूर्ण है। हर एक तंजीम और उसके मुखिया की पहचान कर लेना।
वह आगे चल कर तुम्हारे नेटवर्क का हिस्सा बनेंगें। …जी सर। तभी अजीत सर की आवाज गूंजी…
समीर, यह सब तो ठीक है परन्तु वालकाट की रणनीति पर नजर बनाये रखना। वह अफगानिस्तान
से बाहर निकलने के लिये आखिर उनको क्या देने को तैयार है। यह जानना बहुत जरुरी है।
तालिबान बिना शर्त उनको निकलने का रास्ता नहीं देगा तो क्या वालकाट अफगान सरकार के
पीठ पीछे उनके साथ कोई समझौता करने जा रहा है? …सर, उस मीटिंग के बाद ही पता चल सकेगा।
तभी एक हल्की सी आहट सुन कर मैने पीछे मुड़ कर देखा तो गजल मेरे कमरे मे प्रवेश कर रही
थी। मै कान पर फोन लगाये उसकी ओर देखता रह गया था। …मेजर। वीके की आवाज सुनते ही मैने
जल्दी से कहा… यस सर। …मेजर, जनरल रंधावा को अभी तक गोपीनाथ ने इस मीटिंग की कोई जानकारी
नहीं दी है। श्रीनिवास पर नजर रखना। …जी सर। अचानक मेरे दिमाग मे कुछ घूमा तो मैने
जल्दी से पूछा… सर, बाकू मे कुछ बड़ा होने जा रहा है। क्या आप किसी रुसी माफिया के किसी
महत्वपूर्ण व्यक्ति को जानते है। मुझे कुछ जानकारी चाहिये। …मेजर, रुसी माफिया से दूर
रहना। अगर कभी जरुरत पड़ जाये तो मेरा नाम लेकर आंद्रेय टुपलोव से मिल लेना। वह तुम्हारी
जरुर मदद करेगा। वह एक समय केजीबी के लिये काम करता था। आजकल वह मास्को मे रुसी माफिया
का सरगना है। …शुक्रिया सर। हो सकता है कि उस मीटिंग के बाद दो-तीन दिन के लिये मुझे
बाकू जाना पड़ जाये। …क्यों? …सर, फारुख ने अपना काफी पैसा ब्लैक ट्रायेड गैंग के जरिये
बाकू मे लगाया था। मुझे इस गैंग के बारे मे जानकारी चाहिये। …मै टुपलोव से पता लगाने
की कोशिश करता हूँ। और कुछ कहना है? …नहीं सर। दूसरी ओर से लाइन कट गयी थी।
मैने अपना सेट्फोन
मेज पर चार्जिंग पर लगा कर दरवाजे पर खड़ी हुई गजल को घूर कर देखा तो वह थोड़ा सहम गयी
थी। मेरी आवाज एकाएक तेज हो गयी… तुम यहाँ क्या कर रही हो? गजल के चेहरे पर बदलते हुए
भावों को देख कर एकाएक आलिया और शाहीन के साथ हुई तकरार का दृश्य मेरी स्मृति मे पल
भर मे गुजर गया था। उस पल गजल के चेहरे मे मुझे सहमी हुई आलिया की छवि दिखी तो मैने
तुरन्त आगे बढ़ कर उसको अपनी बाँहों मे जकड़ कर धीरे से बोला… सौरी। प्लीज मेरी बात का
बुरा मत मानना। तुम अभी तक सोई नहीं? अपना चेहरा मेरे सीने मे छिपाये वह धीरे से बोली…
बाजी ने कहा कि अपने खाविन्द के पास जाओ। …तुम्हारी बाजी का दिमाग खराब हो गया है।
मेरे साथ चलो। वह अपना हाथ छुड़ा कर जल्दी से बोली… ब्लैक ट्रायेड गैंग ने ही मेरे अब्बू
की हत्या की थी। …क्या। उसे अपनी बाँहों मे लिये मै बेड पर बैठ गया। वह धीरे से बोली…
जमाल ने ब्लैक ट्रायेड गैंग द्वारा मेरे अब्बू की हत्या करवाई थी। अचानक वह पलट कर
मेरी ओर देख कर बोली… लेकिन उनके बारे मे आपको कैसे पता चला? …गजल, मैने आफिस मे अपने
बास से पूछा था कि क्या वह बाकू मे किसी रुसी माफिया को जानते है तो उन्होंने ब्लैक
ट्रायेड गैंग का नाम बताया था। यह सुन कर गजल के चेहरे पर आतंक की छाया एक बार फिर
काबिज हो गयी थी। …अब हमारा क्या होगा? वह धीरे से बड़बड़ाई तो मैने उसे अपनी बाँहों
मे बाँध कर धीरे से पीठ सहलाते हुए कहा… तुम्हें कुछ नहीं होगा। कुछ देर उसको पकड़ कर
बैठा रहा और जब वह शांत हो गयी तो मैने कहा… चलो मै तुम्हे आमेना के पास छोड़ आता हूँ।
कुछ पल वह मुझे देखती रही और फिर धीरे से बोली… क्या मै आपके लायक नहीं हूँ? एक बार
फिर से मुझे गजल ने चौंका दिया था। आलिया ने भी मुझसे यही सवाल किया था। मैने जल्दी
से कहा… ऐसी बात नहीं है। तुम्हे अपने निकट देख कर मुझे अपने उपर यकीन नहीं है। प्लीज
आमेना के पास चली जाओ। अचानक मुझे छोड़ कर वह उठ कर कमरे से बाहर निकल गयी थी।
आलिया की स्मृति एक
बार फिर से मेरे जहन पर हावी हो गयी थी। उसे जिस वक्त मेरी सबसे ज्यादा जरुरत थी तब
मै उसके पास नहीं था। एकाएक बचपन की यादें मुझ पर हावी हो गयी और मेरी आँखों से पता
नहीं कब अश्रुधारा बहने लगी। आलिया और आफशाँ मेरे कारण दुश्मनों की गोलियों का शिकार
हो गयी थी। पता नहीं इस वक्त अदा कहाँ होगी? अचानक मुझे अपने सीने मे जकड़न महसूस हुई
और साँस घुटती हुई लगी तो मै छटपटा कर उठ कर बैठ गया। गजल दरवाजे के बीचोंबीच खड़ी हुई
विस्मय भरी आँखों से मुझे देख रही थी। वह तेजी से मेरे निकट आकर बोली…आपको क्या हुआ?
कुछ मन मे उमड़ती हुई भावनाओं का वेग और कुछ उसमे आलिया की छवि देखने के कारण मेरी बाँहें
उसके इर्द-गिर्द लिपट गयी थी। उसे अपनी बाँहों मे लिये बिस्तर पर लेट गया। कुछ देर
पहले मै उसको शान्त कर रहा था और वह मुझे अपने सीने से लगा कर शान्त करने मे जुट गयी
थी। उस रात शायद बहुत दिनो के बाद मेरा अपने अतीत से सामना हुआ था। उसके सीने मे अपना
चेहरा छिपाये न जाने कितनी देर तक पड़ा रहा और जब अन्तर्मन का गुबार निकल गया तब उससे
अलग होकर लेट गया। जब तक मै गहरी नींद मे नहीं खो गया तब तक वह मेरे बालों मे अपनी
नाजुक उँगलियों से कन्घी करती रही थी।
सुबह मेरी आँख खुली
तो गजल मेरे करीब बैठी हुई मुझे देख रही थी। मै उठने लगा तो वह जल्दी से बोली… आप लेटे
रहिये। …तुम सोई नहीं। …कल रात आपको क्या हो गया था? …तुम्हें देख कर अपने अतीत से
सामना हो गया था। …उनसे बहुत मोहब्बत करते थे? …अपनी जान से ज्यादा। …तो उनको क्या
हो गया? …मेरे दुश्मनों ने उनकी हत्या कर दी थी। …ओह सौरी। …कल तुम्हें देख कर बहुत
दिनो के बाद उनकी याद आ गयी थी। मैने उठते हुए उसका चेहरा अपने हाथ मे लेकर धीरे से
कहा… मेरे कमजोर पलों मे मेरा साथ देने के लिये शुक्रिया। उसका माथा चूम कर मै तैयार
होने के लिये चला गया था। जब तक तैयार होकर बैठक मे आया तब तक आमेना और गजल नाश्ता
बनाने मे व्यस्त हो गयी थी। नाश्ता करते हुए मैने पूछा… बाकू जाने के बारे मे क्या
सोचा है? आमेना ने तुरन्त कहा… पहले तुमने निकाह करने के बारे मे क्या सोचा है? कुछ
सोच कर मैने कहा… आज ही निकाहनामा तैयार करवा कर मै अपनी एम्बैसी की मौहर लगवा कर हमारे
निकाह को एक कानूनी स्वरुप दे दूँगा। अब तुम बताओ कि बाकू कब जाना चाहती हो? …जल्दी
से जल्दी। …पास्पोर्ट है? …नहीं। वह तो कराँची मे रह गया। हम तो बस ऐसे ही उठ कर आ
गये थे। …बिना पास्पोर्ट के तुर्खैम बार्डर कैसे पार किया? …पैसे देकर। …अगर हवाईजहाज
से बाकू जाना है तो पास्पोर्ट चाहिये। क्या तुम्हारे पास अपने पास्पोर्ट की कोई फोटोकापी
या उसका नम्बर है? गजल तुरन्त बोली… पास्पोर्ट की कापी अब्बा के आफिस से लिया जा सकता
है। …आज कल तुम्हारे अब्बा का करोबार कौन संभाल रहा है? …जमाल और छोटी अम्मी। …यह छोटी
अम्मी कौन है? आमेना गुस्से मे तमतमा कर बोली… अब्बा की रखैल है। कुछ साल वह अब्बा
की पीए रही थी। अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों मे अब्बा को फँसा कर दो साल पहले वह हमारी छोटी
अम्मी बन बैठी। बात करते हुए नाश्ता समाप्त हो गया था। मैने उठते हुए कहा… गजल आज के
दिन तुम आराम करो। कल निकाह और निकाहनामे के सारे काम पूरे करेंगें। बस इतना बोल कर
मै अपनी एम्बैसी की ओर निकल गया था।
आफिस मे मेरा आधा
दिन बाकू से जुड़ी हुई कड़ियों को जोड़ने मे निकल गया था। बाकू गोल्डन क्रेसेन्ट का ड्र्ग्स
का वितरण केन्द्र बनता जा रहा था। जमाल और ब्लैक ट्रायेड गैंग युरोप और रुस मे ड्र्ग्स
के केरियर और वितरक की भुमिका निभा रहे थे। ड्र्ग्स के पैसे से जिहादियों की फौज तैयार
हो रही थी। पीरजादा का धार्मिक शिक्षण व शुद्धि केन्द्र कट्टर इस्लामिक जिहादी पैदा
कर रहा था। सभी कड़ियाँ मेरी आँखों के सामने थी परन्तु उसका उद्देश्य मेरी समझ से बाहर
था। एजरबैजान की सीमा अगर अफगानिस्तान से लगी होती तो एक बार को इसे पैसा कमाने का
उद्देश्य समझ सकता था परन्तु वास्तव मे ऐसा नहीं था। कराँची और ईरान काफी समय गोल्डन
क्रेसेन्ट के मुख्य वितरण केन्द्र हुआ करते थे परन्तु अमरीका के अफगानिस्तान मे आते
ही इन दोनो स्थानों पर अंकुश लग गया था। मै इस गुत्थी को सुलझाने मे उलझा हुआ था कि
मेरे फोन की घंटी बज उठी थी। …हैलो। …सैम मेरे रुम मे आओ। इतना बोल कर वालकाट ने फोन
काट दिया था। मैने जल्दी से अपना सामान समेटा और वालकाट के आफिस की ओर निकल गया।
वालकाट के आफिस मे
प्रवेश करते हुए मैने देखा कि वह अकेला बैठा हुआ कंप्युटर के स्क्रीन को देख रहा था।
…एंथनी। मेरी आवाज सुन कर वह चौंक गया था। …सैम, परसों रात की मीटिंग अब स्थगित करनी
पड़ेगी। …क्यों क्या हुआ? उसने अपने स्क्रीन को मेरी ओर घुमा कर कहा… हमारे मिलने के
स्थान की आईएसआई को खबर लग गयी है। सेटेलाइट इमेज मे साफ दिख रहा है कि सीमा के उस
पार हमारे मिलने के स्थान पर पाकिस्तानी फौज अपनी एक अस्थायी पोस्ट बना रही है। मैने
स्क्रीन पर नजर डाली तो कुछ सैनिकों का जमावड़ा साफ दिख रहा था। …तो अब क्या सोचा है?
…मीटिंग स्थगित करनी पड़ेगी। …इस स्थान की किस-किस को जानकारी थी? …मेरे आफिस मे सिर्फ
मुझे थी। परन्तु सभी तंजीमो के मुखिया को भी इस स्थान की खबर थी। …क्या पहले भी वहीं
पर तुम्हारी मीटिंग हुई थी? …हाँ। पहली दो मीटिंग इसी स्थान पर हुई थी। कुछ सोच कर
मैने कहा… एंथनी क्या तुम्हारा मुल्ला मोइन से कोई संपर्क है? …क्यों क्या हुआ? …मेरे
दिमाग मे एक विचार आया है। अगर हम कामयाब हो गये तो मीटिंग भी हो जाएगी और हमारे बीच
पाकिस्तानी खबरी का भी पता चल जाएगा। अबकी बार वह कुछ देर सोच कर बोला… मुल्ला मोइन
से संपर्क हो जाएगा। तुम अपनी योजना बताओ। दो घंटे तक हमारे बीच इसी मसले पर चर्चा
हुई और फिर वालकाट ने उठते हुए कहा… अब मीटिंग अपने तय किये गये समय और स्थान पर होगी।
बस इतनी बात करके मै अपने आफिस मे वापिस लौट आया था।
जब तक अपने फ्लैट
पर पहुँचा तब तक अंधेरा हो गया था। दोनो बहने मेरा इंतजार कर रही थी। मुझे देखते ही
आमेना ने पूछा… कल होने वाले निकाह की तैयारी कर आये? उसका प्रश्न सुनते ही मै धम्म
से सोफे पर बैठ गया था। आमेना ने अपना प्रश्न दोहराया तो मैने जल्दी से कहा… सौरी।
यह बात मेरे दिमाग से उतर गयी थी। आफिस पहुँचते ही एक साथ इतना काम आ गया कि आज दम
मारने की फुर्सत नहीं मिली। …चलो अच्छा हुआ। मैने सारा इंतजाम कर दिया है। बस कल सुबह
दस बजे तक हमे ताज्मुल मस्जिद पहुँचना होगा। मैने चौंकते हुए आमेना से पूछा… क्या तुम
कैम्पस से बाहर निकली थी? आमेना ने मना करते हुए कहा… मैने फोन पर सारा इंतजाम किया
है। बाकू मे एक जानकार से बात करके मैने यहाँ पर मौलाना अब्दुल तबलीक से बात की थी।
उन्होंने कल सुबह दस बजे ताज्मुल मस्जिद मे पहुँचने के लिये कहा है। मैने खड़े होकर
आमेना के सिर पर एक चपत लगा कर कहा… बेवकूफ लड़की यह क्या किया? मेरी इस हरकत को देख
कर दोनो मेरी ओर हैरानी से देखने लगी। …क्या गारन्टी है कि वह तुम्हारे खाविन्द जमाल
कुरैशी को इसकी खबर नहीं करेंगें? वह दोनो अभी भी सकते मे थी। …मैने मना किया था कि
कुछ दिन शांत होकर बैठना। अब तक तुम्हारी काल के द्वारा जमाल के लोग यहाँ के कुअर्डिनेट्स
का पता लगा चुके होंगें। वह कैम्पस के अन्दर प्रवेश करने की हिम्मत नहीं करेंगें परन्तु
आज से ही वह हमारी ताक मे बाहर बैठे हुए होंगें। दोनो बहनों भयग्रस्त होकर मेरी ओर
देखने लगी और मेरा दिमाग इस मुसीबत से निपटने के लिये सोचने मे व्यस्त हो गया था।
पूरी शाम भय के वातावरण
मे निकली थी। खाना समाप्त करके एक बार फिर मै अपने कमरे मे पहुँच कर जमाल कुरैशी से
निपटने के लिये अपनी रणनीति के बारे मे सोचने बैठ गया। कुछ सोच कर मैने वालकाट को फोन लगाया और उसकी आवाज
सुनते ही मैने कहा… एंथनी, मुझे खबर मिली है कि कल सुबह ताज्मुल मस्जिद पर पाकिस्तानी
जिहादियों का जमावड़ा हो रहा है। उनके निशाने पर परवेज खान है। …तो अब आईएसआई खुल कर
सामने आ गयी है? …अगर उन्हें हमारी मीटिंग के स्थान का पता है तो उस मीटिंग मे भाग
लेने वालो को भी जानते होंगें। इस मौके पर परवेज खान की हत्या हमारे सारे मंसूबों पर
पानी फेर देगी। अगर यह मीटिंग स्थगित हो गयी तो फिर पाकिस्तान मे होने वाले जिरगा से
पहले हमारी तंजीमो के साथ बातचीत नहीं हो सकेगी। …सैम, मेरी जानकारी के अनुसार परवेज
खान इस वक्त पाकिस्तान मे बैतुल्लाह के साथ है। …अगर परवेज वहाँ पर है तो फिर ताज्मुल
मस्जिद पर कोई और तालिबानी नेता पहुँच रहा होगा। मेरी बात काटते हुए वालकाट बोला… कोई
भी हो। मै उनका इंतजाम करता हूँ। कल सुबह ताज्मुल मस्जिद पहुँच जाना। …रोजर। बस इतनी
बात करके मैने फोन काट दिया था। मै अपने कमरे से बाहर निकला तो मेरी नजर सोफे पर बैठी
हुई दोनो बहनों पर पड़ी जो किसी सोच मे डूबी हुई थी।
…आमेना, मै गजल को
अभी अपने साथ लेकर जा रहा हूँ। तुम यहीं पर रुको। जब तक हम वापिस नहीं आते तब तक अपने
फोन को छूना नहीं। वह घबरा कर बोली… समीर, इसको इस वक्त लेकर कहाँ जा रहे हो? …निकाह
के बाद शब-ए-वस्ल के लिये ले जा रहा हूँ। मैने गजल का हाथ थामा और उसे लेकर चल दिया।
आमेना वहीं असमंजस मे खड़ी रह गयी थी। मै गजल को लेकर फ्लैट से बाहर निकल आया था। कुछ
ही देर मे हम दोनो लैंडरोवर से कैम्पस से बाहर निकल गये थे। बैरीकेड पार करते ही मैने
उस क्षेत्र का अवलोकन किया तो वहाँ पर अभी तक कोई खतरे की निशानी नहीं दिखी थी। …आप
कहाँ जा रहे है? उसको अनसुना करके मै अमरीकन एम्बैसी के कम्पाउन्ड मे बनी हुई मस्जिद
की दिशा मे निकल गया था। दिन के आखिरी पहर इशा की नमाज का समय हो रहा था तो यही सोच
कर मैने उस मस्जिद के मौलाना से मिलने की ठानी थी। एम्बैसी के कोमप्लेक्स मे प्रवेश
करते ही मै उस इमारत की ओर चल दिया जहाँ मैने नमाजियों की भीड़ निकलते हुए देखी थी।
उस इमारत के सामने पहुँच कर मैने लैंडरोवर सड़क से उतार कर एक किनारे मे खड़ी करके आसपास
नजर डाली तो सुरक्षाकर्मियों के सिवा और कोई नहीं दिख रहा था। मैने डैशबोर्ड से अपनी
ग्लाक-17 निकाली और गजल को लेकर उस इमारत की ओर चल दिया।
इमारत का निचला तल
प्रकाशमान था। लान पार करके जैसे ही हमने इमारत मे प्रवेश किया तो हमारा आमना-सामना
मुफ्ती से दिखने वाले व्यक्ति से हो गया जो शायद आखिरी पहर की नमाज अदा करके वापिस
जा रहा था। हम दोनो को देख कर वह कड़ी आवाज मे बोला… इस वक्त आप दोनो कहाँ जा रहे है?
मैने झुक कर सलाम करते हुए कहा… जनाब इशा की नमाज अदा करने आया था। …ओह, जल्दी जाईये।
प्रेयर रुम बन्द करने का समय हो गया है। इतना बोल कर वह हमारे साथ वापिस चल दिया। वह
व्यक्ति अपनी गद्दी पर जाकर बैठ गया था। हम दोनो वुजु करके इशा की नमाज अदा करने के
लिये कालीन पर बैठ गये। नमाज अदा करने के पश्चात हम खड़े हुए तो वह व्यक्ति बोला… यहाँ
पर खवातीन का प्रेयर रुम अलग है। उसको अनसुना करते हुए प्रेयर रुम से बाहर निकल कर
अहाते मे पहुँच कर मैने कहा…जनाब, अब आप हमारा निकाह करवा दिजिये। यह सुनते ही वह बिदक
कर बोला… क्या मजाक कर रहे हो? मैने अपना आईकार्ड निकाल कर दिखाते हुए कहा… जनाब मै
इसी एम्बैसी मे काम करता हूँ। हमारा निकाह करवा दिजिये। …मियाँ यह समय निकाह का नहीं
है। कल सुबह आ जाईयेगा। मुफ्ती साहब आपका निकाह करवा देंगें। …जनाब, कल सुबह रेड पर
निकलना है। पता नहीं वहाँ से वापिस आना लिखा है या नहीं लेकिन इस लड़की को बीच मंझधार
मे छोड़ कर नहीं जा सकता। अगर कल शहीद हो गया तो कम से कम मेरी सरकार इसका ख्याल तो
रख लेगी। प्लीज हमारी मदद किजिये। वह व्यक्ति किंकर्तव्यविमूढ़ होकर हम दोनो को कुछ
देर देखता रहा था।
वह व्यक्ति कुछ देर
बाद बोला… मियाँ मै आपका निकाह नहीं करा सकता क्योंकि मै तो इस मस्जिद का कारिन्दा
हूँ। मुफ्ती साहब तो जा चुके है। आपको सुबह आना पड़ेगा। अबकी बार मेरी आवाज थोड़ी तेज
निकली… मियाँ जिस वक्त तुम मुफ्ती साहब की गद्दी पर बैठे उसी वक्त आप हमारे लिये मुफ्ती
बन गये थे। वह व्यक्ति कुछ पल मुझे घूरता रहा और फिर अपना फोन निकाल कर किसी से बात
करने लगा। गजल सहमी हुई सारी कार्यवाही की मूक दर्शक बनी हुई थी। उस व्यक्ति ने अपना
फोन मेरी ओर बढ़ाते हुए कहा… मुफ्ती साहब से खुद बात कर लो। मैने फोन लेकर एक साँस मे
कहा… मुफ्ती साहब, आप जल्दी से जल्दी यहाँ आने का कष्ट करें अन्यथा मुझे आपके पास आना
पड़ेगा। निकाह तो आज और अभी होगा। मै सीआईए के ग्रेड-3 के पद पर इस एम्बैसी मे काम करता
हूँ। अगर अभी भी आपकी ओर से टालमटोल हुई तो कल सुबह आपकी फाईल खुलवा कर बहुत कुछ हो
जाएगा। दूसरी ओर से जवाब के बजाय लाईन कट गयी थी। मैने फोन उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा…
मुफ्ती साहब अभी आ रहे है।
अहाते मे लिफ्ट की
घंटी बजते ही हमारी नजर उस ओर चली गयी थी। एक वृद्ध सफेद चोगा पहने सिर पर मुफ्ती की
पगड़ी बाँधे हुए लिफ्ट से बाहर निकलते हुए मेरी ओर देख कर घुर्राया… मियाँ तुमने मुझे
क्या समझ रखा है। धमकी देकर निकाह करवाना चाहते हो? मेरे चेहरे पर एक मुस्कुराहट तैर
गयी थी। मै जानता था कि मेरी धमकी काम कर गयी थी। मुफ्ती साहब ने आईकार्ड देखने के
बाद बिना कुछ जिरह किये अपने काम मे व्यस्त हो गये थे। निकाह की कार्यवाही पूरी करके
तीन रजिस्टर पर हमारे नाम दर्ज करके हमारी उंगलियों की निशानी लेकर उनके नीचे दस्तखत
करवा कर हमारा निकाह अपने रिकार्ड मे दर्ज किया था। उसके पश्चात निकाहनामे की तीन कापी
पर अपने दस्तखत और मौहर लगा कर हमारे निकाह को कानूनी प्रारुप देकर बोले… मियाँ तुम्हारी
मंशा भले ही पाक हो परन्तु तरीका ठीक नहीं था। …आपका गुनाहगार हूँ। माफ कर दिजिये।
इस लड़की का भविष्य अंधकार मे डूब गया होता अगर कल सुबह की रेड मे मुझे कुछ हो जाता।
अब कम से कम कल सुबह दुश्मन के सामने मुझे इस बात की चिन्ता तो नहीं होगी कि मेरे बाद
इसका क्या होगा। …गजल बिटिया, अपने खाविन्द की सलामती की दुआ करना कि कल फतेह करके
लौटे। अच्छा खुदा हाफिज। इतनी बात करके हम दोनो निकाहनामे की तीन कापी लेकर इमारत से
बाहर निकल आये थे। हमारे निकाह के दो गवाह असद और महरुनिसा बने थे। असद तो मस्जिद का
कारिन्दा था जिसे हम मिले थे। महरुनिसा मुफ्ती साहब की बीवी थी जिसे गवाही देने के
लिये उन्होंने कुछ देर के लिये नीचे बुलवा
लिया था। लैंडरोवर की दिशा मे जाते हुए गजल से कहा… अब कहाँ जा रहे है? …बेगम साहिबा,
वापिस जा रहे है। आमेना तुम्हारे लिये फिक्रमन्द होगी। हम दोनो लैंडरोवर मे सवार हुए
और बाबर गार्डन की दिशा मे चल दिये थे।
अफगान-पाकिस्तान सीमा
सीमा के पास किसी
अज्ञात स्थान पर फ्रंटियर फोर्स के सैनिक अस्थायी चौकी बनाने मे जुटे हुए थे। …जनाब,
इस वीराने मे फौजी चौकी बनाने से क्या फायदा? …हवलदार, यह फौजी चौकी नहीं एक अस्थायी
आब्सर्वेसशन पोस्ट है। हमे निर्देश मिला है कुछ दिन अमरीकन फौज और तालिबान की गतिविधियों
पर यहाँ नजर रखनी है। हमे किसी के साथ मुकाबला नहीं करना है। बस सीमा पर घुसपैठ होते
ही अपनी चौकी पर तुरन्त खबर करके उन्हें ट्रेक करना है जब तक हमारी स्पेशल फोर्सिज
नहीं पहुँचती। घुसपैठियों को जिन्दा पकड़ना है। सीओ साहब का सख्त आदेश है- नो एनगेजमेन्ट।
…जनाब, अफसर लोग सिर्फ जुबान हिलाते है और मरना हमे पड़ता है। अगर तालिबान के लड़ाकुओं
ने यहाँ घुसपैठ करी तो क्या वह हमे आब्सर्वेशन पोस्ट समझ कर छोड़ देगें? …सुलेमान, बेकार
की बहस मत करो। जल्दी-जल्दी हाथ चलाओ। पोस्ट बनते ही रेडियो और वायरलैस सिस्टम का काम
दो दिन मे पूरा करना है।
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