शह और मात-19
अपने कमरे मे प्रवेश
करते ही मैने सेटफोन से कमांड सेन्टर का नंबर मिलाया तो तुरन्त जनरल रंधावा की आवाज
कान मे पड़ी… पुत्तर जरा होल्ड कर। मै उन दोनो को भी नेटवर्क से जोड़ रहा हूँ। कुछ देर
तक लाईन शांत पड़ी रही और वीके की आवाज कान मे पड़ी… मेजर। …यस सर। …क्या तैयारी है?
मैने सारी बात उनके सामने रख कर पूछा… सर, स्टेल्थ और स्पीड पर सारा हमला निर्भर करता
है। अगर मेरी बैठक मे उपस्थिति अनिवार्य नहीं होती तो मै इस हमले मे उनके साथ भाग ले
रहा होता। तभी अजीत सर की आवाज गूंजी… समीर, हम उनकी फौज के लिये डाईवर्जन का इंतजाम
कर रहे है। कल रात को हमारी ओर से पहली बार उनकी कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट पर आर्टिलरी
के द्वारा हेवी फायरिंग होगी जिससे उनकी उत्तरी कमांड का ध्यान तुम्हारी बैठक के बजाय
हमारे उपर केन्द्रित हो जाएगा। जीरो आवर क्या रखा है? …सर, जीरो आवर कल दोपहर को तय
किया जाएगा। अजीत सर ने तुरन्त कहा… तो हमारी कार्यवाही कल रात दस बजे से आरंभ हो जाएगी।
अपना जीरो आवर इसके हिसाब से तय करने की कोशिश करना। …यस सर। इतनी बात करके फोन कट
गया था। अपना सेटफोन आफ करके मै कमरे से बाहर निकला तो मेरा सामना आमेना से हो गया
था।
आमेना मेज पर खाना
लगा रही थी। गजल नहीं दिख रही थी। मैने आगे बढ़ कर पीछे से आमेना को अपनी बाँहों मे
जकड़ कर कहा… आमेना, मुझे आफिस के काम से दो दिन के लिये काबुल से बाहर जाना पड़ रहा
है। अगर मै परसों दोपहर तक वापिस नहीं आता तो यह जगह उसी समय छोड़ कर निकल जाना। जब
किसी सुरक्षित स्थान पर पहुँच जाओ तो एक नम्बर पर फोन करके बस इतना बता देना कि समीर
खतरे है। वह लोग तुम दोनो को सुरक्षित बाकू पहुँचाने का सारा इंतजाम कर देंगें। उसके
बाद बस इतना याद रखना कि अब्बू की कंपनी और दुश्मनों से बदला लेने की चाह से पहले तुम
दोनो की जिंदगी ज्यादा जरुरी है। मैने उसकी ओर देखा तो वह झिलमिलाती हुई आँखों से मुझे
एकटक देख रही थी। उसके मन मे बहुत से सवाल उमड़ रहे थे परन्तु उसने कोई सवाल नहीं किया।
डिनर के बाद उस रात दोनो बहने मुझ पर ज्यादा ही मेहरबान हो गयी थी। जब हम तीनो थक कर
चूर हो गये तब एक दूसरे को बाँहों मे लिये सपनो की दुनिया मे खो गये।
अगली सुबह आमेना को
नीलोफर का नम्बर दे कर मै आफिस के लिये निकल गया था। उसी शाम को अपाचे हेलीकाप्टर से
डेल्टा फोर्स के साथ हम दोनो काल्पनिक डूरंड लाईन से दो मील पहले उतर गये थे। अफगान-पाक
सीमा को काल्पनिक कहना अतिशियोक्ति नहीं होगी क्योंकि यही जमीनी हकीकत थी। दो देशों
की सीमा पर कोई लकीर, फेन्सिंग अथवा फौजी पोस्ट जैसी निशानी नहीं दिख रही थी परन्तु
पहाड़ी चट्टानों के उतार-चढ़ाव से सीमा की पहचान हो रही थी। रात के अंधेरे मे एक प्राकृतिक
पहाड़ी दर्रे से निकल कर हम पाकिस्तानी सीमा मे प्रवेश कर गये थे। उस काल्पनिक सीमा
को पार करके डेल्टा फोर्स हमे पथरीली चट्टानों के बीच एक साफ स्थान पर छोड़ कर फौजी
चौकी ओर निकल गयी थी। सभी तंजीमो के प्रतिनिधियों के साथ कर्नल श्रीनिवास और कुछ अमरीकी
सेना के अधिकारियों ने उस बैठक मे भाग लिया था। रात के तीन बजे तक बिना किसी झमेले
के हमारी बैठक सफलतापूर्वक संम्पन्न हो गयी थी। उस रात वालकाट ने आप्रेशन जूलू का ब्लू
प्रिंट सबके सामने रख दिया गया था। बैठक समाप्त होते ही मुल्ला मोइन उस चौकी दिशा मे
निकल गया था। जिस वक्त हम पहाड़ी दर्रा पार करके अफगान सीमा मे दाखिल हो रहे थे तभी
कुछ विस्फोटों की आवाज कान मे पड़ी तो चलते हुए वालकाट के कहा… मुल्ला मोइन अपना काम
करके निकल गया। पिक-अप पोइन्ट पर हम से पहले मेजर एन्डर्सन और उसके साथी भी पहुँच गये
थे। रात के अंधकार को मिटा कर सुर्य की पहली किरण ने आसमान को रौशन कर दिया था।
वालकाट ने आगे बढ़
कर मेजर एन्डर्सन की टीम को बधाई देते हुए पूछा… कैसा रहा? …नो सरवाईवर्स। क्लीन इन
एन्ड आऊट आप्रेशन। नो कैज्युअल्टीज। अचानक मेजर एन्डर्सन आगे बढ़ा और मेरा हाथ पकड़ कर
बोला… थैंक्स। मैने झेंपते हुए जल्दी से उँगलियों से विकटरी का निशान दिखाते हुए कहा…
प्लीज यह आपकी टीम का पराक्रम है। इतनी बात करके हम सभी खड़े हुए बख्तरबंद ट्रक मे बैठ
कर जलालाबाद एयरबेस की दिशा मे निकल गये थे। रास्ते मे मेजर एन्डर्सन ने ब्रीफिंग देते
हुए बताया कि पाकिस्तानी चौकी सुरक्षा के बजाय हमला करने की तैयारी कर रही थी। इसी
कारण उनके सुरक्षा गार्ड्स बड़ी आसानी से साफ हो गये थे। उनका रेडियो आप्रेटर बैरेक
के अन्दर मिल गया था। हमारे कमांडोज ने बड़ी सफाई से बैरेक मे उपस्थित सभी को ठिकाने
लगा दिया था। वहाँ पर उन्होंने काफी असला बारुद रखा हुआ था। चौकी पर तैनात बीस सैनिक
मारे गये थे। रास्ते मे फिदायीन वेशभूषा उतार कर मेजर एन्डर्सन की टीम वापिस डेल्टा
फोर्स मे तब्दील हो गयी थी। जलालाबाद एयरबेस से हेलिकाप्टर के द्वारा हम काबुल की दिशा
मे निकल गये थे। काबुल तक का सफर सभी ने ऊंघते हुए निकाला था। काबुल पर उतरते हुए वालकाट
ने कहा… सैम पहले आफिस चलते है। डेल्टा फोर्स को एयरपोर्ट पर छोड़ कर हम दोनो एम्बैसी
की ओर चल दिये थे। अपने आफिस पहुँच कर मै अपने फोन की रिकार्डिंग को सुनने बैठ गया
था।
कुछ देर की रिकार्डिंग
सुनने के पश्चात मैने अपने आईपेड पर लिखना आरंभ कर दिया। बैठक मे भाग लेने के लिये
आठ तंजीमे आयी थी। तालिबान की ओर से मुख्यतः अब्दुल गनी और आखुन्डजादा आये थे। अफगान
तालिबान हेरात और पश्चिमी क्षेत्र का एरिया से मुल्ला यासीन और मुल्ला अब्दुल आये थे।
दक्षिण क्षेत्र मे कन्धार से तालिबान का प्रतिनिधित्व मुल्ला मोइन और एहमद हबीबुल्ल्लाह
कर रहे थे। परवेज खान पूर्वी तालिबान का नेतृत्व कर रहा था। उत्तरीय एलांईस की ओर से
अहमद मसूद और अता मोहम्मद आये थे। तेहरीक की ओर से बैतुल्लाह का भाई सरफराज और बेटा
ओमार आये थे। अफगान दाईश की ओर से अनवर उल हक आया था। बलोच रेसिस्टेन्स फ्रट के एहतेशाम
बुगती और खैबर पख्तूनख्वा से पश्तून तहफुज मूवमेन्ट की ओर से मंजूर इलाही पश्तून आये
थे। उज्बेक और ताजिकों के गुट नेशनल रेसिस्टेन्स फ्रंट का प्रतिनिधित्व जहीर दोस्तम
और मोहम्मद जहूर ने किया था। गिलगिट और बाल्टीस्तान का प्रतिनिधित्व खुदाई शमशीर की
ओर जमीर सैयद और अब्दुल रशीद ने किया था। मेरे अलावा सीआईए से एंथनी वालकाट ने बैठक
मे भाग लिया था। यूएस फोर्सेज के तीन वरिष्ठ अधिकारी ब्रिगेडियर जान बुचर, कमांडर टेरी
थाम्प्सन और कर्नल रिचमन्ड मौजूद थे। भारत की ओर से कर्नल श्रीनिवास ने बैठक मे भाग
लिया था।
कुल मिला कर बैठक
मे भाग लेने वालों की संख्या चौबीस थी। बैठक का आरंभ एंथनी वालकाट ने किया था। उसने
सभी के सामने एक प्रश्न रखा था कि अगले बारह महीने मे अमरीकन फौज को अफगानिस्तान छोड़ना
है। उनको सुरक्षित रास्ता देने के लिये तंजीमो की क्या माँग है? तालिबान की ओर से गनी
ने पैसों और हथियारों की मांग रखी थी। आखुन्डजादा ने पाकिस्तान की मध्यस्ता पर जोर
दिया था। बलोच और पश्तून तंजीमे पाकिस्तान से आजाद होने की मांग कर रही थी। उज्बेक
और ताजिक गुट तालिबान के हाथ मे सत्ता देने की खिलाफत कर रहे थे। तेहरीक और खुदाई शमशीर
ने चीन की परियोजना की खिलाफत के लिये उत्तरीय पाकिस्तान मे स्थित कबीलायी तंजीमों
के लिये पैसों और हथियारों की मदद की मांग रखी थी। जितने मुँह उतनी बातें सुन कर अमरीका
की ओर से वालकाट ने सबकी बात काटते हुए कहा… हम किसी भी प्रकार के राजनीतिक टकराव मे
नहीं उलझना चाहते है लेकिन एक बात साफ हो गयी है कि अमरीकन फोर्सेज को बाहर निकलने
के लिये सभी तंजीमों को पैसों और हथियारों की मदद चाहिये। इसके लिये हम तैयार है परन्तु
हमारी मदद किसी एक तंजीम को नहीं दी जा सकती। इसके लिये आप सभी तंजीमों को पहले एक
मत होना होगा। हमारे सैनिकों के निकलने का रास्ता कैसे सुरक्षित होगा इसका ब्लू प्रिंट
पहले आपको देना होगा उसके बाद ही हम किसी भी प्रकार की मदद देने के बारे मे सोचेंगें।
एंथनी वालकाट ने एक ही सवाल मे अपने तीनो मुख्य मुद्दों को उनके सामने रख दिया था।
ब्रिगेडियर जान बुचर
ने पूछा कि किस प्रकार के हथियारों की मदद चाहिये? इस सवाल का कोई भी तंजीम पुख्ता
जवाब नहीं दे सकी थी। बुचर ने अनुसार अमरीकी मदद लाईट वेपन्स और आर्मर्ड ट्रान्स्पोर्ट
व्हेकिल्स की हो सकती है परन्तु हेवी आर्टिलरी, फाईटर प्लेन्स और लेजर गाईडिड मिसाईल
सिस्टम जैसे अन्य आधुनिक हथियारों की मदद नहीं मिल सकती। सभी तंजीमे अमरीकी मदद के
लिये सहमत थी परन्तु तालिबान की ओर से गनी और हबीबुल्लाह ने कुछ अपाचे अटैक हेलीकाप्टर
देने की मांग की थी। भारत की ओर से कर्नल श्रीनिवास ने भारतीय प्रोजेक्ट्स और उसमे
कार्यरत भारतीय कर्मचारियों की सुरक्षा के बारे मे जान और माल की सुरक्षा की बात उनके
सामने रखी थी। दो घन्टे की बातचीत मे किसी ने भी वालकाट के सवाल का जब कोई जवाब नहीं
दिया तब वालकाट ने मेरी ओर देखा तो मैने डूरंड लाईन की मुखालफत की बात उनके सामने रखी
थी। अखुन्डजादा ने तुरन्त पाकिस्तान सरकार की पैरवी करनी आरंभ कर दी थी। उसके अनुसार
डूरंड लाईन पर प्रश्नचिंह का मतलब था कि चीन की परियोजना सीपैक खतरे मे पड़ जाती जिसके
लिये वह तैयार नहीं था। उसके जवाब मे मुल्ला मोइन की अगुवाई मे सभी तंजीमे डूरंड लाईन
की अवैधता पर एक हो कर बोलने लगे थे। उसके बाद सारी चर्चा डूरंड लाईन पर केन्द्रित
हो गयी थी।
नेशनल रेसिस्टेन्स
फ्रंट के प्रतिनिधि जहीर दोस्तम ने अफगान सत्ता मे उज्बेक और ताजिक के लिये हिस्सेदारी
की मांग वालकाट के सामने रखी थी। वालकाट ने बड़ी सफाई से उनकी मांग को तालिबान के प्रतिनिधियों
पर डालते हुए कहा… सत्ता बँटवारें की बात कतार की बैठक मे तय होगी परन्तु वह तभी मुम्किन
होगा जब सभी तंजीमे अमरीका को सुरक्षित रास्ता देने के लिये तैयार हो जाएँगी। सबसे
बड़ी मुश्किल अमरीकी डालर की मदद के बारे सामने आयी थी। सभी को डालर चाहिये थे परन्तु
वालकाट का कहना था कि तंजीमों की संख्याबल के अनुसार आर्थिक मदद दी जाएगी जिसके कारण
छोटी तंजीमें एकाएक विरोध करने लगी थी। सबसे बड़े गुट तालिबान मे ही इस मुद्दे पर सिरफुटव्वल
की नौबत आ गयी थी। आखिरकार आर्थिक मदद के मुद्दे को भी कतार की बातचीत मे सुलाझाने
पर सभी तंजीमें सहमत हो गयी थी।
कर्नल श्रीनिवास अपनी
बात रखने के पश्चात उनकी सारी बातें चुपचाप सुनता रहा था। तभी आर्थिक मुद्दे पर कर्नल
श्रीनिवास ने एक ऐसी बात कही जिसके कारण मेरे कान खड़े हो गये थे। उसका बस इतना कहना
था कि चीन जैसी महाशक्ति को अफगानिस्तान मे होने वाले बदलाव मे अनदेखा नहीं करना चाहिये।
उसका सुझाव था कि इस बैठक मे अगर कोई चीन का प्रतिनिधि भी होता तो बेहतर होता। अभी
तक अखुन्डजादा के सिवा किसी और व्यक्ति ने चीन का जिक्र नहीं किया था। कर्नल श्रीनिवास
के मुख से चीन का नाम सुन कर एक पल के लिये मै चौंक गया था। कर्नल श्रीनिवास की बात
काटते हुए खुदाई शमशीर की ओर से जमीर ने चीन की खिलाफत करने पर जोर दिया जिसका समर्थन
तेहरीक, बलोच रेसिस्टेन्स फ्रट और पश्तून तहफुज मूवमेन्ट ने भी किया था। चीन का जिक्र
होते ही बैठक मे भाग लेने वालों के बीच अन्तरविरोध खुल कर सामने आ गया था। पाकिस्तानी
तंजीमे चीन का विरोध कर रही थी और अफगानी तंजीमे चीन के बारे मे कुछ भी बोलने से कतरा
रही थी।
वालकाट को अपनी रिपोर्ट
भेजने के पश्चात मैने उसकी एक कापी जनरल रंधावा को भी भेज दी थी। सारा काम समाप्त करने
मे शाम हो गयी थी। मै जैसे ही अपना काम समेट कर चलने के लिये हुआ कि तभी वालकाट का
फोन आ गया। …सैम, इस्लामाबाद के लिये कब निकल रहे हो? …यहाँ का काम समाप्त हो गया है।
मुझे जल्दी से जल्दी इस्लामाबाद पहुँच कर तैयारी करनी है क्योंकि अगले महीने पाकिस्तान
के उत्तरी कबीलो का जिरगा बलूचिस्तान मे बैठ रहा है। …सैम, क्या तुम उस जिरगा मे उपस्थित
रहोगे? …अभी तक तो मेरा ऐसा कोई विचार नहीं है लेकिन अगर जरुरत पड़ेगी तो जाना पड़ेगा।
…सैम, इस बैठक पर आईएसआई के जनरल फैज की नजर होगी तो तुम्हें सावधानी बरतने की जरुरत
है। …एंथनी, इसी कारण मै वहाँ जाना नहीं चाहता लेकिन उस जिरगा मे डूरंड लाईन के जरिये
चीन पर अंकुश लगाने का निर्णय होना है। आईएसआई और पाकिस्तानी एस्टेब्लिश्मेन्ट ऐसा
कुछ नहीं करने के लिये सभी मुख्य लोगों को डरायेंगें व धमकायेंगें। उन पर दबाव डालने
के लिये उनके बीवी, बच्चे, भाई, बहन व रिश्तेदारों को जिरगा से पहले उठाने की कोशिश
करेंगें। उस वक्त अगर तुम भी इस्लामाबाद मे होगे तो यह काम आसानी से हो जाएगा। …सैम,
इसीलिये कह रहा हूँ कि इस्लामाबाद पहुँचते ही तुम मेरे आफिस मे रिपोर्ट करो। तुम वहाँ
पर होगे तो वक्त पड़ने पर पाकिस्तानी एस्टेब्लिश्मेन्ट पर दबाव डाला जा सकता है। …एंथनी,
वहाँ के हालात देख कर मै इसका निर्णय लूंगा। …ओके। इतना बोल कर उसने फोन काट दिया था।
जब तक अपने फ्लैट
पर पहुँचा तब तक अंधेरा हो गया था। जैसे ही मैने फ्लैट मे कदम रखा तो वहाँ का हाल देख
कर एक पल के लिये मेरा दिल बैठ गया था। बैठक का सारा सामान इधर-उधर बिखरा हुआ पड़ा था।
मै तेजी से आमेना के कमरे की ओर बढ़ा तो कुछ कदम चल कर ठिठक कर रुक गया क्योंकि सोफे
के किनारे जमीन पर खून के धब्बे दिख गये थे। उस स्थान से कुछ दूरी पर टूटे हुए कांच
के टुकड़े पड़े हुए थे। कुछ ही देर मे सारे फ्लैट का निरीक्षण करके मै एक ही नतीजे पर
पहुँचा था कि उन दोनो को कोई जबरदस्ती अपने साथ ले गया है। वह कौन हो सकता है? यह सवाल
मुझे परेशान कर रहा था। अगर अपहरणकर्ता जमाल कुरैशी है तो फिर इस काम को किसी तंजीम
के बजाय प्रशिक्षित टीम ने अंजाम दिया होगा। कुछ सोच कर मैने तिपाई पर रखे हुए फोन
को उठा कर चेक किया तो फोन चालू था। मैने 999 नम्बर डायल किया तो उस इमारत के अन्दर
बैठी सीआईए की सिक्युरिटी की ओर से किसी ने जवाब दिया… सर, आप आ गये है तो अन्दर आ
जाईये। मै फ्लैट से निकल कर गलियारा पार करके मुख्य द्वार पर पहुँच गया था। दरवाजे
पर जाना पहचाना चेहरा देख कर मैने पूछा… क्या हुआ था। …सर, आप अन्दर आ जाईये। इमारत
मे प्रवेश करते ही मेरी नजर गजल पर पड़ी जो काशिफ को गोदी मे लिये एक किनारे मे खड़ी
हुई थी। मुझे देखते ही वह झपट कर मेरे पास आयी और मुझसे लिपट कर रोने लगी। तभी वह व्यक्ति
बोला… सर, आप एक बार सीसीटीवी रिकार्डिंग देख लिजिये। गजल को समझा बुझा कर मै सीसीटीवी
की रिकार्डिंग देखने के लिये उसके साथ चला गया था।
कंट्रोल रुम मे पहुँच
कर उसने सड़क की रिकार्डिंग चला दी थी। सुबह चार बजे एक स्टेशन वैगन हमारे सेफ हाउस
के सामने आकर रुकी थी। पहले एक आदमी उस वैगन से उतरा और सड़क और अन्दर पोर्च पर एक नजर
डाल कर वापिस वैगन मे बैठ गया था। आधे घंटे के बाद पांच नकाबपोश वैगन से उतर कर पोर्च
मे चले गये थे। …इस स्टेशन वैगन का नम्बर निकालने की कोशिश किजिये। लगभग छह बजे वही
पाँच नकाबपोश एक स्त्री को जबरदस्ती घसीटते हुए पोर्च मे लाये और स्टेशन वैगन मे बैठ
कर निकल गये थे। मैने एक बार फिर रिवाईन्ड करके उस हिस्से को दोबारा देख कर पूछा… स्टेशन
वैगन का गेट पर पता किजिये। …सर, इस स्टेशन वैगन का नम्बर गेट के डेटाबेस मे रजिस्टर्ड
है। यह स्टेशन वैगन पाकिस्तानी दूतावास की है। जो इस वक्त इसी कैंम्पस मे ऐजरबैजान
दूतावास के अधिकारी के घर के सामने खड़ी हुई है। …सर, बताईये क्या करना चाहिये। …सबसे
पहले गेट की सिक्युरिटी को खबर करो और उनकी एक टीम को बुला कर उस घर की तलाशी लेने
का इंतजाम करो। …जी सर। इतना बोल कर वह गेट पर तैनात अफसर से बात करने मे व्यस्त हो
गया था।
एक घंटे के बाद गेट
पर तैनात सार्जेन्ट मेजर और उसकी टुकड़ी को लेकर हम एजरबैजानी अधिकारी के फ्लैट पर पहुँच
गये थे। सार्जेन्ट मेजर ने सबसे पहले स्टेशन वैगन को अपने कब्जे मे लिया और फिर वह
अपने सैनिकों को लेकर ऐजरबैजानी अधिकारी के फ्लैट मे दाखिल हो गया। एजरबैजानी अधिकारी
कुछ देर तक अपने बेगुनाह होने की बहस करता रहा लेकिन जब उसको अपहरण और स्टेशन वैगन
की रिकार्डिंग दिखा कर पूछा गया तब उसने बताया कि आईएसआई के गोपनीय आप्रेशन मे पाकिस्तानी
दूतावास के निवेदन पर उसने आईएसआई को अपने फ्लैट का इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी।
दोपहर को पाकिस्तानी दूतावास की कार मे वह लोग उस स्त्री को अपने साथ ले गये थे। उसके
बयान लेकर हम वापिस आ गये थे। मैने वालकाट को सारी बातों से अवगत करा कर कहा… एंथनी
पाकिस्तानी राजदूत से बात करके आमेना को छोड़ने के लिये कहो अन्यथा जमाल कुरैशी का वित्तीय
नेटवर्क नष्ट करने की सारी उम्मीद समाप्त हो जाएगी। …सैम, यह संवेदनशील मसला है। तीन
सरकारें उलझ जाएँगी। सीधे पाकिस्तानी राजदूत से बात करने के बजाय मै अपने तरीके से
तुम्हारी बीवी को उनके चंगुल से निकालने की कोशिश करता हूँ। …प्लीज जो भी करना है जल्दी
करो। बस हमारे बीच मे इतनी बात हुई थी। सार्जेन्ट मेजर को धन्यवाद देकर मै अपने गजल
को लेकर वापिस अपने फ्लैट मे आ गया था।
हम दोनो फ्लैट मे
करीने से सामान लगाने मे व्यस्त हो गये थे। तीन घंटे की कड़ी मेहनत के बाद हमारा फ्लैट
अपने पुराने स्वरुप मे आ गया था। आधी रात बीत चुकी थी। देर रात तक सारा काम निबटाने
के पश्चात जब थकान उतारने के लिये बैठा तभी मेरे फोन की घंटी बज उठी थी। …हैलो। …मेजर।
वीके की आवाज सुन कर मै संभल कर बोला… यस सर। …तुम्हारा ब्रीफ देख लिया है। जैसा हमने
सोचा था लगभग सब वैसा ही है। वालकाट अच्छे से जानता है कि उन्हें निकलने का रास्ता
पाकिस्तान से लेना पड़ेगा परन्तु इसके लिये पाकिस्तान हर्गिज तैयार नहीं होगा तो इसलिये
वह तंजीमों को भड़का कर पाकिस्तानी फौज पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा है। …सर, यही
मेरा भी आंकलन है। वह बिना लड़े शांति से निकलने के लिये तंजीमों से बात कर रहा है।
…मेजर, अत्याधुनिक हथियार तो वह दुशान्बे के रास्ते निकालने की सोच रहे है क्योंकि
उनके एनएसए ने अजीत से कल रात को इस बारे मे बात की है। जमीनी फौज को वह टुकड़ों मे
काबुल और दुशान्बे से निकालने की योजना पर काम कर रहे है। …सर, आप लोगों का इसके बारे
मे क्या विचार है? तभी अजीत सर की आवाज कान मे पड़ी… समीर, संवेदनशील सेक्टर के अनुसार
सेना की वापिसी होगी। अमरीकी और नाटो सेना अपनी समर्थक तालिबानी टुकड़ी के हाथ मे मोर्चा
थमा कर पीछे हटेगी। इस तरीके से तालिबान के सत्ता हथियाने के लिये ज्यादा लड़ाई-झगड़े
की संभावना कम हो जाएगी। …सर, एक बात समझ मे नहीं आ रही कि अफगान सरकार को इस योजना
मे शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है। …अमरीका जानता है कि अफगान सरकार पर किसी भी तंजीम
को भरोसा नहीं है। अफगानी अपनी सरकार को बेहद भ्रष्टाचारी और अमरीकन पिठ्ठू मानते है।
पाकिस्तान उस सरकार को एक दुश्मन के रुप मे देखता है। चीन की निगाह अमरीका के अगले
कदम पर टिकी हुई है। इसलिये वालकाट जानता है कि उनके वहाँ से निकलते ही अफगान सरकार
की सत्ता तालिबान के हाथ मे चली जाएगी। वह सिर्फ इस चक्कर मे है कि किसी तरह यहाँ की
सत्ता हक्कानी गुट के हाथ मे नहीं जानी चाहिये।
मै अभी वालकाट की
योजना को समझने की कोशिश कर रहा था कि मेरे कान मे जनरल रंधावा की आवाज गूंजी… पुत्तर,
श्रीनिवास के बारे मे क्या ख्याल है? …सर, उसकी बात सुन कर मुझे कुछ अटपटा जरुर लगा।
…तुम्हारे ब्रीफ मे हमने सब देख लिया है। मै जानना चाहता हूँ कि क्या उसका कोई चीनी
कनेक्शन है? …सर, अभी तक मैने उसको अपनी जांच के दायरे मे नहीं रखा था। इस मीटिंग के
बाद मै उस पर नजर रखने के लिये आपसे सिफारिश करुँगा। …हम अपनी ओर से उस पर नजर रख रहे
है। उसके डोजियर की एक कापी तुम्हें भी भेज रहा हूँ। उससे सावधान रहने की जरुरत है।
…सर, उन तीनो लड़कियों से कुछ पता चला? …पुत्तर, उनकी निशानदेही पर एनआईए जाँच कर रही
है। हमे यहाँ पर बाकू का कनेक्शन बेहद संवेदनशील लग रहा है। बाकू की बात निकलते ही
मैने पूछा… सर क्या वहाँ पर अपना कोई आप्रेटिव तैनात है? …बाकू हमारे लिये कभी भी इतना
महत्वपूर्ण स्टेशन नहीं रहा है जहाँ पर हम अपना कोई स्थायी आप्रेटिव नियुक्त करते।
…अजीत सर ने क्या आंद्रेय टुपलोव से बात की है? अजीत सर ने तुरन्त कहा… समीर, उससे
अभी तक सपर्क नहीं हो पाया है। आखिर मे जनरल रंधावा ने कहा… इस्लामाबाद पहुँच कर संपर्क
करना क्योंकि तब तक बाकू से कनेक्शन की कुछ और जानकारी मिल जाएगी। …जी सर। फोन कटने
के बाद एक नजर मैने सामने बैठी हुई गजल पर डाली तो वह काशिफ को सुलाने मे जुटी हुई
थी।
अभी तक गजल से मेरी
कोई बात नहीं हुई थी। पहले सीसीटीवी रिकार्डिंग और उसके बाद ऐजरबैजान दूतावास के अधिकारी
के साथ बातचीत मे उलझा रहा था। जब उसको लेकर वापिस फ्लैट मे आया तो टूटे और बिखरे हुए
सामान को करीने से सेट करने हम दोनो जुट गये थे। जब उस काम से फारिग हुए तब भूख शान्त
करने की तैयारी मे व्यस्त हो गये थे। सब काम समाप्त करके जब बिस्तर पर लेटा तब तक जिस्म
थक कर चूर हो गया था। काशिफ को सुलाने के पश्चात गजल मेरे पास लेटते हुए बोली… परसों बीच रात को आमेना बाजी के पास एक फोन आया था।
मुझे जगा कर उन्होंने काशिफ को मुझे पकड़ा कर फ्लैट से बाहर निकाल कर कहा कि पीछे के
लान मे जाकर छिप जाओ। उन्होंने अपना फोन देकर कहा कि अगर उन्हें कोई जबरदस्ती ले जाते
हुए दिखे तो बाहर निकलने की जरुरत नहीं है। उनके जाने के बाद मुझे वापिस फ्लैट मे आकर
इन्टरकाम पर 999 डायल करके इमर्जेन्सी बोल कर सारी बात बता कर दोपहर तक आपका इंतजार
यहीं पर करना था। अगर आप किसी कारण नहीं आते तो उन्होंने मुझे एक नम्बर दिया था कि
मै उस नम्बर पर आपके साथ अपना रिश्ता बता कर सुरक्षा मांगूँगी तो आपके साथी मुझे सुरक्षित
बाकू पहुँचा देंगें। मै आमेना के फोन की काल लिस्ट देखने बैठ गया। सारे नम्बर काबुल
के थे। कुछ देर के बाद गजल बोली… बाजी का कहना था कि वह लोग मुझे कत्ल करने के लिये
आ रहे है। इसलिये उन्होंने मुझे वहाँ से भगाया था। क्या आपको आमेना बाजी के बारे मे
कुछ पता चला? …हाँ बस इतना पता चला है कि आईएसआई के लोगों ने आमेना को फ्लैट से अपहरण
करके एजरबैजानी दूतावास के डिफेंस एटैची सर्गई इस्लाम के घर पर कुछ देर रखा और फिर
दोपहर को पाकिस्तानी दूतावास की कार मे लेकर निकल गये थे।
मेरा दिमाग गजल की
बातों मे उलझा हुआ था। वह लोग गजल के लिये आये थे… पर क्यों? आमेना ने समय रहते हुए
गजल को वहाँ से हटा कर उनके मंसूबे पर पानी जरुर फेर दिया परन्तु खुद को उनसे नहीं
बचा सकी। अगले ही पल दिमाग मे एक ख्याल आया कि कहीं आमेना ने गजल को वहाँ से हटाने
के लिये झूठ का सहारा तो नहीं लिया था। मैने अपना शक उनके सामने रखते हुए कहा… गजल
की मौत से जमाल का क्या फायदा हो सकता है? वह बोली… अगर मेरा निकाह नहीं हुआ है तो
मेरी मौत के पश्चात बाजी ही सारी जायदाद की वारिस हो जाएँगी। उसके बाद आमेना के खाविन्द
होने के कारण जमाल सारी चल-अचल संपत्ति पर आसानी से काबिज हो जाएगा। सारी बात समझ कर
मैने कहा… सबसे पहले हमे बाकू पहुँच कर निकाह को रजिस्टर कराना चाहिये। इसके बाद तुम्हारे जीने-मरने से जमाल को कोई फायदा
नहीं मिलने वाला है। गजल को चुप देख कर मैने उसकी ओर देखा तो वह आँखें मूंद कर अपने
सपनो की दुनिया मे खो गयी थी। उसे अपनी बाँहों मे लिये मै भी कुछ ही देर मे अपने सपनो
की दुनिया मे खो गया था।
सुबह उठने के बाद
कुछ सोच कर मैने वालकाट नम्बर मिलाया। …हैलो। …एंथनी, क्या कोई दोस्त तुम्हारा बाकू
के दूतावास मे है? …क्यों? …मुझे अपना निकाहनामा वहाँ पर रजिस्टर करना है। तुम तो जानते
हो कि मुझे कल इस्लामाबाद जाना है। …हमारा एक अधिकारी वहाँ के दूतावास मे भी तैनात
है। उससे बात करके देखता हूँ। अगर हो सकेगा तो वह तुम्हारा निकाहनामा रजिस्टर करा देगा।
…एंथनी, अर्जेन्ट है। अगर कल तक रजिस्टर नहीं करवाया तो तारीख का चक्कर पड़ जाएगा।
…अभी वापिस काल करता हूँ। इतना बोल कर उसने फोन काट दिया था। गजल ने तुरन्त प्रश्न
किया… आप इस्लामाबाद जा रहे है? …वहाँ नहीं जाउँगा तो तुम्हारी तुम्हारी बाजी कैसे
वापिस आयेगी? …मै भी आपके साथ चलूँगी। मै कोई जवाब देता उससे पहले मेरे फोन की घँटी
बज गयी थी। …हैलो। …सैम, अपना निकाहनामा और अपना और वाईफ का पासपोर्ट स्कैन करके मुझे
मेल कर दो। रजिस्ट्रेशन के लिये फोटोकापी पर हमारे दूतावास की मौहर काफी है। …ओके।
जमाल कुरैशी की बीवी के बारे मे कुछ पता चला? …कोशिश जारी है। हमारी ओर से तुर्खैम
और चमन पर नजर रखी जा रही है। जैसे ही खबर मिलती है तो तुम्हें खबर करुँगा। …थैंक्स।
उसने फोन काट दिया था। मेरे कागजात तो मेरे पास थे परन्तु मेरे लिये परेशानी का सबब
गजल का पास्पोर्ट था।
कुछ सोच कर मैने गजल
से कहा… अपना पूरा नाम, अपने अब्बू का नाम, बाकू का पता व जन्मतिथि एक कागज पर लिख
कर मुझे दे दो। गजल ने जल्दी से एक कागज पर सारा विवरण लिख कर मेरी ओर बढ़ाते हुए कहा…
आपको छोड़ कर मै कहीं नहीं जाने वाली। मैने अपने बैग से आईपैड निकाल कर गजल की दो चार
फोटो सामने से खींच कर अपना बैग उठा कर आफिस की दिशा मे चल दिया। एक शान्त स्थान पर
अपनी लैंडरोवर खड़ी करके मैने कमांड सेन्टर का नम्बर मिलाया तो जनरल रंधावा की आवाज
कान मे पड़ते ही… बोल पुत्तर। …सर, एक लड़की का पास्पोर्ट बनवाना है। …डीटेल्स भेजो।
मैने जल्दी से गजल के सारे डिटेल्स देकर कहा… सर, यह लड़की बाकू मे आईएसआई के नेटवर्क
के सरगना जमाल कुरैशी की साली है। इस लड़की की आढ़ लेकर मै आईएसआई के वित्तीय पाइपलाइन
पर प्रहार करने की योजना बना रहा हूँ। मुझे उसके पास्पोर्ट की स्कैन कापी की तुरन्त
जरुरत है। …उसकी फोटो? …सर, आपको भेज रहा हूँ। बस इतना बता दिजिये कि कब तक मेरा काम
हो जाएगा। …पुत्तर, दो घन्टे मे स्कैन कापी तेरे फोन पर मिल जाएगी। कल सुबह हमारे दूतावास
चले जाना तो राजदूत के आफिस से उसका पास्पोर्ट ले लेना। …मै उसकी फोटो भेज रहा हूँ।
इतना बोल कर मैने फोन काट दिया था।
अपने आफिस पहुँच कर
मै वालकाट के पास चला गया था। …एंथनी, मै कल सुबह इस्लामाबाद के लिये निकल रहा हूँ।
अपना काम आरंभ करने से पहले मै एक बार फिर से पूछना चाहता हूँ कि तुम्हारी प्राथमिकता
क्या है? यहाँ से निकलना है या चीन पर अंकुश लगाना है। वालकाट कुछ पल मेरी ओर देखता
रहा और फिर मुस्कुरा कर बोला… दुनिया के लिये यहाँ से निकलना है और मेरी बात मानो तो
चीन पर अंकुश लगाने के लिये हमारा यहाँ से निकलना जरुरी है। उसकी बात सुन कर मै ज्यादा
उलझ गया था। मैने अपना सिर झटक कर कहा… सभी तंजीमो को डूरंड लाईन के नाम पर भड़काने
से पाकिस्तानी एस्टेबलिश्मेन्ट दबाव मे आ जाएगा जिसके कारण वह सीपैक परियोजना को ठंडे
बस्ते मे डालने के लिये मजबूर हो जाएगा। एक बार सीपैक का काम रुक गया तो पाकिस्तानी
एस्टेबलिशमेन्ट चीन के निशाने पर आ जाएगा। अब तुम्हें बताना है कि उस जिरगा मे तुम्हारी
ओर से कौन शांति सन्धि पर मौहर लगायेगा? वालकाट कुछ क्षण मुझे देखता रहा और फिर बोला…
शांति सन्धि पर तंजीमो की ओर से मौहर कौन लगायेगा? …तालिबान की ओर से कोई मुल्ला ही
लगायेगा। …यही हमारे लिये मुश्किल है। …एंथनी, तुम्हारे दिमाग मे कोई है तो उसका नाम
बताओ? …सैम हमारी यही सबसे बड़ी परेशानी है कि तालिबान बहुत से गुटों की फौज है। एक
गुट सन्धि करता है तो बाकी उसकी खिलाफत मे खड़े हो जाते है। हम चाहते है कि जिरगा मे
भाग लेने वाले सभी गुट शान्ति सन्धि के प्रस्ताव को एक मत से पारित करें। …एंथनी उसके
बाद भी बहुत से गुट ऐसे होंगें जो जिन्हें उस जिरगा मे बुलाया नहीं जायेगा। उनका क्या
करोगे? …वह सब बाद मे देखेंगें।
इतनी बात करने के
पश्चात वालकाट बोला… आईएसआई का कहना है कि हनी ट्रेप के जरिये आमेना ने उनके एक खास
आप्रेटिव को फँसाया है और उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही थी। …एंथनी उनसे यह नहीं
पूछा कि आमेना किस संस्था के लिये हनीट्रेप का काम करती थी? वालकाट कुछ पल मुझे देखता
रहा और फिर बोला… वह रा का नाम ले रहे है। …वह झूठ बोल रहे है। यह जानकारी तुम्हें
किसने दी? …जनरल फैज के एडीसी कर्नल हमीद ने बताया है। …जनरल फैज का आफिस अपने मुख्य
ड्र्ग्स के केरियर जमाल कुरैशी को बचाने की कोशिश कर रहा है। आमेना का शिपिंग ट्रांस्पोर्ट
का कारोबार रुस और युरोप मे फैला हुआ है। आईएसआई उसका कारोबार हथियाने की सोच रही है।
आमेना के कारोबार के जरिये आईएसआई गोल्डन क्रेसेन्ट का माल रुस और युरोप के नाईट क्लब्स
मे पहुँचाना चाहती है। …मै सब समझ रहा हूँ। अब सीधे सवाल पूछता हूँ कि क्या तुम अपनी
बीवी को जमाल के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे थे? उसका सवाल सुन कर एक पल के लिये मै चुप
हो गया था। उसकी निगाहें मुझ पर जमी हुई थी।
कुछ सोच कर मैने कहा…
एंथनी, यह सही बात है कि जमाल कुरैशी और गोल्डन क्रेसेन्ट का नेटवर्क मेरे निशाने पर
है। यह सिस्टम हमारे उद्देश्य मे सबसे बड़ी बाधा है। आमेना मेरी बीवी नहीं है। वालकाट
चौंकते हुए बोला… क्या मतलब? …वह जमाल कुरैशी की बीवी है। मैने उसको सिर्फ बचाने की
कोशिश कर रहा हूँ। …फिर तुम्हारी बीवी कौन है? …आमेना की छोटी बहन गजल मेरी बीवी है।
…तो वह बच्चा जमाल का है? मैने मुस्कुरा कर कहा… तुम ठीक समझे। वालकाट ने तुरन्त अपना
फोन उठा कर किसी का नम्बर मिला कर बोला… कर्नल, उस लड़की को आज ही रात को वहाँ से निकालो।
इतना बोल कर उसने दूसरा नम्बर मिलाया… आज रात को हम वहाँ से लड़की निकाल लेंगें। अगर
कोई पाकिस्तानी फौज की कार्यवाही होने की संभावना दिखे तो फौरन खबर करना। इतना बोल
कर उसने फोन काट कर मुझसे कहा… वह लड़की बरामद होते ही मै तुम्हें खबर कर दूँगा।
अभी हमारी बात समाप्त
नहीं हुई थी कि मेरे फोन पर एक मेसेज फ्लैश करने लगा था। मैने जल्दी से मेसेज चेक किया
तो गजल के पास्पोर्ट की कापी आ गयी थी। मैने बैग खोल कर अपना आईपेड निकाल कर गैलरी
से निकाहनामे और भारतीय पास्पोर्ट की कापी निकाल वालकाट को दिखाते हुए कहा… तीनो डाक्युमेन्ट्स
की कापी भेज रहा हूँ। प्लीज अपने दोस्त से कहना कि कल सुबह तक यह निकाहनामा रजिस्टर
हो जाना चाहिये। अब मै वहीं से इस्लामाबाद निकल जाऊँगा। इतना बोल कर मै अपने फ्लैट
की दिशा मे निकल गया था।
शाकीन, पाक-अफगान
सीमा
रात के अंधेरे मे
सड़क के किनारे एक गोदाम के बाहर चार हथियारबंद लोग पहरा देते हुए दिख रहे थे। उस गोदाम
से कुछ दूरी पर हथियारों से लैस कुछ फिदायीन मकान की छत पर बैठ कर गोदाम की निगरानी
कर रहे थे। एक फिदायीन धीरे से अपने साथी से बोला… फैजल भाई कब तक यहाँ बैठना पड़ेगा।
…आज रात काली होगी। चुपचाप उस गोदाम पर निगरानी रखो। तभी विपरीत दिशा मे ताकते हुए
एक फिदायीन दबी आवाज मे बोला… फैजल भाई चार ट्रक सीमा के उस पार से इस ओर बढ़ रहे है।
तुरन्त सब सचेत होकर बैठ गये थे। ट्रकों के कारवाँ को देखते हुए फैजल बोला… सब अलग
दिशा मे जा रहे है परन्तु उन ट्रकों के मूवमेन्ट पर नजर रखना।
कुछ देर के बाद एक
फिदायीन दूरबीन से देखते हुए बोला… भाई, यह तो पाकिस्तानी रेन्जर्स है। दूसरी दिशा
से किसी ने कहा… भाई, दूसरा और तीसरा ट्र्क गोदाम के सामने वाली गली मे रुक गया है।
सबकी धड़कने बढ़ गयी थी। …भाई चौथा ट्रक गोदाम के सामने रुक गया है। फैजल जल्दी से दूरबीन
लेकर ट्रकों का आँकलन करते हुए अपना फोन निकाल कर किसी का नम्बर मिला कर बोला… बिरादर,
चार ट्रक मे पाकिस्तानी रेन्जर्स सीमा पार करके आये है। वह गोदाम को घेर कर बैठे हुए
है। हमारे लिये क्या हुक्म है। …दूर से सिर्फ नजर रखना। यह हमारा आप्रेशन नहीं है।
…जी बिरादर। बस इतनी बात करके फैजल की नजर एक बार फिर से गोदाम पर टिक गयी थी।
तभी फैजल के फोन की
घँटी बजी तो तुरन्त फोन उठा कर बोला… बोलिये भाई। अभी-अभी रेन्जर्स की एक टुकड़ी गोदाम
मे गयी है। …बाकी तीन ट्रकों की क्या पोजीशन है? …भाई, तीनो दिशायें के रास्ते पर तैनात
हो गये है। तभी आसमान मे एक हेलीकाप्टर न जाने कहाँ से अचानक उदित हुआ और गोदाम के
उपर स्थिर हो गया था। …भाई लगता है कि डेल्टा फोर्स पहुँच गयी है। एकाएक फैजल चीखा…
भाई, यह डेल्टा फोर्स नहीं है। …खबीस क्या बोल रहा है? …भाई, रेन्जर्स उस लड़की को लेकर
गोदाम की छत पर पहुँच गये है। वह कुछ बोलता उससे पहले लाईन कट गयी थी।
दूरबीन लिये फिदायीन चीखा… भाई, देखिये उस लड़की को उन्होंने हवा मे उठा लिया है। वह उसे हेलीकाप्टर मे खींच रहे है। फैजल चुपचाप सारा दृश्य देखता रहा और कुछ ही देर मे हेलीकाप्टर उस लड़की को लेकर चला गया था।
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जवाब देंहटाएंधन्यवाद राज भाई। देरी के क्षमाप्रार्थी हूँ।
हटाएंशुक्रिया अल्फा भाई
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