अफ़गान
उँची गगनचुम्बी पहाड़ियों के बीचोंबीच पथरीली
जमीन पर एक व्यक्ति खून में लथपथ घायल पड़ा हुआ करहा रहा था। उससे कुछ दूरी पर जलते
हुए एक इंडियन एयरफोर्स का हेलीकोप्टर से निकलते स्याह काले धुएँ ने आकाश को ढक
दिया था। बीच-बीच में हेलीकोप्टर के अन्दरूनी भागों में शार्ट-सर्किटिंग की आवाजें
तेज होने लगी और तभी एक चिंगारी जोर पकड़ लेती हैं। करहाते हुए व्यक्ति की शक्ति
क्षीण होती जा रही थी और उस पर धीरे-धीरे बेहोशी छा जाती है। तभी कहीं से एक
घुड़सवार बहुत तेजी से बढ़ता हुआ घटनास्थल पर पहुँचा और तुरन्त उतर कर घायल व्यक्ति
को खींचकर जलते हुए हेलीकोप्टर से दूर ले गया। आग की लपटों में घिरे हुए हेलीकोप्टर
में अचानक एक विस्फोट हुआ और फिर चारों ओर शान्ति छा गयी।
नकाब से चेहरा छिपाये घुड़सवार अपनी मश्क मे से
थोड़ा पानी निकाल कर घायल व्यक्ति के चेहरे पर छींटे मार कर उसे होश में लाने की विफल
प्रयास करता है। घुड़सवार कुछ सोच कर उस व्यक्ति को उठा कर अपने घोड़े की पीठ पर डालने
का निरर्थक प्रयास करता है। घायल व्यक्ति शरीर और वजन के अनुपात से घुड़सवार से
दुगना प्रतीत होता है। परन्तु घुड़सवार आस नहीं छोड़ता और जुगत लगा कर पास पड़ी हुई
एक चट्टान पर उस व्यक्ति को घसीट कर लिटा देता है और फिर अपने घोड़े को चट्टान के
समीप लिटा कर उसकी पीठ पर घायल व्यक्ति को खींच लेता है। घुड़सवार का ध्यान घायल की
पीठ पर जाता है तो चौंक जाता है क्योंकि पीठ पर यूनीफार्म जल कर चिपक गयी थी। पथरीली जमीन पर खींचने से पूरी पीठ पर घिसट लगने से घाव होने के कारण उसमें से खून
रिस रहा था। बिना देर किये घुड़सवार अपने घोड़े पर घायल को डाल कर पैदल आगे बढ़ गया।
पाँच घंटे तक लगातार चलने के बाद घुड़सवार एक मैदानी इलाके में पहुँच गया। लहलहाते हुए खेत में से हो कर वह एक किलेनुमा मकान के दरवाजे पर आ कर रुक गया। अभी वह कुछ सोच कर अपना अगला कदम उठाता कि तभी अचानक एक बूढ़ी महिला दरवाजा खोल कर सामने आ गयी……अरे…कौन है?
घुड़सवार नकाबपोश ने अपने सिर और मुख पर लिपटे हुए कपड़े को उतारते हुए बूढ़ी महिला की ओर देखते हुए बोला …बड़ी बी, यहाँ और कौन आएगा। मै हूँ। आवाज सुन कर वह वृद्धा चौंकते हुए बोली… हाय री……सकीना बीबी… भला यह कौन है और यह क्या वेश बना रखा है?
काले स्याह नकाब के हटते ही सकीना अपने काले लम्बे और घने बालों को खोल कर और उनसे धूल झाड़ती हुई बोली…बड़ी बी… लम्बी कहानी है… बताती हूँ, मगर अभी नहीं। घायल व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए… इसे सुरक्षित तहखाने में ले जाने का इंतजाम कराईए। वह इतना बोल कर आगे बढ़ गयी और वृद्धा उस बेहोश घायल व्यक्ति को वहाँ से हटवाने मे व्यस्त हो गयी।
पूरी स्टोरी कहा मिलेगी
जवाब देंहटाएंBrother mujhe aapki saari story Ka pdf chahiye
जवाब देंहटाएंBrother plz mujhe excess karne do
जवाब देंहटाएंVir bhai aap phir se likh rehe ho kiya
जवाब देंहटाएंपूरी स्टोरी कहा मिलेगी
जवाब देंहटाएंPSE give me full story of afgan
जवाब देंहटाएंवीरभाई पहले तो आप और आपकी पुरी फॅमिली को नये सालकी दिलसे ढेर सारी शुभकामना.💐💐💐💐 आप और पुरा परिवार सकुशल रहे यही भगवानसे प्रार्थना🙏
जवाब देंहटाएंअब मेरे स्वार्थ की बात😁आपके सारे मिशन की pdf मुझे चाहीये,प्लिज आप मेरे ई-मेल पे भेजे. prashantdhumal2@gmail.com
जीन दोस्तोंको विरभाईकी तालिबान और अफगाण की pdf चाहीये वो मुझे prashantdhumal2@gmail.com पे मेल करे.
जवाब देंहटाएंविरभाई पिछले १५ दीनसे एक एक करके आपकी सारी रचनाये वापस एक बार पढ डाली, आपकी अगली रचनाका बेसब्रीसे इंतजार रहेगा, अपना और परिवार का खयाल रखना...
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