सोमवार, 28 जनवरी 2019

जंग, मोहब्ब्त और धोखा


जंग, मोहब्ब्त और धोखा



धरती पर स्थित इस नर्क में आये हुए एक साल बीत चुका था। शहर के बाहरी इलाकों मे दिन का तापमान साठ डिग्री से उपर पहुँचना एक रोजमर्रा की बात सी हो गयी थी। आज तक मैने यही सुना था की नर्क में पापी आत्माओं को गर्म कड़ाहे मे रख कर भूना जाता था। मै अपने जीवनकाल मे ही इस यातना को भोग रहा था। वैसे तो मुझे मेरे आफिस मे सारी सुख सुविधा उपलब्ध थी लेकिन मेरे काम के कारण मेरा ज्यादा समय बाहर ही निकलता था। आज भी अपनी सुरक्षा चौकियों के निरीक्षण करने के कारण मै अपने आफिस से बाहर निकला हुआ था। मेरी बख्तरबंद जीप एक तवे की भांति धधक रही थी। मेरी युनीफार्म भी अब तक पसीने से बुरी तरह भीग चुकी थी। दूर-दूर तक सिर्फ रेत के टीले ही दिखाई दे रहे थे। …जनाब, अगला पड़ाव आने वाला है। मेरी जीप के उपर लगी हुई मशीनगन पर तैनात मे लाँस नायक सुच्चा सिंह की आवाज मेरे कानों मे पड़ी तो मेरा ध्यान इस नर्क से हट कर अपनी जिम्मेदारी की ओर चला गया। मैने अपने सिर पर लगी हुई नीली कैप को ठीक किया और फिर अपना ध्यान आने वाली चौकी के उपर लगा लिया।

…जनाब, इन लोगों ने जीना दूभर कर रखा है। न तो यह चैन से रहते है और न ही हमें चैन से रहने देते है। मेरे साथ बैठे हुए चालक ने जीप को सड़क से उतार कर रेत पर डालने से पहले फोर-व्हील को लगाते हुए धीरे से कहा। वह शायद अपने-आप से बात कर रहा था लेकिन इस जीप मे बैठे हुए हरेक इंसान की मन की बात बोल रहा था। …हवलदार, हम यहाँ पर है तो इसीलिए शांति है। हम न हो तो यह लोग एक दूसरे को मारने से बाज नहीं आएंगें। अपना ध्यान रेत पर लगाओ वर्ना अगर फँस गये तो पूरी रात यँही पर गुजारनी पड़ेगी। मेरा दिमाग अभी भी अपनी चौकी की ओर लगा हुआ था। पिछ्ली रात को चौकी ने वायरलैस पर सूचना दी थी कि फुजैइराह के बार्डर पर कुछ हथियारबंद लोगों का जमावड़ा देखा गया था। ऐसा लग रहा था कि वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की कोशिश करने जा रहे है। इसी कारणवश आज मै इस ओर निरीक्षण के लिए आया था। …हवलदार, एक बार फिर से उस चौकी को वायरलैस पर लेने की कोशिश करो। मेरे साथ बैठा हवलदार एक बार फिर से वायरलैस पर जुट गया। आज सुबह से हमने बहुत बार उनके साथ वायरलैस पर बात करने की कोशिश की थी लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिल पाया था। किसी अनहोनी की आशंका ने मेरे जहन को विचलित कर रखा था।

बार्डर पर रोजाना की छुटपुट घटनाओं के कारण वैसे ही पूरा मध्य एशिया युद्ध के कगार पर खड़ा हुआ था। एक ओर आईसिस के आतंकवादी आत्मघाती हमलों से बाज नहीं आ रहे थे और दूसरी ओर इरान की फौज कुछ भी कर गुजरने को सदैव तत्पर थी। सीरिया और यमन मे आग लगी हुई थी जहां अमरीकी और रुसी फौज आये दिन यमन के मासूम लोगों को बचाने के लिए एक दूसरे पर छिप कर वार कर रहे थे। भारी मात्रा मे वहाँ के नागरिक युरोप की ओर पलायन करने मे लगे हुए थे। इन्ही सबके बीच साऊदी अरब अपने पैसों के बल पर इस्लाम धर्म के वहाबी स्वरूप को फैलाने के लिए भाड़े के सैनिकों के द्वारा अपने पड़ौसी देशों मे उथल-पुथल मचाने की कोशिश कर रहा था। एक छोटी सी चिंगारी पूरे मध्य एशिया को युद्ध मे झोंकने के लिए काफी थी। भारतीय सेना को इन सबके बीच मे संयुक्त राष्ट्र संघ की शन्ति सेना की कमान दे कर भेजा गया था। एक अंग्रेज जनरल पीटर मोर्गन यहाँ पर स्थित संयुक्त सेना का चीफ कमांडिंग आफीसर था। उसने संयुक्त सेना को अकारण हथियार न चलाने की हिदायत दे रखी थी। हमारी हालत ऐसी थी कि एक तरफ कुआं था और दूसरी ओर खाई और हमारे सैनिकों को यह समझ नहीं आ रहा था कि हथियारबंद विपक्ष से कैसे शांति के साथ पेश आये।

…जनाब, चौकी आ गयी है। मेरा भटका हुआ ध्यान एक बार के लिए फिर से अपनी अगली कार्यवाही पर केन्द्रित हो गया। हमारी चौकी पचास मीटर की दूरी पर साफ दिख रही थी। रेगिस्तान के एक ऊँचे से टीले पर पत्थरों से बना हुआ छोटा सा कमरा जिसके चारों ओर लोहें के कटीले तारों की बाढ़ लगी हुई थी। चारों ओर शांति छायी हुई थी लेकिन वहाँ पर तैनात एक भी सैनिक मुझे नजर नहीं आ रहा था। सावधानीवश मैनें कहायहीं जीप रोक दो। सुच्चा सिंह चौकी पर नजर बनाए रखना। मै अपने दो साथियों के साथ वहाँ के हालात का जायजा लेने के लिए जा रहा हूँ। तब तक फायर मत करना जब तक कोई वहाँ से फायर न करे। इतना कह कर मैने अपनी स्वचलित एम-17 उठाई और जीप से बाहर छलांग लगा कर रेत पर रोल करते हुए अपने आप को सुरक्षित किया। मेरे पीछे-पीछे हवलदार हमीद और गनर मनिक लाल भी आ गये थे। दोपहरी मे तपती हुई रेत पर रेंगते हुए किसी तरह हमने पचास मीटर की दूरी जैसे-तैसे तय की थी कि तभी हम पर चौकी की ओर से मशीनगन से किसी ने फायर कर दिया। मशीनगन की आवाज सुनते ही अपने आप को बचाने के लिए मै रेत पर एक ओर लोट लगा कर बच गया लेकिन मेरे पीछे रेंगते हुए गनर मानिक लाल अपने आप को बचा नहीं सका और वहीं ढेर हो गयापीली बालू पर उसके बहते हुए खून को देख कर एक पल के लिए मै रुक गया लेकिन मौत सिर पर मंडराती हुई देख कर मै कोहनी के बल पर रेंगते हुए आगे बढ़ गया। सुच्चा सिंह ने पूरी मुस्तैदी से चौकी की दिशा मे जवाबी फायरिंग आरंभ कर दी थी। मैने मुड़ कर हमीद को चौकी के पीछे निकलने का इशारा किया और मै फायरिंग दिशा से बचते हुए आगे बढ़ता चला गया। मेरी मानसिक स्थिति उस समय शांति स्थापना के बजाय अपने साथी की मौत का बदला लेने के लिए बनी हुई थी।

मैने चौकी की खिड़की का निशाना बनाते हुए एक ग्रेनेड उछाल दिया। सटीक निशाना था। एक धमाका हुआ और चौकी की छत हवा मे उड़ गयी। मैने अपनी एम-17 को उठाया और तेजी से अन्दर दाखिल हो गया। अन्दर का नजारा देख कर मेरा दिमाग एक पल के लिए सन्न रह गया था। हमारे आठ सैनिकों की टुकड़ी इस चौकी पर तैनात थी उनमे से चार सैनिकों की क्षतविक्षित लाशें एक कोने पड़ी हुई थी। एक किनारे मे एक सैनिक का कटा हुआ सर राईफल के बेयनेट पर फँसा कर रखा हुआ था। किसी ने बड़ी बर्बर्ता से उको मौत के घाट उतार दिया था। सिरविहीन उस सैनिक की लाश एक ओर पड़ी हुई थी। वह दृश्य देख कर एक पल के लिए मेरा जिस्म पथरा कर रह गया था। मैने अपनी नजर आसपास दौड़ायी लेकिन लगभग पूरी चौकी तहस-नहस हालत मे पड़ी हुई थी। शायद ग्रेनेड के विस्फोट के कारण अन्दर का नजारा ऐसा हो गया था।

मेरी नजर जमीन पर पड़े धूल और खून से अटे दो इंसानों पर पड़ी जिसमे से एक व्यक्ति कराह रहा था। गौर से देखने पर मुझे आभास हुआ कि एक अरब वेशभूषा मे आदमी धूल मे अटा हुआ एक ओर पड़ा था। उसी से कुछ दूरी पर हिजाब ओढ़े एक औरत खून मे लथपथ मशीनगन के नजदीक पड़ी हुई थी। अपने बचे हुए तीन सैनिक मुझे कहीं भी नजर नहीं आ रहे थे। धूल से अटे हुए माहौल मे चन्द ही मिनट मे पूरी जगह का जायज़ा ले चुका था। तभी मेरी नजर हमीद पर पड़ी जो बेहद सावधानी से चौकी के पिछले हिस्से मे कमरे मे प्रवेश कर रहा था। …आल क्लीयर। मेरी आवाज सुनते ही हमीद तेजी से अन्दर आ गया और मेरा इशारा देखते ही जमीन पर पड़ी हुई औरत को जाँचने मे लग गया। वह शायद अपनी आखिरी साँसे ले रही थी। मै अपने बचे हुए सैनिकों को देखने के लिए चौकी के दूसरे हिस्से की ओर चला गया था।

फुजैईराह बार्डर

उसी समय बार्डर से कुछ मील अन्दर रेगिस्तान मे कुछ कबाईली गहन वार्ता मे डूबे हुए हुए थे। एक वृद्ध सामने एकत्रित जवानों को समझाने की कोशिश कर रहा था।उनकी चौकी पर आक्रमण करके तुमने अच्छा नहीं किया। अब वह भी चुप नहीं बैठेगें।अब्बाजान, हम भी तैयार है। यह लड़ाई आज की नहीं है। अमीरात ने हमारी जगह पर नाजायज़ कब्जा कर रखा है। जब अंग्रेज इस जगह को छोड़ कर गये थे तब यह हिस्सा हमारा था। साउदी शाह आलम ने उन अमीरों के साथ संधि करते हुए साफ कहा था कि वह हिस्सा हमारा है। परन्तु अमीरों ने तेल के लालच मे अमरीका की मदद से हमसे हमारा हक छीन लिया और अब वह हमारे तेल के मुनाफे से वहाँ के सात अमीर अपनी ऐयाशियों पर लुटा रहे है।बेटा तुम सही कह रहे हो। परन्तु हमारी जंग उन सैनिकों से नहीं है। हमारी जंग उन सात अमीरों से है। मुझे साऊदी शाह ने भरोसा दिलाया है कि वह अमीरात के सातों अमीरों के खिलाफ जल्द ही कार्यवाही करेगा।अब्बाजान आप अपनी सपने की दुनिया से बाहर कब आएँगें। ऐसा कुछ नहीं होने वाला क्योंकि पिछ्ले पचास सालों से साऊदी शेख ने आपको इसी बात का दिलासा दिया है। जब आज तक खाड़ी के देश यहूदियों के कब्जे से फिलीस्तीन को नहीं बना सके तो क्या आप सोचते है कि यह लोग हमारा हक दिलवाएँगें। सारे बैठे हुए लोगों ने उस युवक के तर्क का समर्थन किया।

बहुत देर से एक अंग्रेज सा दिखने वाला व्यक्ति कबाईली वेशभूषा मे उनके बीच चुपचाप सबकी बात सुन रहा था। वह उठ कर खड़ा हुआ तो सारे शान्त हो गये। बिरादर, अब हमे साउदियों की ओर देखने की कोई जरूरत नहीं है। मेरी सरकार और हमारे मित्र देशों ने अबकी बार इस लड़ाई के लिए पैसों और हथियारों से मदद करने का वायदा किया है। आप अपनी इस मुहिम के लिए भारी संख्या मे युवाओं को एकत्रित किजीए और मै आपको यकीन दिलाता हूँ एक दिन इस जगह पर आपका शासन होगा। जिस दुबई, अबु धाबी, शारजाह व अन्य शहरों के वैभव को देख कर यह अमीर इठलाते है, वह दिन दूर नहीं कि हम उन्ही शहरों को इनकी कब्रगाह मे तब्दील कर देंगें। उनके तेल के कुएँ ही उनकी सबसे बड़ी कमजोरी है। हम उनकी इसी कमजोरी का फायदा उठाऐंगें और देखिएगा कि वह सात चूहे कितनी जल्दी इस जगह को छोड़ कर यहाँ से भाग खड़े होंगें। वह वृद्ध हताश सा हो कर एक ओर बैठ गया। वह समझ चुका था कि अब उसकी कोई बात इन युवाओं के समझ मे नहीं आने वाली थी।

साउदी अरब

उसी समय जेद्दाह की आलीशान इमारत मे कुछ शेखों के बीच कतर के अमीर के खिलाफ एक चर्चा चल रही थी। कतर का अमीर इबने बशीर उल तवाकुल ने कल ही इरान के साथ एक तेल के उत्पादन पर एक समझौता किया है। वह अब हमे खुले रूप से चुनौती देने पर अमादा है। हमें जल्द से जल्द कुछ करना पड़ेगा वर्ना खाड़ी के अन्दर हमारे खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो जाएगी। जनाब आप ही साऊदी सरकार से बात किजिए और कतर के खिलाफ पाबन्दी लगवाईए।यह करना इतना आसान नहीं है। कतर भी कुवैत की तरह अमरीका का पिठ्ठू राष्ट्र है। क्या अमरीका इस बात के लिए राजी होगा? …जनाबे आला अगर आप चाहे तो क्या कुछ नहीं हो सकता। अमरीका को बस इतना विश्वास दिलाने की जरूरत है कि कतर के अमीर ने रूस के साथ कोई सैन्य समझौता किया है। उसके बाद अगर साऊदी फौज आगे बढ़ कर कतर पर कब्जा कर लेगी तब भी अमरीका कुछ नहीं बोलेगा। उनमे बैठे हुए एक वृद्ध से शेख ने सबकी बात काटते हुए कहाआप लोग बहुत समझदार लोग है। लेकिन फिलहाल नये नियुक्त प्रिंस अभी अपनी जगह को मजबूत करने मे लगे हुए है। शाह आलम बिना उसकी मर्जी के कुछ नहीं करने वाले। मेरी राय है कि हमें कुछ दिन शान्त रहना चाहिए। मै सीआईए के डायरेक्टर कोहेन से बात करता हुँ कि वह कोई ऐसी कार्यवाही करने के लिए युक्ति निकाले। अगर अमरीकी राष्ट्रपति अपने शाह आलम पर दबाव बनाता है तो फिर कतर के खिलाफ कार्यवाही करने मे किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी। सभी ने मिल कर उस वृद्ध का समर्थन किया और फिर बैठक बर्खास्त हो गयी।

वह वृद्ध शेख और कोई नहीं साऊदी शाह आलम का चीफ आफ इन्टेलीजेन्स अबक्र उल सुलेमान था। वह शाह आलम की खाला का लड़का था और दूर के रिश्ते से शाह आलम का साला लगता था। उसकी राज घराने मे अच्छी पकड़ थी। अल बक्र ने इमारत के बाहर निकलते ही अपने मोबाईल से किसी का नम्बर मिलायाजनाब अल बक्र बोल रहा हूँ। आज आपके खिलाफ कुछ मंत्रियों की बैठक हुई है। वह आपके खिलाफ साउद घराने को कार्यवाही करने की पुरजोर कोशिश मे लगे हुए है। शाह आलम के कहने पर मै आज इस बैठक मे सम्मिलित हुआ था। अभी के लिए तो मैने उन्हें टाल दिया है लेकिन लगता है कि नये प्रिंस ने उनको शह दी है। अपने अमरीकी संबंध को तुरन्त मजबूत किजिए। इतना बोल कर उसने अपना फोन काट दिया। अल बक्र जल्दी से सामने खड़ी हुई लम्बी सी काली कार में बैठ गया और जल्द ही अपने गंतव्य दिशा की ओर चल दिया।

एक व्यक्ति जो अभी तक उस आलीशान इमारत के गेट के पास खड़ा हुआ अली बक्र को जाते हुए देख कर अपने मोबाईल से किसी व्यक्ति से संपर्क स्थापित कियाजनाब, अली बक्र निकल चुका है। आज की बैठक मे कतर के खिलाफ कार्यवाही को अली बक्र ने अपने हाथ मे ले लिया है। उसका कहना है कि वह सीआईए की मदद लेकर शाह आलम पर दबाव बनाएगा कि वह कतर के खिलाफ कार्यवाही करे। जनाब, मुझे नहीं लगता कि वह इसके बारे मे कुछ करने वाला है। बाहर निकलते ही उसने किसी को फोन किया था। मेरे लिए कोई नयी हिदायत? दूसरी ओर से किसी ने कहाअली बक्र पर नजर रखो और मुझे उसके पल-पल की सूचना दो।जी जनाब। इतना बोल कर दूसरी ओर से उसने लाइन काट दी। वह व्यक्ति तेजी से एक कार जिस पर साऊदी सरकार का शाही चिन्ह लगा हुआ था उसकी ओर बढ़ गया और उसमे बैठ कर अली बक्र की दिशा की ओर चल दिया।

मध्य एशिया का सीआईए स्टेशन चीफ माइक बर्न रियाध स्थित अमरीकन ऐम्बैसी के एक कमरे मे बैठ कर अपने साथियों से बातचीत कर रहा था।अमीरात से क्या खबर है? …सर, वहाँ का अमीर अपनी सीमाओं को लेकर काफी चिंतित है। साउदी अरब की मदद से वह अभी तक हालात को काबू मे रखे हुए है लेकिन बार्डर पर लगातार हालात खराब होते जा रहे है। माइक बर्न कुछ देर तक उनकी चुपचाप सुनता रहा और फिर एकाएक अपनी मेज थपथपा कर बोलामेरे पास सूचना आई है कि साउदी प्रिंस किसी बड़े षड्यंत्र को रचने मे लगा हुआ है। उसका टार्गेट कतर लग रहा है। मेरा अनुमान है कि वह सद्दाम हुसैन की भाँति कतर को आगे चल कर अपने कब्जे मे लेने की सोच रहा है। जब से तेल की कीमतों मे गिरावट आयी है तभी से वह कतर के तेल पर अपनी निगाहें जमाए हुए है। कतर के अमीर ने मुझे आज ही इस बात से आगाह किया है। मै चाहता हूँ कि तुम लोग साउद घराने मे अपने पिठ्ठुओं से फौरन संपर्क स्थापित करके इस बात की पुष्टि करवाईए। …लेकिन सर? …फिलहाल के लिए अमीरात को जलने दो क्योंकि जब आग उन अमीरों के घर तक पहुँचेगी तभी वह हमसे मदद की याचना करेंगें।सर, संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना इस काम मे रोड़े अटकाएगी। माइक बर्न ने एक ठहाका लगाया और फिर मुस्कुरा कर बोलाउनकी चिन्ता छोड़ो। हमारे लिए उनका यहाँ होना बेहद फायदेमंद है। उनके सैनिकों की मौत हमें हमारे लक्ष्य के निकट ला रही है। खबर मिली है कि कल रात एक फिदायीन हमले मे उनके कुछ सैनिक मारे गये हैइस वक्त उनकी सेना का मनोबल टूटता हुआ लग रहा है। हमें बस सही मौके ताक मे लगे रहना चाहिए लेकिन साउदी प्रिंस के उपर अंकुश लगाना भी जरूरी होता जा रहा है। वह अपनी बेवकूफी के कारण हमें इस युद्ध की अग्नि मे न झोंक दे। उसके हर कदम पर नजर रखने की जरूरत है।सर, खबर आ रही है कि अमीरात के अमीर ने फ्रांस के साथ सैन्य संधि पर हस्ताक्षर करने का मन बना लिया है।हाँ, इसी कारणवश तो हमारी मदद से उनकी सीमाओं मे अराजकता फैली हुई है। ध्यान रहे कि अभी हमें सिर्फ दूर से उन छोटे-छोटे समूहों की मदद करनी है। माइक बर्न अपनी जगह से एकाएक उठ कर बोलाठीक है आप सब अपने-अपने कामों मे लग जाईए और वहाँ होने वाली हर घटना पर नजर रखिए। सब लोग धीरे-धीरे उठ कर बाहर निकल गये तब माइक बर्न ने हाट लाइन पर पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट सीआईए के डायरेक्टर कोहेन को देने मे जुट गया।

अबु धाबी     

उसी समय मै अपने कमांडिंग अफसर के कमरे मे खड़ा हुआ था।उस चौकी पर हमारे आठ सैनिकों की निर्मम हत्या की गयी है। मेरा गनर रेड के दौरान मारा गया। अब हमारे लिए उस क्षेत्र मे बिना सैन्य कार्यवाही के शांति रखना नामुम्किन हो गया है। मारा गया आदमी उज्बेक था और उसके साथ मारी गयी एक फिलीस्तीनी महिला थी। मुझे लगता है कि दो आतंकवादी पूरी चौकी को कब्जे मे नहीं ले सकते थे। आखिरी रिपोर्ट के आधार पर कल रात बार्डर के उस पार काबाईलियों का जमावड़ा देखा गया था। मेरा अनुमान है कि चौकी पर उन्होंने हमला किया होगा और सबको मारने के बाद उन दोनों को चौकी सौंप कर उनके साथी वापिस बार्डर के पार कर चले गये होंगे। जनरल मोर्गन की भाव भंगिमा पर हल्की सी शिकन दिखाई नहीं दे रही थी। वह चुपचाप मेरी बात सुन कर बोलेहम शांति सेना है और कुछ नहीं। सैन्य कार्यवाही की इजाजत नहीं दी जा सकती। जो लोग मारे गये है उनके लिए मुझे अफसोस है लेकिन हम इससे ज्यादा कुछ नहीं जर सकते। मेजर आप खुशकिस्मत हो कि आपके और आपके साथियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी। आपने बिना मुझसे पूछे चौकी पर कब्जा करने की कोशिश क्यों की थी? मेरी ओर देखे बिना उसने कहामेजर अब आप जा सकते है। उसका जवाब सुन कर एक पल के लिए मेरे तनबदन मे आग सी लग गयी थी।

सर मुझे कुछ पूछने की इजाजत दी जाए। जनरल मोर्गन ने मेज पर अपना ध्यान हटा कर अपनी पीठ को कुर्सी का सहारा लेते हुए मेरी ओर देखते हुए कहाहाँ बोलो मै सुन रहा हूँ।सर, क्या आपने कभी कोम्बेट आप्रेशन्स मे हिस्सा लिया है? एक पल के लिए वह मुझे घूरता रहा और फिर कड़कती हुई आवाज मे बोलाक्या बकते हो? अचानक उसके चेहरे पर बनी हुई बनावटी सौमय्ता गायब हो चुकी थी और उसकी जगह क्रोध झलक रहा था।सर, जब अपने साथी बेवजह मारे जाते है तो कुछ ऐसा ही क्रोध मै भी महसूस करता हूँ। यह लड़ाई न मेरी है न आपकी। फिर भी हमारे लोग व्यर्थ मे मारे जा रहे है। मुझे समझ मे नहीं आ रहा कि हम यहाँ पर क्या कर रहे है। पल भर मे ही वही बनावटी सौम्यता उसके चेहरे पर वापिस आ गयी थी। मै जानता हूँ कि तुम इस वक्त कैसा महसूस कर रहे हो। हम लोग एक ऐसे झंडे के तले काम कर रहे है जिसके उपर 182 राष्ट्र का विश्वास है। यह हमला तुम पर नहीं हुआ है बल्कि उन 182 राष्ट्रों पर किया गया जिसने शांति स्थापित करने के लिए तुम्हे और मुझे यहाँ पर भेजा है। इसीलिए हमारा फर्ज है कि हम उनके विश्वास को बर्करार रखे। मै जाने के लिए मुड़ा ही था कि जनरल मोर्गन अपनी कुर्सी छोड़ कर खड़ा हो गया।

वह धीरे से कदम बड़ाते हुए मेरी ओर आते हुए कहायह सारा फसाद तेल के लिए हो रहा है। कोई अपने हक के लिए लड़ रहा है और कोई तेल पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए लड़ रहा है। कुछ लोग ज्यादा मुनाफे के लिए आग भड़काने पर तुले हुए है और कुछ उस मुनाफे मे अपनी हिस्सदारी के लिए उस आग को हवा दे रहे है। संयुक्त अरब अमीरात सात अमीरातों का समूह है। अबू धाबी, अजमान, दुबईफुजाइराह, रस अल-खैमाय, शारजाह और उम्म अल-क्युवैइन मिल कर संयुक्त अरब अमीरात बनाते है। यह क्षेत्र दुनिया मे तेल के भंडार का छ्ठा सबसे बड़ा स्त्रोत है। इस क्षेत्र पर सात अमीरों का साझा कब्जा है लेकिन हर अमीर अपने लालच के चलते दूसरे अमीरों के खिलाफ षड़यंत्र रच रहा है। अपनी जान और माल को बचाने के लिए वह ताकतवर देशों के हाथों की कठपुतली बना हुआ है। जब तक साझा कार्यक्रम उनको मुनाफा मे हिस्सा दे रहा है तब तक वह एक समूह की तरह बने हुए है लेकिन जिस दिन उन्हें लगा कि अलग रह कर वह ज्यादा मुनाफा कमा सकते है उसी दिन वह खुद ही इस समूह का अन्त कर देंगें। दूसरी ओर समूह की वजह से उनके पड़ौसी देशों के सीने पर साँप लोट रहा है क्योंकि मध्य एशिया मे उनकी ताकत समूह की ताकत के सामने कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है। इसी लिए वह इस क्षेत्र मे अराजकता फैलाने के लिए वह लोग तत्पर है। अफसोस की बात है कि अंग्रेजी हुकूमत से आजाद होने के बाद भी यह पूरा क्षेत्र फिर से कबाईलियों के हाथ मे चला गया है। वह चाहे कितने ही पैसे वाले बन जाए या कितनी भी तरक्की कर ले लेकिन अपने डीएनए को तो नहीं बदल सकते। उनका स्वभाव ही ऐसा है कि वह सिर्फ तलवार के जोर पर भरोसा करते है। शायद दुनिया यह बात जानती है और इसीलिए यहाँ पर दुनिया हमारी जरूरत महसूस करती है।

मेरे कन्धे पर पहली बार हाथ मारते हुए जनरल मोर्गन एक पल के लिए भूल गये थे कि वह अपने स्टाफ आफीसर से बात कर रहे थे।माई बोय, मेरे कन्धों ने न जाने कितने साथियों का बोझ उठाया है। अपने आप को इससे भी बड़ी जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार कर लो। मै उनकी बात सुन कर एक पल के लिए अपनी जगह पर हतप्रभ सा खड़ा रह गया था।मुझे खबर मिली है कि आईसिस के लोग उम्म अल-क्युवैइन के बार्डर पर कुछ उत्पात मचाने की योजना बना रहे है। अपनी चौकी पर सावधान रहने की खबर कर दो और कल सुबह तुम वहाँ की चौकी का निरीक्षण करने के लिए निकल जाओ।सर, अगर वहाँ के हालात भी वैसे ही मिले उस स्थिति मे चौकी को अपने कब्जे मे लेना है कि नहीं? मेरा सवाल सुन कर वह एक पल के लिए मुस्कुराये और फिर मेरे कन्धे पर हाथ मार कर बोलेमेजर कोशिश करना कि ग्रेनेड का इस्तेमाल न हो लेकिन अगर लगे कि उसके बिना काम नहीं चल सकता तब उस हालत में वही करना जो तुम ठीक समझते हो। इतना कह कर वह मुझे वहीं छोड़ कर बाहर निकल गये। मै अपने सीने पर अपने खोये हुए साथियों का बोझ उठाये धीमे कदमों से चलता हुआ अपने आफिस की ओर चल दिया।

अगली सुबह अपने आप को कोसते हुए उसी नर्क मे एक बार फिर से झुलसता हुआ उम्म अल-क्युवैइन स्तिथ चौकी के निरीक्षण के लिए निकल गया था। वही रेत के टीले, वही आँखें चुंधिया देने वाली रौशनी और झुलसाती हुई गर्मी मे मेरी नीले रंग की बख्तरबंद जीप सड़क पर दौड़ रही थी। हमेशा की तरह मेरी युनीफार्म पसीने से भीग चुकी थी। यही हाल जीप मे सवार सभी का हो गया था। आज भी सुच्चा सिंह मशीनगन पर पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात था लेकिन कुछ नये साथी मेरे पीछे की सीट पर बैठे हुए थे। दो दिन पहले की घटना के कारण सभी के चेहरों पर तनाव साफ विदित हो रहा था। हम सभी जीतेजी इस नर्क को भोगने के लिए बाध्य थे। 


20 टिप्‍पणियां:

  1. OmG ... hoe are you vir. Where you have disappeared. Hope all well with you.

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  2. please sent me your CIA and next one in pdf format as every thing is not available in this blog. My id is arvindkdhaka@gmail.com

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  3. Sir love to see you again after so long time...plz mail me the pdf of cia at anjay.srivastava@gmail.com

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  4. Hello vir bhai,kesey ho aap,kaha they itney din,pls send me cia pdf,plese

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  5. hello vir bhai kaha ho yaar aap to gayab hi ho gaye

    aapse request hai ki aap Nizame mustafa aur CIA ko meri id par send kar de dhanyavad

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  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  7. वीरभाई पहले तो आप और आपकी पुरी फॅमिली को नये सालकी दिलसे ढेर सारी शुभकामना.💐💐💐💐 आप और पुरा परिवार सकुशल रहे यही भगवानसे प्रार्थना🙏
    अब मेरे स्वार्थ की बात😁आपके सारे मिशन की pdf मुझे चाहीये,प्लिज आप मेरे ई-मेल पे भेजे. prashantdhumal2@gmail.com

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  8. जीन दोस्तोंको विरभाईकी तालिबान और अफगाण की pdf चाहीये वो मुझे prashantdhumal2@gmail.com पे मेल करे.

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  9. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  10. Sir please send me your all stories pdf in my email
    pawarashvinee@ymail.com

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