बुधवार, 17 अप्रैल 2024

  

शह और मात- प्रस्तावना

 

नाल्तार घाटी, आजाद कश्मीर

पाकिस्तान एयरफोर्स के कानफ्रेन्स रुम मे पाकिस्तान और चीन की सेना के उच्चाधिकारियों के बीच गहन चर्चा चल रही थी। चीन के पश्चिमी कमान का जीओसी जनरल शेनजेन ने जनरल फैज की ओर देखते हुए कहा… आपकी सेना हमारे लोगों को सुरक्षा देने मे अस्मर्थ है। आपके लोग आये दिन हमारे काम मे बाधा डाल रहे है। कभी वह सड़क पर आकर सारा काम ठप्प कर देते है और कभी हमारे लोगों को धमका कर साईट से भगा देते है। वैसे ही इतना मुश्किल पहाड़ी रास्ता है और उस पर आपके लोगों का विरोध हमारे काम को गति पकड़ने से रोक रहा है। तेहरीक-ए-तालिबान के फिदायीन आये दिन हमारे कैंपों पर हमला कर रहे है जिसके कारण हमे जान और माल का काफी नुकसान हो रहा है। अगर आप इनको रोकने मे नाकामयाब रहे तो फिर हमे काम रोकना पड़ेगा। मेरा सुझाव है कि इस हिस्से की सुरक्षा का जिम्मा आप हमारी सेना के हाथ मे दे दिजीये। जनरल फैज के बजाय आजाद कश्मीर के गवर्नर शेख राशिद जब्बार खान ने कहा… हम आपकी सेना को यहाँ हर्गिज नहीं आने देंगें। वैसे ही स्कार्दू एयरबेस पर तैनात आपकी फौज ने क्या वहाँ की आवाम पर कम अत्याचार किया है। नहीं जनाब इनको यह छूट मत दिजीयेगा। जनरल फैज ने जल्दी से कहा… शेख साहब, फिलहाल हमारा ऐसा कोई विचार नहीं है। अभी तक पाकिस्तान फौज की देखरेख मे ही सारा काम चल रहा है।  जहाँ तक मेरे पास खबर है कि चीनी कामगार अंधेरे की आढ़ मे कैंप से बाहर जाते है। ऐसे लोगों को हम सुरक्षा नहीं दे सकते। हमारी सेना एक तरफ जंगी तंजीमो से आपके लिये टकरा रही है और दूसरी ओर इस परियोजना के विरोध मे भारतीय साजिश को लगातार नाकाम कर रही है।

अचानक पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दोनो की बहस को रोक कर कहा… जनरल शेनजेन यह सड़क जितनी हमारी जरुरत है उससे कहीं ज्यादा यह आपकी जरुरत है। ग्वादर पोर्ट को आप्रेशनल बनाने के लिये के आपको इस सड़क परियोजना को जल्दी से जल्दी पूरा करना चाहिये। इसलिये फिजूल के आरोप और प्रत्यारोप एक दूसरे पर लगा कर समय मत गँवाइये। जनरल शेनजेन बोला… जनरल फैज लगता है कि आपने स्कार्दू से सबक नहीं लिया है। मै एक बार फिर से यही कहूँगा कि मेरी सरकार का यही मानना है कि अपनी जान और माल की सुरक्षा के लिये हमारी सेना का यहाँ पर होना जरुरी है। जनरल फैज कुछ देर तक चुप रहा और फिर धीरे से बोला… मै आपकी बात को जनरल महमूद के सामने रख दूँगा और वही इस बात का फैसला लेंगें लेकिन फिलहाल जनरल महमूद ने पूछा है कि अगली किस्त कब तक रिलीज होगी? जनरल शेनजेन ने मुस्कुरा कर कहा… जब तक इस बात का फैसला नहीं हो जाता तब तक अगली किस्त रिलीज नहीं हो सकेगी। मै उम्मीद करता हूँ कि आप मेरा संदेश उन तक पहुँचा देंगें। जनरल फैज ने खिसियाई मुस्कुराहट दिकखते हुए धीरे से अपना सिर हिला दिया था।  

नयी दिल्ली

शाम को आफीसर्स मेस मे तीन आदमी बैठ कर किसी गहन समस्या पर चर्चा कर रहे थे। …अजीत, सेना की ओर से मिली योजना को कार्यान्वित करने का समय आ गया है। सर्जिकल स्ट्राईक्स के लिये उन्होंने अपना एक्शन प्लान सौंप दिया है। इसमे मेजर की क्या भुमिका होनी चाहिये? …वीके, उसे आने दो तब इस बात पर चर्चा करेंगें। उसके आप्रेशन अज्ञातवीर को ग्रीन सिगनल मिल गया है परन्तु उसने अभी तक इसके बारे मे कोई जानकारी नहीं दी है कि वह कब और कैसे उस आप्रेशन को लाँच करेगा। जनरल रंधावा ने कहा… वह कैप्टेन अदा के अपहरण के कारण काफी तनाव मे है। जब से जोरावर बाटामालू का नाम सामने आया है तभी से उसने चुप्पी साध ली है। अब उसने मुझसे इस बारे मे बात करना भी बन्द कर दिया है। वह आ रहा है तो आप्रेशन के बारे मे पूछने से पहले कैप्टेन अदा के बारे मे भी बात कर लेना। …लो शैतान को याद करो और शैतान हाजिर। मेस मे प्रवेश करते ही मेरी नजर उन तीनो पर पड़ गयी थी। उनके निकट पहुँच कर हमेशा की तरह मैने सैल्युट किया और फिर उनके साथ बैठ गया। जनरल रंधावा ने काउन्टर की ओर इशारा किया तो वेटर तुरन्त मेरे सामने एक व्हिस्की का ग्लास रख कर लौट गया था। आज तीनो बेहद संजीदा लग रहे थे। आफीसर्स मेस मे मैने उन्हें पहले कभी इतना संजीदा नहीं देखा था। मेरे दिमाग मे खतरे की घंटी बजने लगी थी।  

अजीत सर ने एक घूँट भर कर पूछा …समीर, तुमने सेना की विस्तृत योजना देख ली है। …जी सर। …उसके बारे मे क्या कहना चाहते हो? एक पल के लिये मै चुप हो गया और जल्दी से अपने ग्लास से घूँट भर कर गला तर करके बोला… सर, आप हमेशा मेरी रिपोर्ट का हवाला देते है परन्तु जब भी कोई योजना बनाते है तब आप मेरी एक बात को हमेशा अनदेखा कर देते है। मैने अपनी रिपोर्ट मे साफ कहा है कि जब तक उनकी सेना को जान और माल की हानि नहीं होगी तब तक सदैव हम उनके निशाने पर बने रहेंगें। इस बार भी सेना की सर्जिकल स्ट्राईक्स के निशाने पर दो कौड़ी के जिहादी और उनके लाँच पैड्स है। इससे उनकी सेना और आईएसआई पर क्या फर्क पड़ेगा? मेरी तो यही सलाह है कि उनके लाँच पैड्स के बजाय हमे उनकी सेना की दस चौकियों को ध्वस्त कर देना चाहिये। जब उनकी वर्दी खून से लाल होगी तब उनको हक डाक्ट्रीन की सही कीमत पता चलेगी। मेरी बात को बीच मे काट कर अजीत सर बोले… समीर, मै तुम्हारी भावना को समझता हूँ परन्तु पाकिस्तानी चौकी को निशाना बनाने से युद्ध की स्थिति बन सकती है। क्या हम युद्ध के लिये तैयार है? तभी वीके ने कहा… मेजर, तुम्हारे आप्रेशन अज्ञातवीर को ग्रीन सिगनल दिलवाने के पीछे हमारी यही मंशा थी। उनकी सेना और आईएसआई को जान और माल की हानि जरुर होगी परन्तु वह युद्ध की स्थिति मे परिवर्तित नहीं हो सकेगी। युद्ध किसी के हित मे नहीं है, खासकर हमारे हित मे तो बिलकुल नहीं है। वह तो अपनी करनी के कारण निरन्तर बर्बाद हो रहे है परन्तु हम उनके साथ बर्बाद होने के लिये तैयार नहीं है।

जनरल रंधावा मेरे कन्धे पर हाथ रख कर बोले… पुत्तर, सेना की सर्जिकल स्ट्राईक्स की योजना के बारे क्या सोचा है? …सर, उनके स्ट्राईक मिशन के तीन फेज है- रीकान, घुसपैठ व हमला और फिर निकासी। स्पेशल फोर्सिज के लिये सीमा पार करके यह सब करना कोई मुश्किल बात नहीं है। मुझे उनकी योजना मे बस एक बात समझ मे नहीं आयी कि उनकी रीकान टीम लौट कर आयेगी और फिर उचित समय पर दोबारा घुसपैठ करेगी। रीकान पार्टी को वहीं रुक कर घुसपैठ टीम का मार्गदर्शन करना चाहिये। अजीत सर ने तुरन्त पूछा… मेजर तुम्हारे कहने का मतलब है कि रीकान टीम और अटैक टीम अलग-अलग होनी चाहिये। …यस सर। एक बार सीमा पार करना ही मौत के मुँह मे जाने जैसा है। आप अपनी टीम को दो बार मौत के मुँह मे भेजने की सोच रहे है। तीनो ने मेरी बात का समर्थन करते हुए अपना सिर हिला दिया था। …सर, उन्होंने बारह लाँच पैड्स को चिंहनित किया है। मेरा ख्याल है कि बेहतर होगा कि इस नम्बर को घटा का पाँच-छह उन स्थानों पर किया जाये जहाँ जिहादियों की संख्या ज्यादा है और जहाँ से सुरक्षित निकासी आसान है। मेरा मतलब वह लाँच पैड्स जो हमारी सीमा के बहुत करीब है। कुछ देर सोचने के पश्चात अजीत सर ने कहा… ठीक है। हम इसके बारे मे सेना की टीम से बात करके कोई निर्णय लेंगें। इसी के साथ हमारी बातचीत का विषय बदल गया था।

अफगानिस्तान

पाक-अफगान सीमा के पास कहीं एक सुनसान जगह पर कुछ चन्द कबायलियों और सेना अधिकारियों के बीच गोपनीय मीटिंग चल रही थी। …ब्रिगेडियर साहब की ओर से कुछ महीने से कोई खबर नहीं आयी है। पिछली बार वह जब आये थे तो उन्होंने वादा किया था कि वह पाकिस्तान-चीन सड़क परियोजना के बारे मे वह हमारे लिये एक पुख्ता योजना लेकर आएँगें। …भाईजान, गिल्गिट और बाल्टिस्तान मे पश्तून आबादी इस सड़क परियोजना के खिलाफ है और लगभग यही हाल बलूचिस्तान का भी है। जिन जियांग के तुर्क लड़ाके भी चीन की इस परियोजना का विरोध कर रहे है। …बिरादर, आप सभी जानते है कि चीन को रोकना हमारे अकेले के बस की बात नहीं है जब तक कि कोई दुनिया की महाशक्ति इस मुहिम मे हमारा साथ देने के लिये तैयार न हो जाये। कतर मे तालिबान और तेहरीक का मुख्य नेतृत्व भी अमरीकन एस्टेब्लिशमेन्ट से इस विषय पर बात कर रहे है। …भाईजान यह बातें कब तक चलेंगी? पाकिस्तान की फौज लगातार हमारे लोगों को मार रही है। पिछले तीन महीने मे पाकिस्तानी फौज ने गिल्गिट, वजीरीस्तान और बलूचिस्तान मे आप्रेशन करके लगभग हमारे तीन हजार भाईयों को मारा है। अब वहाँ के लोगों मे पाकिस्तान के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। अब बातचीत का समय निकल गया है। हमे अब हथियार चाहिये। अफगान तालिबान की ओर से गनी ने भरोसा दिलाते हुए कहा… बिरादर, तेहरीक और तालिबान की ओर से मै विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि इस जंग मे हम आपके साथ खड़े हुए है। अमरीका के कारण फिलहाल इस मामले मे हम कोई जंग छेड़ने की स्थिति मे नहीं है। अमरीका चाहता है कि अफगानिस्तान से बाहर निकलने से पहले यहाँ पर शांति बहाल होनी चाहिये। …भाईजान पिछले तीन महीने से हम लोग शांत बैठे हुए है। वह तो पाकिस्तानी फौज के कारण हमारे इलाकों मे अशांति फैली हुई है।

एक आदमी जो अभी तक चुप बैठ कर सारी बात सुन रहा था वह बोला… जब तक इस इलाके मे अशांति रहेगी तब तक पाकिस्तान को राहदारी के अमरीकी डालर मिलते रहेंगें। एक बार शांति स्थापित हो गयी तो डालर आने भी बन्द हो जाएँगें। इसीलिये हमारी पहली प्राथमिकता अमरीका को अफगानिस्तान से बाहर निकालने की है। वहाँ पर बैठे हुए सभी लोगो ने अपनी हामी भरते हुए इस बात का अनुमोदन किया तो वही आदमी बोला… इसलिये भारत की ओर से ब्रिगेडियर चीमा को यहाँ लाया गया था। वह आपकी अपरोक्ष रुप से इस परियोजना को रोकने मे आप लोगों का साथ देंगें परन्तु उनकी एक ही शर्त थी कि तब तक अफगानिस्तान मे शांति रहनी चाहिये। …श्रीनिवास साहब, आप ठीक कह रहे है परन्तु ब्रिगेडियर साहब कहाँ है? बेचारा श्रीनिवास भी इतने दिनों से इस प्रश्न का उत्तर खोज रहा था। … मैने इस बात की खबर दिल्ली भेज दी है। जल्दी ही हमे इसका जवाब मिल जाएगा लेकिन तब तक अफगानिस्तान शांत रहना चाहिये।

तेहरीक-ए-तालिबान की ओर से बैतुल्लाह का प्रतिनिधि अब तक खामोश बैठा सब की बात सुन रहा था। वह कुछ सोच कर बोला… भाईजान, आप सभी के लिये एक बुरी खबर है। हाल ही मे आईएसआई ने एक नये आप्रेशन गज्वा-ए-हिन्द का ब्लू प्रिंट तैयार किया है। उस आप्रेशन का उद्देश्य बहुमुखी है परन्तु उसका एक उद्देश्य हम सभी को प्रभावित करता है। आईएसआई इस वक्त तालिबान और तेहरीक मे दरार डालना चाहती है। इतना ही नहीं, वह तेहरीक और तालिबान के भारत के साथ रिश्ते को भी तोड़ना चाहते है। इसके लिये आखुन्ड्जादा की मदद से वह तेहरीक-ए-तालिबान हिंदुस्तान की स्थापना भारत मे करने की सोच रहे है। …बिरादर, बिना हमारी सहमति के भला वह कैसे हमारी शाखा हिंदुस्तान मे खोल सकते है? …जनाब, हमे इस पचड़े मे नहीं पड़ना चाहिये। हमे तो यह पता लगाना चाहिये कि आखिर इस आप्रेशन का असल उद्देशय क्या है। यह तो सही है कि अगर तेहरीक के नाम से हिंदुस्तान मे ब्लास्ट और फिदायीन हमले हुए तो भारत सरकार के साथ हमारे रिश्ते बिगड़ने की संभावना बढ़ जाएगी। एक बार फिर से सभी लोग इस मसले पर चर्चा करने बैठ गये थे।

नई दिल्ली

…बोलिये श्रीनिवास। …सर, यहाँ पर हालात बेहद तेजी से बदल रहे है। ब्रिगेडियर चीमा से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। पाकिस्तान-चीन सड़क परियोजना के कारण आजाद कश्मीर मे काफी रोष पनप रहा है। गिल्गिट और बाल्टिस्तान की आवाम पाकिस्तान सरकार के विरोध मे उतर आयी है। इस विरोध को कुचलने के लिये पाकिस्तानी फौज ने कड़े एक्शन लेना आरंभ कर दिया है। इस वक्त एक हल्की सी चिंगारी सारी तालिबान-अमरीकी वार्ता को ध्वस्त कर देगी। सीआईए ने सूचना दी है अगर जल्दी कुछ नहीं किया गया तो हालात बेकाबू हो जाएँगें। सर, ब्रिगेडियर चीमा का कुछ पता चला? …मैने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को सूचना दे दी थी परन्तु अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। …सर, आपको उनका कोई रिप्लेसमेन्ट जल्दी से जल्दी देना पड़ेगा। अमरीकन लगातार दबाव बना रहे है। दूतावास के कारण मै यहाँ के आप्रेशन्स को नहीं देख सकता। तीन मुख्य पार्टनर्स मे समन्वय बनाये रखने के लिये यहाँ पर एक फुल टाइम भारतीय प्रतिनिधि की आवश्यकता है। …श्रीनिवास, मै तुम्हारी सारी रिपोर्ट आज ही एनएसए के सामने रख दूँगा। …थैंक्स सर।

तिगड़ी बैठ कर पाकिस्तान-चीन सड़क परियोजना के मुद्दे पर विचार कर रही थी। एनएसए ने कुछ सोच कर कहा… गोपीनाथ ने खबर दी है कि सड़क परियोजना के कारण पाकिस्तान की जिहादी तंजीमों मे काफी रोष पनप रहा है। सीमा पार से सूचना मिली है कि इसको दबाने के लिये आईएसआई ने कश्मीर डेस्क को एकाएक सक्रिय कर दिया है। अब वह आप्रेशन गज्वा-ए-हिंद लांच करने की कोशिश कर रहे है। अब उसके बारे मे क्या करना है? वीके ने कहा… आप्रेशन खंजर मे शिकस्त खाने के बाद से मुझे लग रहा था कि जनरल फैज जरुर कोई बड़ी साजिश रचने की योजना बनायेगा। अब वह शायद गज्वा-ए-हिंद के आवरण मे कोई नयी साजिश को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है। इसी समय के लिये मै कोडनेम वलीउल्लाह को जिवित रखना चाहता था। काठमांडू की दुर्घटना ने हमारी दूरगामी योजना को ध्वस्त कर दिया। जनरल रंधावा ने हामी भरते हुए कहा… अजीत, कोडनेम वलीउल्लाह की सच्चाई जानने वाले फारुख और मकबूल का अंत हो गया है। हम अभी भी इसको चालू रख सकते है क्योंकि जनरल फैज को इसकी असलियत कौन बताएगा? अजीत तुरन्त बोला… कुछ दिनो से मै इसी लाईन पर सोच रहा हूँ लेकिन मै यह कैसे मान लूँ कि पाकिस्तानी एस्टेब्लिशमेन्ट को अभी तक कोडनेम वलीउल्लाह की सच्चाई का पता नहीं चला है?

तीनो अभी इसी मे उलझे हुए थे कि तभी अजीत की हाटलाईन बजने लगी… हैलो। …सर, मै गोपीनाथ बोल रहा हूँ। काबुल से खबर आयी है कि वहाँ के हालात बिगड़ते जा रहे है। पाकिस्तान फौज का तालिबान और तेहरीक के खिलाफ हमला जोर पकड़ता जा रहा है। इसके कारण पाकिस्तान के उत्तरी भाग मे पनपता हुआ रोष और विरोध की चिंगारी को सीआईए अपने फायदे के लिये उपयोग करना चाहती है और इसके लिये वह हमारे उपर लगातार दबाव बना रही है। उनका मानना है कि अगर यह अस्थिरता अफगानिस्तान तक पहुँच गयी तो फिर सारे किये कराये पर पानी फिर जाएगा। श्रीनिवास का कहना है कि हमे ब्रिगेडियर का रिप्लेसमेन्ट वहाँ पर जल्दी से जल्दी देना पड़ेगा। …गोपीनाथ, हम इसी बात पर चर्चा कर रहे है। तुम्हें जल्दी ही ब्रिगेडियर चीमा का रिप्लेसमेन्ट मिल जाएगा। इतना बोल कर अजीत ने फोन काट दिया। वीके और जनरल रंधावा की नजरें उस पर लगी हुई थी। …क्या हुआ अजीत? …उत्तरी पाकिस्तान मे सैन्य कार्यवाही होने के कारण हालात बिगड़ते जा रहे है। गोपीनाथ का कहना है कि उसे जल्दी से जल्दी ब्रिगेडियर का रिप्लेसमेन्ट चाहिये। …तो आप्रेशन अज्ञातवीर को लाँच करने का अब उप्युक्त समय आ गया है। एकाएक तीनो के चेहरों पर एक मुस्कान तैर गयी थी।

अमरीकन दूतावास, काबुल

सीआईए का दक्षिण एशिया का चीफ एंथनी वालकाट फोन पर किसी से बात कर रहा था। …सर, रा की ओर से देरी हो रही है। उनके प्रतिनिधि ने अभी तक सीमा पार गुटों से संपर्क साधने की कोई पहल नहीं की है। इधर हमने अफगानिस्तान मे सक्रिय कुछ तालिबान के गुटों के साथ संपर्क साधा है परन्तु वह हम पर विश्वास नहीं कर रहे है। मैने कल शाम को ही भारतीय एजेन्सी के प्रतिनिधी को हालात की जानकारी देकर तुरन्त एक्शन लेने के लिये कहा है। मै उनके जवाब का इंतजार कर रहा हूँ। क्या आप भारतीय एनएसए से इस मामले मे बात कर सकते है? दूसरी ओर से कुछ देर सुनने के पश्चात वालकाट ने कहा… सर, हम जो कर सकते है वह कर रहे है परन्तु पाकिस्तान की ओर से लगातार चरमपंथी तंजीमो पर हमारी योजना को विफल बनाने के लिये दबाव डाला जा रहा है। कतर मे आयोजित अगली मीटिंग की साइड लाईन मे मौलाना गनी और मुल्ला ओमर से अनौपचारिक तौर पर बात करने की कोशिश करुँगा। तभी दूसरी ओर नया निर्देश मिला तो वह जल्दी से बोला… ठीक है। अभी दो महीने मे यहाँ कुछ बड़ा नहीं होने वाला है। बस आपको एक बार भारतीय एनएसए से बात करनी पड़ेगी। इतनी बात करके उसने फोन काट दिया था।

तभी किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी तो वालकाट ने कहा… कम इन। एक महिला ने कमरे मे कदम रखा तो वालकाट ने उसे देखते ही पूछा… सूजन, क्या खबर है? …सर, हमारे पाकिस्तान आफिस ने खबर दी है कि पाकिस्तानी सेना अपने उत्तरीय क्षेत्रों मे दबाव बनाने के लिये जर्ब-ए-अज्म के जैसा आप्रेशन लांच करने की तैयारी कर रहे है। …क्या पाकिस्तान के पास जर्ब-ए-अज्म जैसा आप्रेशन लांच करने के लिये फिलहाल कोई संसाधन है? …सर, इसके लिये जनरल फैज आपसे मिलने का टाइम मांग रहा है। …तुम उसे बता दो कि मै कतर की मीटिंग के अयोजन मे व्यस्त हूँ। मै अगले हफ्ते इस्लामाबाद मे होने वाली मीटिंग मे आ रहा हूँ। मै तभी उससे भी मिल लूँगा। …यस सर। एक बात बतानी जरुरी है कि जनरल फैज का संदेश औपचारिक चैनल के बजाय इस्लामाबाद स्थित चीन के दूतावास मे कार्यरत फर्स्ट सेक्रेटरी ने कल शाम ब्रिटिश दूतावास की पार्टी मे मुझे दिया था। …कौन, वही फांग लियु वांग? …यस सर। …वह यहाँ क्या कर रही है?  …सर, वह दो दिन पहले एक चीनी डेलीगेशन को लेकर यहाँ आयी है। आज शाम को वापिस जा रही है। वालकाट सीट छोड़ कर कमरे से बाहर निकलते हुए बोला… सूजन, इस पर नजर रखना। मै राजदूत से मिलने जा रहा हूँ। इतना बोल कर वह बाहर निकल गया था।  

साउथ ब्लाक, नई दिल्ली

अजीत सुब्रामन्यम ने कहा… आप्रेशन अज्ञातवीर की क्या रिपोर्ट है? …सर, मेरा एक सुझाव है कि सेना की सर्जिकल स्ट्राईक मे मुझे रीकान की टीम के साथ भेज दिजिये। …सौरी, इसके लिये सेना तो क्या हम भी कभी तैयार नहीं होगें। यह उनका मिशन है और इसमे हमारी ओर से कोई दख्ल नहीं हो सकता। मैने तुम्हारे सुझाव उनके सामने रख दिये थे और वह उस पर नये सिरे से काम कर रहे है। तभी वीके ने कहा… मेजर, तुम्हारा मिशन ज्यादा महत्वपूर्ण है। भारत मे जिस हक डाक्ट्रीन को उन्होंने इस्तेमाल किया अब उनकी डाक्ट्रीन को उन्हीं पर इस्तेमाल करने का समय आ गया है। अब उन्हें भी ‘लो इन्टेसिटी कानफ्लिक्ट’ की कीमत पता चलना चाहिये। अजीत सर ने मुस्कुरा कर कहा… अल तक्किया का आधुनिक सनातनी स्वरुप? वीके ने हामी भरते हुए कहा… हाँ। अब तक की सरकारों की यही सोच बनी हुई थी कि मजबूत पाकिस्तान हमारे हित मे है परन्तु नयी सरकार अब इस सोच को बदल रही है। एक अशांत और कमजोर पाकिस्तान हमारे राष्ट्र के हित मे है। वह जब भी पुख्ता स्थिति मे होते है तभी उनके दिमाग मे नयी खुराफात सूझती है। कोडनेम वलीउल्लाह के अनुभव के कारण मै इसी नतीजे पर पहुँचा हूँ कि पाकिस्तान को इतना बर्बाद कर दिया जाये कि उसके अन्दर हमारे खिलाफ साजिश करने की क्षमता ही न रहे। अभी तक हमने तुम्हें डिफेन्सिव आफेन्स के लिये तैयार किया था लेकिन अब हम तुम्हें आफेन्सिव डिफेन्स को कार्यान्वित करने के लिये कह रहे है। जनरल रंधावा ने तुरन्त कहा… अजीत, मुझे लगता है कि वीके का दिमाग पटरी से उतर गया है। अबकी बार मै बोला… नहीं सर, वीके सही दिशा मे सोच रहे है। अब खून हमारी धरती के बजाय उनकी धरती पर बहेगा। हमने अपनों का बहुत खून बहा लिया परन्तु अब उनकी बारी है। वीके ने जल्दी से कहा… दैट्स माई बाय। अब तुम अपनी रिपोर्ट को आधार बना कर आगे का काम आरंभ करो।

…सर, मैने अपनी छह सदस्यीय टीम का चयन कर लिया है। वह कल शाम को काठमांडू से दिल्ली आ रहे है। अगले एक महीने मे उनका प्रशिक्षण व पेपर्स तैयार करके उन्हें पाकिस्तान भिजवाने का इंतजाम करवा दिजिये। अजीत सर ने जनरल रंधावा की ओर देखते हुए कहा… क्या यह काम एक महीने मे हो जाएगा। जनरल रंधावा ने सिर हिलाते हुए कहा… अगले तीन दिन के बाद एसपीजी के लिये बीस एजेन्ट्स का चयन प्रतियोगिता हो रही है। सेना, पैरामिलिट्री और पुलिस के सबसे जांबाज सिपाही उसमे भाग लेंगें। मै उन छह सैनिकों को भी उनके साथ रखवा देता हूँ। दो हफ्ते मे उनकी शारिरिक व मानसिक परीक्षा के साथ गुरिल्ला सैन्य क्षमता का परीक्षण भी हो जाएगा। इसी बीच उनके कागज व यात्रा की तैयारी भी हो जाएगी। तभी वीके ने कहा… यह मत भूलो कि दो दिन के बाद हम सभी को कमांड सेन्टर मे उपस्थित रहना है। मैने वीके की ओर देखा तो उन्होंने मुस्कुरा कर कहा… सेना दो दिन के बाद सर्जिकल स्ट्राईक का लांच कर रही है। वीके का यह खुलासा सुन कर मै चौंक गया था। मुझे किसी ने कोई सफाई नही दी परन्तु अजीत सर बोले… समीर, तुम भी कमांड सेन्टर मे उपस्थित रहोगे। तुम्हारे सुझावों को सेना ने अपने नये एक्शन प्लान बनाने मे इस्तेमाल किया है। हमने उन्हें दो दिन पहले ही ग्रीन सिगनल दिया है। इतना बोल कर वह उठते हुए बोले… समीर, शाम को पाँच बजे रिपोर्ट करना। इसी के साथ हमारी मीटिंग समाप्त हो गयी थी। 

जीएचक्यू, रावलपिंडी

जनरल फैज को रिपोर्ट करते हुए उसके स्टाफ आफीसर कर्नल हमीद ने कहा… जनाब, तेहरीक-ए-तालिबान ने वजीरीस्तान मे अपना सिर उठाना आरंभ कर दिया है। अगर हमने जल्दी कुछ नहीं किया तो आगे चल कर उनको रोकना मुश्किल हो जाएगा। …कर्नल हमीद इस वक्त हमारी ओर से उनके खिलाफ होने वाली कोई भी कार्यवाही बन्द नहीं होनी चाहिये। फिलहाल अमरीका के दबाव मे दोनो मुख्य तंजीमे शांत बैठी हुई है और यही वक्त है कि जब हम उनके यहाँ पर बैठे हुए शीर्ष नेतृत्व का आसानी से सफाया कर सकते है। …जी जनाब। …अगर अमरीका यहाँ से बाहर निकल गया तो यह बदलाव हमारे हितों के लिये बेहद घातक साबित होगा। …जनाब, इन तंजीमो की शांति सब दिखावा है। अफगान तालिबान का गठजोड़ तेहरीक के साथ कोई छिपा हुआ नहीं है। हमारे पास पुख्ता खबर है कि तेहरीक और अफगान तालिबान मिल कर पाकिस्तान-चीन सड़क परियोजना को रोकने की कोशिश कर रहे है। उन दोनो के निशाने पर हमारे फौजी और चीन के कर्मचारी है। जनरल फैज ने कुछ सोच कर कहा… कर्नल, कश्मीर डेस्क आजकल शांत बैठ गयी है। वहाँ की तंजीमे क्या कर रही है? …जनाब, कश्मीर डेस्क पर आपने अभी तक कोई नयी नियुक्ति नहीं की है। इसीलिये वहाँ की तंजीमे भी आपके अगले निर्देश का इंतजार कर रही है। …क्या कोई ऐसी खबर मिली है कि तेहरीक और उन कश्मीरी तंजीमों के बीच कोई गठजोड़ हो रहा है? …नहीं जनाब, फिलहाल आठों तंजीमे पिछले नुकसान की भरपाई करने मे जुटी हुई है। अफगान तालिबान उन्हें ड्र्ग्स मुहैया करा रहा है और वह उसे भारत मे अलग-अलग रास्तों से पहुँचा रहे है।

जनरल फैज अपनी कुर्सी को छोड़ कर टहलते हुए बोला… कर्नल, हमे बस इसका ख्याल रखना है कि उनके बीच कोई गठजोड़ होना नहीं चाहिये। अगर ड्र्ग्स के कारण यह सभी तंजीमे मिल गयी तो फिर हमारे लिये बहुत बड़ा सिरदर्द बन जाएगी। हमे जल्दी से जल्दी कश्मीर डेस्क को एक्टिवेट करना होगा। क्या तुम्हारी नजर मे कोई आदमी है जो यह डेस्क संभाल सकता है? कर्नल हमीद तुरन्त पूछ बैठा… सर, मेजर हया इनायत मीरवायज का क्या हुआ? …उसका अभी तक कोई अता-पता नहीं चल सका है। वैसे भी पीरजादा उसकी नियुक्ति के खिलाफ है। …जनाब, आपका फारुख मीरवायज की बेवा मेहरीन के बारे मे क्या ख्याल है? वह कश्मीरी है और वहाँ के काफी प्रभावशाली पूर्व मंत्री की बेटी है। उसे हमने आप्रेशन खंजर के दौरान ट्रेनिंग दी है। आजकल मेहरीन पीरजादा के घर मे रह रही है। क्या उसको कश्मीर डेस्क नहीं दी जा सकती? जनरल फैज ने कुछ सोच कर कहा… तुम पीरजादा को जानते नहीं हो। आज भी वह अपने आप को अरब मूल का मानता है और उसी प्रकार के कायदे-कानून अपने लोगों पर लागू करता है। इसलिये मेहरीन को वह हमारे हवाले हर्गिज नहीं करेगा। तुम एक बार मुजफराबाद जाकर पीरजादा और मेहरीन से मिलने की कोशिश करो तो फिर कुछ चीजें साफ हो जाएँगी। अगर मेहरीन मे बदले की चिंगारी नजर आये तो शायद वह इस डेस्क को संभाल सकती है लेकिन इसमे पीरजादा की रजामन्दी का होना अतिआवश्य्क है। …जी जनाब।

…कर्नल हमीद, गज्वा-ए-हिंद के प्रोजेक्ट की क्या स्थिति है? …जनाब, हमने अखुन्डजादा और हक्कानी को इसके लिये तैयार कर लिया है परन्तु तेहरीक और तालिबान का शीर्ष नेतृत्व इसके लिये राजी नहीं है। इस प्रोजेक्ट को ब्रिगेडियर गफूर देख रहे है। तेहरीके-ए-तालिबान हिंदुस्तान को स्थापित करने के लिये बैतुल्लाह और गनी की सहमति चाहिये जिसके लिये वह हर्गिज तैयार नहीं है। …वह दोनो साले बिक गये है। जनरल फैज ने तुरन्त मेज रखे हुए फोन से नम्बर डायल करके बोला… ब्रिगेडियर आप तुरन्त यहाँ आईये। रिसीवर रखने के पश्चात जनरल फैज ने अपने स्टाफ आफीसर की ओर देख कर कहा… कर्नल हमीद, ब्रिगेडियर गफूर पर नजर रखना। यह प्रोजेक्ट फेल नहीं होना चाहिये। …यस सर। इतना बोल कर दोनो ब्रिगेडियर गफूर का इंतजार करने बैठ गये थे।

सेन्ट्रल कमांड, नई दिल्ली

आधी रात के समय सेन्ट्रल कमांड मे दिन निकला हुआ था। सभी स्टेशन्स पर पूरी तादाद मे अधिकारी तैनात थे और पल-पल की जानकारी एकत्रित हो रही थी। प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सेनाध्यक्ष व जीओसी उत्तर कमांड और तीन अन्य अधिकारी गोल मेज के चारों ओर बैठ कर सामने लगी हुई तीन विशाल स्क्रीन पर नजरें गड़ाये हुए थे। सभी के चेहरे पर तनाव के लक्षण साफ विद्दमान थे। मै और जनरल रंधावा संचार कन्सोल पर तैनात थे। …अजीत, आज के मिशन मे हमारे कितने टार्गेट है? …सर, हमारे पास पुख्ता सूचना है कि सीमा के पास छह स्थानों पर घुसपैठ के लिये 800-1000 के करीब जिहादी घुसपैठ करने के लिये एकत्रित हुए है। हमारे टार्गेट पर आज यही छह लांचिंग पैड्स है। …हमारी कितनी टीम्स इस काम मे भाग ले रही है? …सर, स्पेशल फोर्सेज की दो टीम्स दो अलग-अलग स्थानों से सीमा पार गयी है। पहली टीम उत्तरी छोर तंगधार से गयी है और दूसरी टीम पीर पंजाल के क्षेत्र से गयी है। पीर पंजाल मे तीन लाँच पैड्स के सेना ने चार सैनिकों की तीन टुकड़ी बनायी है और यही फार्मेशन तंगधार के लिये बनाया है। दोनो टीम्स सीमा पार करके उनके लांचिंग पैड्स पर हमला करके उनको नष्ट करने के लिये निकल गयी है। …सफलता की क्या संभावना है? अबकी बार उस समूह मे चुप्पी छा गयी थी।

दो घन्टे के बाद हमारा संचार कन्सोल सक्रिय हो गया था। …टीम वन कालिंग अल्फा। मैने जल्दी से कहा… अल्फा रिसीविंग यू लाउड एन्ड किलीयर। स्टेटस? …हम टार्गेट से 100 मीटर दूर है। बाडी काउन्ट लगभग 700 के करीब दिख रहे है। जीरो आवर पर एटैक आरंभ करेंगें। …गुड हंटिंग बोयज। ओवर एन्ड आउट। तभी एक बार फिर नयी आवाज गूंजी… टीम टू कालिंग अल्फा। फिर लगातार अलग-अलग टीम की पोजीशन्स की आवाज कुछ देर तक सेन्ट्रल कमांड मे गूंजती रही थी। जनरल रंधावा ने स्पीकर पर कहा… सर, सारी टीम्स अपनी-अपनी पोजीशन पर पहुँच चुकी है। …अजीत, जीरो आवर का क्या समय रखा है? …सर, 0400 आवर्स। प्रधानमंत्री ने सामने घड़ी पर नजर डाल कर पूछा… तो अगले एक घन्टे मे आप्रेशन आरंभ हो जाएगा। …यस सर। प्रधानमंत्री ने सेनाध्यक्ष और जीओसी की ओर देख कर पूछा… वह सभी कब तक अपनी सीमा मे वापिस लौट आएँगें? जीओसी उत्तर कमांड ने तुरन्त कहा… सर, सारी टीम्स को साढ़े छह-आठ बजे की विन्डो दी है। एक बार फिर से मेज पर चुप्पी छा गयी थी।

ठीक सुबह चार बजे स्पीकर पर आवाज गूंजी… आप्रेशन क्लीनआउट गो अहेड। इसी के साथ जीओसी उत्तरी कमांड ने कहा… सर, सामने पहले स्क्रीन पर देखिये छह स्थानों की रियल टाइम मे दृश्य उभर आये है। सबकी नजर उस स्क्रीन पर टिक गयी थी। चार के समूह मे सैनिक कोम्बेट फार्मेशन मे धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे। वैसी ही तस्वीरें बाकी छह स्थानों की भी स्क्रीन पर उभर आयी थी। तभी दूसरी और तीसरी स्क्रीन एकाएक रौशन हो गयी। मेज पर सभी साँस रोक कर बैठ गये थे। एकाएक सभी स्थानों मे एक ही समय विस्फोट हुआ और दावनल ने उन सभी बारह स्थानों को अपनी चपेट मे ले लिया था। उस आग से बच कर जो भी छवि बाहर निकल रही थी वह अगले ही क्षण गोलियों की चपेट मे आकर जमीन पर धाराशायी होती जा रही थी। बेहद भयानक दृश्य उभर कर स्क्रीन पर आ रहे थे। कभी छोटे और कभी बड़े विस्फोट होते दिखाई देते और कभी फायरिंग होती हुई दिख रही थी। इंसानी चीख-पुकार की आवाजें निरन्तर हाल मे गूंज रही थी परन्तु स्क्रीन पर सिर्फ आग और रुक-रुक कर विस्फोट होते हुए ही दिख रहे थे। बेहद भयानक मंजर था।    

मुश्किल से बीस मिनट के बाद आवाज गूंजी… टीम वन टू अल्फा। वी आर रिटर्निंग टू बेस। इसी प्रकार एक बार फिर एक के बाद एक अलग-अलग समूह ने अपने लौटने की सूचना देना आरंभ कर दिया था। सभी के चेहरों पर तनाव के बादल छँट गये थे। तभी पाकिस्तानी चौकियों ने हमारी दिशा मे फायरिंग व मोर्टार दागना आरंभ कर दिया था। एकाएक सभी के चेहरों पर तनाव वापिस लौट आया था। …तभी आवाज गूंजी… टीम वन कालिंग टु बेस। हम अपनी सीमा मे पहुँच गये है। कुछ मिनट के अन्तराल से एक बार फिर आवाजें गूंजने लगी… टीम फोर टु बेस। हम अपनी सीमा मे पहुँच गये है। सभी समूह अपने कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करके वापिस लौट रहे थे। जीओसी उत्तरी कमांड ने कहा… सर, अब आप जा सकते है। अब तो लगभग सभी टीम्स वापिस अपनी सीमा मे आ गयी है। प्रधानमंत्री ने उठते हुए कहा… अजीत सबके लौटने के बाद तुरन्त मुझे इसकी सूचना देना। तब तक सभी खड़े हो गये थे। …यस सर। आप बेफिक्र रहिये। अब हमारी एयर फ्लीट उन सबको आसमान से कवर कर रही है। दुश्मन इससे पहले कोई एक्शन ले उससे पहले उन पर ऐसा हमला होगा कि वह हिल भी नहीं सकेंगें। प्रधानमंत्री ने सेनाध्यक्ष से चलते हुए कहा… मै उन सभी जांबाज सैनिकों से एक बार मिलना चाहूँगा। इसका इंतजाम करा दिजियेगा। …यस सर। इतना बोल कर सेना अधिकारियों ने सैल्युट किया और प्रधानमंत्री और वीके हाल से बाहर निकल गये थे।       

अमरीकन दूतावास, इस्लामाबाद

राजदूत के विश्राम कक्ष के बाहर खड़े हुए सैनिक के वायरलैस पर आवाज गूंजी… सिक्युरीटी चीफ एलन बोल रहा हूँ। राजदूत को फौरन उठाईये। …यस सर। इतना बोल कर वह सैनिक दरवाजा खोल कर राजदूत के बेड के पास पहुँच कर धीरे से उन्हें हिला कर बोला… एक्सीलैन्सी। इमर्जेन्सी है। तुरन्त अपने आफिस मे पहुँच जाईये। राजदूत एक झटके के साथ उठा और तेजी से बाथरुम की ओर चला गया। दो मिनट के बाद वह बाथरुम से निकला और उस सैनिक के साथ अपने आफिस की दिशा मे चल दिया। उसके आफिस के बाहर पाकिस्तान का सेना अध्यक्ष, आईएसआई का निदेशक और गृह मंत्री इंतजार कर रहे थे। अमरीकन राजदूत को देखते ही सेनाअध्यक्ष ने अभिवादन किया तो राजदूत बोले… ऐसा क्या हो गया कि इतने सवेरे आपको यहाँ आना पड़ गया। गृह मंत्री तुरन्त बोला… जनाब, भारत ने अपने पश्चिमी फ्रंट को खोल कर हम पर हमला कर दिया है। अमरीकन राजदूत जोर से चीखा… क्या? …जी जनाब, भारत ने हम पर हमला कर दिया है। आप इसकी सूचना तुरन्त अपने राष्ट्र्पति को दे दिजिये क्योंकि अब जवाबी कार्यवाही मे हम परमाणू हथियारों का प्रयोग कर सकते है। अमरीकन राजदूत कुछ नहीं बोला और अपने आफिस मे प्रवेश करके उसने मेज पर रखा हुआ जैसे ही फोन उठाया कि तभी उसका मोबाईल फोन बजने लगा। अमरीकन राजदूत ने जल्दी से काल लेते हुए कहा… हैलो। कुछ देर तक दूसरी ओर से सुनने के पश्चात वह बोला… ओके। नो प्राब्लम। मुझे एनएसए ने ब्रीफ कर दिया था। प्लीज टेक केयर। उसने फोन काट कर उन तीनो की ओर देखा तो वह बड़ी आशा से उसकी ओर देख रहे थे।

…आपको किसने बताया कि भारत ने अपना पश्चिमी फ्रंट खोल दिया है? …जनाब, सीमा से सूचना मिली है कि आज सुबह चार बजे भारतीय फौज पाकिस्तान मे प्रवेश कर गयी है। …तो आपकी सेना और वायुसेना क्या कर रही थी? इस प्रश्न का जवाब तो तीनो के पास नहीं था। जब उनसे कोई जवाब नहीं मिला तो अमरीकन राजदूत बोला… अभी मेरे पास भारतीय एनएसए अजीत सुब्रामन्यम की काल आयी थी। उनकी ओर से की गयी कार्यवाही विवादित हिस्से मे स्थित जिहादियों कैंम्पों पर हुई है। उनका न तो युद्ध करने का विचार है और न ही वह आगे ऐसा करने की सोच रहे है। हाँ उन्होंने बस इतना कहा है कि उनकी नजर आपके सभी मिसाईल साईट्स पर टिकी हुई है। अगर आपकी ओर से उन साईट्स पर उन्हें कोई भी कार्यवाही या गतिविधि का आभास हुआ तो वह पहल करने से इस बार कोई परहेज नहीं करेंगें। इतना बोल कर राजदूत सोफे पर बैठ गया और उनकी ओर इशारा करके बोला… प्लीज आप भी बैठ जाईये। आराम से सोच कर मुझे जवाब दिजिये।

तीनो चुपचाप उसके सामने बैठ गये थे। कोई भी कुछ भी बोलने से झिझक रहा था।

मैने सभी छह साथियों को जनरल रंधावा से अगले दिन मिलवा दिया था। तिगड़ी से बात करके यह तय हुआ था कि सभी एक साथ पाकिस्तान मे प्रवेश नहीं करेंगें। जनरल रंधावा ने उन्हें पहले एसपीजी के सलेक्शन ग्रुप मे भेज दिया था। दो हफ्ते का प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात जनरल रंधावा ने ग्रीन सिगनल सभी छह लोगों को दे दिया था। …पुत्तर, छह मे चार को तो एसपीजी वालों ने मांग लिया था। दो को एनएसजी से न्यौता मिल गया था। मेरे कहने पर सभी छह सैनिकों को ट्रेनिंग कैंम्प से समय से पहले उन्हें रिलीज करना पड़ा था। …सर, अब इनका नामकरण भी कर दिजिये। जनरल रंधावा ने उसी दिन सबका नामकरण कर दिया था। जमीर का नाम सईद अनवर, सुखबीर का नाम सुहेल अंसारी, रशीद का नाम राशिद अली, पूरन सिंह का नाम परवेज़ मोहम्मद, नायडू का नाम नईम अख्तर हो गया था। सबसे ज्यादा मुश्किल थापा का नाम चुनने मे आयी थी। …पुत्तर, भला इस गोरखा को कैसे मुस्लिम बनाओगे? थापा जल्दी से बोला… साबजी, मै आपके साथ जाऊँगा। मैडम ने मुझसे कहा था कि जब तक वह वापिस नहीं लौटती तब तक मुझे आपके साये की तरह साथ रहना है। एक गोरखा का वचन है। अगर आप मुझे लेकर नहीं गये तो मै अपने आप वहाँ पहुँच जाऊँगा। जनरल रंधावा उस छोटे से गोरखा को कुछ देर घूरते रहे और फिर मुझसे बोले… पुत्तर, तू तो कुछ समझदारी दिखा। …सर, इसके कागजात गिल्गिट या स्कार्दू के बनवा दिजिये। वहाँ पर बहुत से छोटे-बड़े कबीले है जिनके नाक-नक्श इसके जैसे है। मेरे दबाव मे जनरल रंधावा ने कुछ सोच कर उसका नाम स्कार्दू का शमशेर कासगर रख दिया था। अगले एक हफ्ते मे नये नाम से उन सभी के कागज तैयार हो गये थे।

तिगड़ी ने इस बात पर काफी जोर दिया था कि सभी अलग-अलग रास्तों से पाकिस्तान मे प्रवेश करेंगें। मै तो उसी शाम कश्मीर के लिये निकल गया था। हमने यह तय किया था तीन हफ्ते के बाद हम सभी दोपहर को एक से दो बजे के बीच मुजफराबाद के परेड ग्राउन्ड पर मिलेंगें। मैने उनके लिये एक-एक करके पाकिस्तान जाने की व्यवस्था गोल्डन इम्पेक्स के द्वारा करवा दी थी। सईद, सुहेल और राशिद को काठमांडू से लाहौर पहुँचना था। परवेज, नईम और शमशेर दुबई के रास्ते से इस्लामाबाद जाने वाले थे। आधुनिक सैन्य हथियारों और संचार का सामान लेकर मै कुपवाड़ा पहुँच गया था। सर्जिकल स्ट्राईक्स के कारण सीमा पार सारे लाँचिग पैड्स वीरान पड़े हुए थे परन्तु सीमा पर दोनो ओर पेट्रोलिंग और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी हो गयी थी।

मेरे आप्रेशन अज्ञातवीर का आगाज़ हो गया था। इसकी आढ़ मे मुझे दोनो बच्चों को वहाँ से सुरक्षित निकालना था। मै अभी भी मानसिक रुप से तैयार नहीं हो सका था कि हया इनायत मीरवायज का सामना उसकी धरती और उसके लोगों के बीच कैसे कर सकूँगा? हया की सैन्य कार्यकुशलता का आंकलन मै एनएसजी के ट्रेनिंग सेन्टर मे कर चुका था। इसके कारण अब तक एक अजीब सा डर मेरे जहन मे घर कर चुका था। सिर्फ बच्चों को वहाँ से सुरक्षित निकालने का उद्देश्य मुझे उसका आमना सामना करने के लिये लगातार प्रेरित कर रहा था। तंगधार से सीमा पार करने के पश्चात मुझे जंगलो मे सुरक्षा एजेन्सियों के साथ तीन दिन तक लुका-छिपी करनी पड़ी थी। बड़ी मुश्किल से चौथी रात को मुझे सीमा पार करने का मौका मिल गया था। नीलोफर अपने पाकिस्तानी पास्पोर्ट की मदद से मुझसे पहले काठमांडू से सीधे इस्लामाबाद पहुँच गयी थी। वह मुजफराबाद मे मेरी राह देख रही होगी।

4 टिप्‍पणियां:

  1. पाकिस्तान की जमीनपे अज्ञात विरोंका तांडव शुरुही होनेवाला है, क्या निलोफर यंहा साथ देगी या अपनी फित्रतके मुताबिक समीर को किसी मुसिबतमे फंसा देगी, देखना दिलचस्प होगा.

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  2. फिर से एक नई शुरुवात हो रही है और नए जाल बिछाने की कोशिश में सब लोग लगे हुए हैं, अब आगे देखना दिलचस्प होगा।

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